Modi Maldives Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 से 26 जुलाई तक मालदीव की यात्रा करने जा रहे हैं। यह यात्रा उनके ब्रिटेन के दौरे के तुरंत बाद होगी, जहां उनसे मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है। सरकारी बयान के अनुसार, यह यात्रा दोनों देशों के बीच बिगड़े हुए रिश्तों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पिछले कुछ सालों से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई थी। इसकी मुख्य वजह कुछ मालदीवी नेताओं द्वारा चलाया गया ‘इंडिया आउट’ अभियान और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का चीन की तरफ झुकाव था। ऐसे में प्रधानमंत्री की यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत का संकेत देती है।
Modi Maldives Visit राष्ट्रीय दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि-
प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव के 60वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का न्योता मिला है। यह न्योता खुद राष्ट्रपति मुइज्जू की तरफ से दिया गया है, जो इस बात का प्रमाण है, कि मालदीव भी भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारना चाहता है। राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि बनना किसी भी देश के लिए एक सम्मान की बात होती है। इस दौरान दोनों नेता मिलकर भारत-मालदीव के बीच व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे। यह साझेदारी अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान स्वीकार की गई थी। इस साझेदारी में आर्थिक सहयोग और समुद्री सुरक्षा दोनों क्षेत्रों में तालमेल बढ़ाने की बात है।
2019 के बाद पहली बार मालदीव जा रहे प्रधानमंत्री-
प्रधानमंत्री मोदी आखिरी बार जून 2019 में मालदीव गए थे। तब से लेकर अब तक काफी कुछ बदला है। वहीं दूसरी तरफ, राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने पद संभालने के बाद पहली द्विपक्षीय यात्रा भारत की ही की थी, जो पिछले साल अक्टूबर में हुई थी। यह दिखाता है कि दोनों तरफ से रिश्ते सुधारने की कोशिश की जा रही है। पांच सालों का यह अंतराल दिखाता है, कि दोनों देशों के बीच कितनी दूरी आ गई थी। ‘इंडिया आउट’ मुहिम के दौरान तो लगा था, कि रिश्ते और भी बिगड़ सकते हैं। लेकिन अब इस यात्रा से उम्मीद जगी है, कि पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध वापस आ सकते हैं।
पड़ोसी देशों को पहले की नीति को मिलेगा बढ़ावा-
यह यात्रा भारत की ‘पड़ोसी देशों को पहले’ नीति को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत रिश्ते बनाना चाहता है। मालदीव भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत अहम है, क्योंकि यह हिंद महासागर में एक महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है।
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बदलते अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के समीकरण का असर-
आज के बदलते अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक माहौल में मोदी की इस यात्रा को बहुत बारीकी से देखा जा रहा है। उम्मीद की जा रही है, कि यह यात्रा भारत-मालदीव संबंधों के भविष्य को आकार देगी। दुनिया भर में जब गठबंधन बदल रहे हैं और नई साझेदारियां बन रही हैं, तो पड़ोसी देशों के साथ मजबूत रिश्ते बनाना और भी जरूरी हो जाता है। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के जानकार मानते हैं, कि यह यात्रा सिर्फ दो देशों के बीच की बातचीत नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
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