Dharamsthala Mass Burials: कर्नाटक के प्रसिद्ध धर्मस्थल मंदिर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो पूरे देश को हिला देने वाला है। राज्यसभा सांसद संदोष कुमार पी के गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मंदिर में काम करने वाले एक सफाई कर्मचारी ने अपने अपराध कबूल करते हुए बताया है, कि उसने दो दशकों में 500 से अधिक लोगों के शवों को दफनाया है। इनमें से अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे, जिनके साथ यौन हिंसा हुई थी।
कंपा देने वाली कहानी-
द् फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, यह कहानी किसी डरावनी फिल्म की तरह लग सकती है, लेकिन यह कड़वी सच्चाई है। मंदिर का वह सफाई कर्मचारी, जो अब सुरक्षा में है, ने बताया है, कि वह अपराधियों को उन जगहों पर ले जा सकता है, जहां उसने शवों को दबाया था। उसके बयान में सामूहिक दफनाने, तेजाब से चेहरे बिगाड़ने और योजनाबद्ध हत्याओं की भयानक कहानी है। सबसे डरावनी बात यह है, कि उसके पास इन सभी दावों के सबूत भी हैं।
सांसद के पत्र के अनुसार, इन अपराधों में यह व्यक्ति 1995 से 2014 के बीच शामिल था। हाल ही में वह उन जगहों पर वापस गया था और कुछ कंकालों को निकाला भी था। अब वह अपने किए पर पछताते हुए सच्चाई बताना चाहता है, बशर्ते उसे और उसके परिवार को कानूनी सुरक्षा मिले।
500 human bodies 😶
Dharmasthala story should be shaking up the entire country. pic.twitter.com/EBZljfANbe
— Mahesh Kusumagiri (@maheshkusumagir) July 19, 2025
डर और धमकियों का माहौल-
यह मामला और भी गंभीर हो जाता है, जब हम जानते हैं, कि जो लोग इन मामलों में न्याय की मांग कर रहे थे, उन्हें धमकियां दी जा रही थीं। आरटीआई दाखिल करने वाले, कार्यकर्ता और पीड़ित परिवारों को डराया-धमकाया गया। उन्हें ऑनलाइन गालियां दी गईं और उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई। यह दिखाता है, कि कितने ताकतवर लोग इस मामले में शामिल हो सकते हैं। 3 जुलाई को दर्ज शिकायत के बाद धर्मस्थल पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 211(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। कर्नाटक सरकार ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है।
एक मां की पीड़ा-
इस पूरे मामले में 15 जुलाई को 60 वर्षीय सुजाता ने एक नई शिकायत दर्ज कराई है। उनकी बेटी अनन्या एक एमबीबीएस की छात्रा थी, जो 2003 में कॉलेज की यात्रा के दौरान धर्मस्थल गई थी और वहां से लापता हो गई थी। एक मां की 20 साल पुरानी पीड़ा आज भी उसके दिल को तड़पाती है। वह अपनी बेटी का हाल जानना चाहती है और उसे न्याय दिलाना चाहती है।
NIA को सौंपा जाए मामला-
राज्यसभा सांसद संदोष कुमार ने अपने पत्र में साफ शब्दों में कहा है, कि स्थानीय पुलिस एक भरोसेमंद विशेष जांच दल बनाने में असफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया है, कि तथाकथित ‘दोषमुक्ति समीक्षा समिति’ कभी सही तरीके से काम ही नहीं करी। स्थानीय पुलिस की लापरवाही को देखते हुए, उन्होंने गृह मंत्रालय से मांग की है, कि यह मामला तुरंत राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया जाए।
धर्मस्थल की पवित्रता और सच्चाई-
सांसद का कहना है, कि धर्मस्थल जैसा पवित्र स्थान, जहां पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं, डर, संदेह और दबे हुए सच के बादलों में नहीं घिरा रह सकता। वह कहते हैं, कि जनता के प्रतिनिधि होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है, कि हम पीड़ितों, देश और धर्मस्थल की विरासत के लिए बिना किसी डर या पक्षपात के सच्चाई सामने लाएं।
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सुरक्षा में गवाह-
दक्षिण कन्नड़ के एसपी डॉ अरुण के ने शुक्रवार को जारी प्रेस रिलीज में कहा, कि शिकायतकर्ता ने दावा किया है, कि उसने आपराधिक गतिविधियों के कारण मारे गए लोगों के शवों को चुपके से दफनाया था। अब अपराधबोध से भरा यह व्यक्ति अपराधियों के नाम और शवों को दफनाने की जगह बताने को तैयार है, बशर्ते उसे और उसके परिवार को कानूनी सुरक्षा मिले।
यह व्यक्ति पहले डर के कारण अपने परिवार के साथ शहर छोड़कर भाग गया था। अब वह वापस आकर सच्चाई बताना चाहता है। पुलिस ने बताया है, कि अपराधियों के नाम और स्केच अधिकारियों को सौंप दिए जाएंगे। हालांकि अभी तक इन जानकारियों की सच्चाई की पुष्टि नहीं हुई है।
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