Mumbai Local Train News
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    Mumbai Local Train News: यह हादसा तब हुआ जब दो ट्रेनें विपरीत दिशाओं में एक-दूसरे को पार कर रही थीं। ऑफिशियल्स के अनुसार, दोनों अप और डाउन ट्रेनों के फुटबोर्ड पर खड़े यात्री क्रॉसिंग के दौरान आपस में टकरा गए। सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल धनराज निला ने बताया कि विपरीत दिशाओं में चलने वाली ट्रेनों के दरवाजों के किनारे यात्रा कर रहे पैसेंजर्स उलझ गए और बैलेंस खो बैठे।

    निला ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कोई कॉलिजन नहीं है। इस इंसिडेंट में विपरीत दिशाओं में जा रही ट्रेनों के फुटबोर्ड पर यात्रा कर रहे पैसेंजर्स आपस में एंटेंगल हो गए। यह इस इंसिडेंट की एक सस्पेक्टेड वजह है, जैसा कि एक पैसेंजर ने इन्फॉर्म किया है। दो ट्रेनों के बीच की डिस्टेंस 1.5-2 मीटर है, लेकिन कर्व्स पर थोड़ा सा टिल्ट होता है, और यह इंसिडेंट की एडिशनल वजह हो सकती है।

    Mumbai Local Train News आठ यात्री गिरे, पांच की मौके पर मौत-

    कुल आठ पैसेंजर्स ट्रेन से गिरे थे और पांच को ब्रॉट डेड डिक्लेयर कर दिया गया। प्रिलिमिनरी रिपोर्ट्स बताती हैं कि ट्रेन ओवरक्राउडेड थी और कई पैसेंजर्स दरवाजों के पास हैंग कर रहे थे। उनमें से कुछ ने रिपोर्टेडली अपनी ग्रिप खो दी और मुंब्रा स्टेशन के पास मूविंग ट्रेन से गिर गए।

    यह हादसा एक बार फिर मुंबई की लोकल ट्रेनों की भीड़भाड़ की समस्या को हाइलाइट करता है। रोजाना लाखों लोग इन ट्रेनों से अपने काम-धंधे के लिए सफर करते हैं, लेकिन कैपेसिटी से ज्यादा भीड़ के कारण ऐसे दुर्घटनाएं होती रहती हैं। फुटबोर्ड पर खड़े होकर या दरवाजों से हैंग करके यात्रा करना एक कॉमन प्रैक्टिस बन गई है, जो एक्सट्रीमली डेंजरस है।

    तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू-

    इंसिडेंट के तुरंत बाद पुलिस टीम्स और रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन घटनास्थल पर पहुंच गए। घायल यात्रियों को नजदीकी हॉस्पिटल्स में भर्ती कराया गया। इंसिडेंट के कारण की इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दी गई है। पुलिस और रेलवे ऑथॉरिटीज इस मामले की गहरी जांच कर रही हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

    इस एक्सिडेंट के बाद सेंट्रल लाइन पर लोकल ट्रेन सर्विसेज डिस्रप्ट हो गईं। हजारों कम्यूटर्स को प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। सेंट्रल रेलवे के ऑफिशियल्स ने कन्फर्म किया है कि नॉर्मल ऑपरेशन्स रिस्टोर करने के एफर्ट्स अंडरवे हैं।

    सेफ्टी मेजर्स की डिमांड-

    इस एक्सिडेंट के बाद रेलवे बोर्ड द्वारा एक ऑर्डर इश्यू किया गया है कि मुंबई सबअर्बन ट्रेनों के लिए मैन्युफैक्चरिंग के अंडर सभी रेक्स में ऑटोमेटिक डोर क्लोजर फैसिलिटीज होनी चाहिए। फर्दर, सर्विस में सभी रेक्स में री-डिज़ाइंड डोर क्लोजर फैसिलिटी होगी।

    यह स्टेप एक राइट डायरेक्शन में है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिर्फ टेक्निकल सॉल्यूशन्स काफी नहीं हैं। पैसेंजर्स की अवेयरनेस और बिहेवियर चेंज भी जरूरी है। लोगों को समझना होगा कि फुटबोर्ड पर खड़े होकर या दरवाजों से लटककर यात्रा करना कितना रिस्की है।

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    कम्यूटर्स की समस्या-

    मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में रोजाना करोड़ों लोग सफर करते हैं। ऑफिस आवर्स में ये ट्रेनें इतनी भरी होती हैं कि लोगों के पास दरवाजों से हैंग करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचता। यह प्रॉब्लम सिर्फ टेक्निकल इश्यूज से सॉल्व नहीं होगी, बल्कि मोर ट्रेनों और बेटर इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है। गवर्नमेंट और रेलवे को मिलकर इस प्रॉब्लम का परमानेंट सॉल्यूशन निकालना होगा ताकि ऐसी दुखद घटनाएं न हों।

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