Delhi Murder Conspiracy
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    Delhi Murder Conspiracy: दिल्ली के द्वारका स्थित उत्तम नगर इलाके में एक ऐसी घटना सामने आई है, जो दिखाती है, कि कैसे सामाजिक माध्यमों का इस्तेमाल करके एक भयानक अपराध को अंजाम दिया जा सकता है। 13 जुलाई को जब माता रूप रानी मग्गो अस्पताल से पुलिस कंट्रोल रूम को फोन आया, कि 36 वर्षीय करण की मौत हो गई है, तो शुरुआत में यह एक प्राकृतिक मौत लगी। लेकिन जांच में जो सच सामने आया, वह बेहद चौंकाने वाला था।

    इंस्टाग्राम के 90 मैसेजेस में छुपा था पूरा प्लान-

    पुलिस के मुताबिक, करण की पत्नी सुष्मिता और उसके प्रेमी राहुल के बीच इंस्टाग्राम पर 90 से ज्यादा संदेश मिले हैं, जिनमें पति की हत्या का षड्यंत्र था। सबसे डरावनी बात यह है, कि राहुल करण का चचेरा भाई था यानी ताऊ का बेटा। दो साल से चल रहे इस अवैध संबंध में दोनों ने मिलकर करण को मारने की साजिश रची थी। पुलिस उपायुक्त द्वारका अंकित कुमार सिंह के अनुसार, “करण के भाई को सुष्मिता के व्यवहार पर पहले से ही शक था। जब उसने इन बातचीत को पढ़ा, तो पूरी साजिश का पता चल गया।”

    पहले नींद की गोलियां, फिर बिजली का झटका-

    जांच में पता चला, कि 12 जुलाई की रात सुष्मिता ने करण के खाने में 15 नींद की गोलियां मिलाई थीं। जब वह नहीं मरा तो उसने राहुल को मैसेज भेजा। एक मैसेज में सुष्मिता ने लिखा था, “इतनी गोलियां दे चुकी हूं, फिर भी कुछ नहीं हो रहा… अब करंट ही देना पड़ेगा।” राहुल का जवाब और भी डरावना था, “उसके हाथ पैर टेप से बांध देना, फिर करंट लगाना।” एक और मैसेज में सुष्मिता ने पूछा था, “कितनी देर करंट लगाना पड़ेगा कि वो मरे?” यह मैसेज दिखाते हैं, कि दोनों ने कितनी बेरहमी से इस अपराध को अंजाम देने की योजना बनाई थी।

    परिवार को बनाया गवाह-

    हत्या के बाद सुष्मिता ने बहुत ही चतुराई से अभिनय किया। वह तुरंत अपने ससुराल गई और बताया, कि करण गिर गया है और बेहोश हो गया है। परिवार के लोग घबराकर उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने बिजली के झटके की वजह से मौत बताई। इस तरह सुष्मिता ने अपने ही परिवार को अपने झूठ का गवाह बनाया।

    गायब होने वाले मैसेज का इस्तेमाल-

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांचकर्ता यह भी देख रहे हैं, कि कहीं सुष्मिता ने इंस्टाग्राम के गायब होने वाले संदेशों की सुविधा का इस्तेमाल तो नहीं किया था, ताकि परिवार के सदस्यों और सास-ससुर को पता न चल सके। यह दिखाता है, कि कैसे आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।

    पहले भी कर चुके थे हत्या की कोशिश-

    सबसे चौंकाने वाली बात यह है, कि यह उनकी पहली कोशिश नहीं थी। बातचीत के मैसेज से पता चला, कि दोनों ने पहले भी करण को मारने की कोशिश की थी। उन्होंने पहले भी उसे दवा देकर देखा था, कि वह कब तक बेहोश रहता है।

    दो सालों का प्रेम प्रसंग बना हत्या का कारण-

    दो साल से चल रहे इस अवैध रिश्ते में दोनों ने तय किया था, कि करण को रास्ते से हटाना होगा। परिवार के ही एक सदस्य के साथ चल रहा यह संबंध दिखाता है, कि कैसे पारिवारिक रिश्तों में विश्वासघात हो सकता है। राहुल जो करण का अपना चचेरा भाई था, वही उसकी हत्या में शामिल था।

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    अब क्या होगा आगे?

    फिलहाल दोनों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। पुलिस उपायुक्त अंकित कुमार सिंह के अनुसार, “दोनों से पूछताछ कर रहे हैं। उन्होंने माना है, कि वे कई हफ्तों से इसकी योजना बना रहे थे और पहले भी हत्या की कोशिश की थी।”दोनों पर हत्या और आपराधिक साजिश के धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। न्यायालयिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो इस मामले को और भी मजबूत बना सकती है। यह मामला दिखाता है, कि कैसे पारिवारिक रिश्तों में विश्वासघात हो सकता है और कैसे तकनीक का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एक चेतावनी है, कि हमें अपने आस-पास के व्यवहारिक बदलावों को गंभीरता से लेना चाहिए।

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