IAF’s S-400: शनिवार को भारतीय वायुसेना के चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया, कि भारत ने रूसी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करके 5 पाकिस्तानी फाइटर जेट्स को मार गिराया है। इससे साबित होता है कि भारत की हवाई सुरक्षा कितनी मजबूत है। एयर चीफ मार्शल ने स्पष्ट किया, कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 सिस्टम ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी। इस मिशन में न केवल दुश्मन के फाइटर जेट्स को निशाना बनाया गया, बल्कि पाकिस्तानी ड्रोन्स और मिसाइल्स को भी इंटरसेप्ट किया गया। यह भारतीय रक्षा तंत्र की एक बड़ी सफलता है, जिससे पता चलता है कि हमारा देश किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
S-400 क्या है और कैसे काम करता है-
एयर डिफेंस सिस्टम रूस में बना S-400 एक अत्याधुनिक सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम है, जो बेहद बड़े एरिया की हवाई सुरक्षा प्रदान करता है। इसकी सबसे खास बात यह है, कि यह दूर से ही हवाई खतरों को पहचान कर उन्हें मार गिरा सकता है। आम भाषा में कहें तो यह एक ऐसा सिस्टम है, जो आसमान में आने वाले किसी भी दुश्मन को रोकने का काम करता है।
इसकी एडवांस्ड रडार और इंटरसेप्शन कैपेबिलिटी इसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम का एक अहम हिस्सा बनाती है। यह एक साथ कई टारगेट्स से निपट सकता है, चाहे वे एयरक्राफ्ट हों, क्रूज मिसाइल्स हों या बैलिस्टिक मिसाइल्स। इसकी यही खूबी इसे दुनिया के सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम्स में से एक बनाती है।
तीन मुख्य कंपोनेंट्स से मिलकर बना है यह सिस्टम-
रक्षा मंत्रालय ने 2021 में एक स्टेटमेंट में बताया था, कि S-400 देश की हवाई सुरक्षा क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यह सिस्टम तीन मुख्य भागों से मिलकर बना है – मिसाइल लॉन्चर्स, एक पावरफुल रडार सिस्टम और एक कमांड सेंटर। इन तीनों कंपोनेंट्स के जरिए यह एयरक्राफ्ट से लेकर मिसाइल्स तक कई प्रकार के खतरों को टारगेट कर सकता है।
इसकी इंप्रेसिव लॉन्ग रेंज कैपेबिलिटीज की वजह से NATO के सदस्य देश इसे एक बड़ा खतरा मानते हैं। इसमें सभी प्रकार के आधुनिक कॉम्बैट में एंगेज होने की क्षमता है। जब भी कोई हवाई खतरा डिटेक्ट होता है, तो इंटरसेप्शन फेज शुरू हो जाता है, जिसमें फाइटर जेट्स दुश्मन के एयरक्राफ्ट से निपटते हैं, जबकि S-400 जैसे सरफेस टू एयर मिसाइल्स आने वाले खतरों को संभालते हैं।
300 किलोमीटर की रेंज में बनाया रिकॉर्ड-
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 मिसाइल सिस्टम की भूमिका बेहद अहम थी, क्योंकि इसने पाकिस्तानी ड्रोन्स और मिसाइल्स को इंटरसेप्ट किया था। सबसे बड़ी बात यह है, कि इसने 300 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज पर एक एयरक्राफ्ट को सफलतापूर्वक हिट करके रिकॉर्ड बनाया है। न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार, यह इसकी लॉन्ग रेंज कैपेबिलिटी का बेहतरीन प्रमाण है।
यह दिखाता है, कि भारत का S-400 सिस्टम न केवल काम कर रहा है, बल्कि उम्मीद से भी बेहतर परफॉर्म कर रहा है। 300 किलोमीटर की दूरी से किसी टारगेट को हिट करना कोई आसान काम नहीं है और इसकी सफलता साबित करती है, कि भारत की हवाई सुरक्षा अब वर्ल्ड क्लास लेवल पर पहुंच गई है।
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5 बिलियन डॉलर का सौदा और भविष्य की योजनाएं-
अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ 5 बिलियन डॉलर यानी लगभग 37 हजार करोड़ रुपए का सौदा फाइनल किया था। जिसके तहत पांच S-400 यूनिट्स खरीदे जाने थे। अब तक तीन यूनिट्स डिलीवर हो चुकी हैं और बाकी दो का इंतजार है। इस साल जून में रूसी डिप्टी एंबेसडर टू न्यू दिल्ली रोमन बाबुश्किन ने बताया था, कि भारत को S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की बाकी रेजिमेंट्स 2026 तक मिल जाएंगी।
यह खबर भारत की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अच्छी है, क्योंकि जब सभी पांच यूनिट्स पूरी तरह तैनात हो जाएंगी, तो भारत की हवाई सुरक्षा और भी मजबूत हो जाएगी। इससे न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन जैसे पड़ोसी देशों को भी यह संदेश जाएगा, कि भारत अपनी सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं करता।
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