Delhi Tunnel Project
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    Delhi Tunnel Project: दिल्ली की बढ़ती ट्रैफिक प्रॉब्लम्स से परेशान लोगों के लिए खुशखबरी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की घोषणा की है, जो ट्रैफिक कंजेशन को कम करने में हेल्प करेगा दक्षिण दिल्ली और एनसीआर की बड़ी सड़कों पर। यह 5 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जाएगी, जो शहर के ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को बिल्कुल नया रूप दे देगी।

    Delhi Tunnel Project कहां से कहां तक बनेगी यह टनल-

    यह मॉडर्न टनल शिव मूर्ति-महिपालपुर (द्वारका एक्सप्रेसवे के पास) को वसंत कुंज के नेल्सन मंडेला रोड से कनेक्ट करेगी। 3,500 करोड़ रुपए की इस विशाल प्रोजेक्ट को नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) एक्जीक्यूट करेगी। यह उन छह मेजर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का हिस्सा है जिन्हें केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने दिल्ली के लिए अप्रूवल दी है।

    मुख्यमंत्री ऑफिस के अकॉर्डिंग, इस टनल में दो अंडरग्राउंड ट्यूब्स होंगी – हर डायरेक्शन के लिए एक। हर ट्यूब में तीन लेन्स होंगी, यानी कुल मिलाकर छह लेन्स की यह टनल होगी। यह इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन एग्जांपल होगा जो दिल्ली के ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को नई हाइट्स पर ले जाएगा।

    Delhi Tunnel Project ट्रैफिक जाम से मिलेगी कंप्लीट रिलीफ-

    इस टनल का सबसे बड़ा बेनिफिट यह होगा कि यह दक्षिण दिल्ली और द्वारका/गुड़गांव के बीच एक डायरेक्ट, सिग्नल-फ्री कॉरिडोर प्रोवाइड करेगी। इससे एनएच-48 पर खासकर पीक ऑवर्स में होने वाले ट्रैफिक जाम्स से छुटकारा मिलेगा। यह एक गेम-चेंजर साबित होगा क्योंकि अभी तक इन रूट्स पर कम्यूटर्स को घंटों ट्रैफिक में फंसना पड़ता था।

    इस टनल से नेल्सन मंडेला रोड, महिपालपुर, रंगपुरी, धौला कुआं और राव तुला राम मार्ग जैसी सड़कों पर प्रेशर काफी कम हो जाएगा। जो लोग डेली इन रूट्स से ट्रैवल करते हैं, उनके लिए यह बहुत बड़ी रिलीफ होगी। अब वे अपना टाइम सेव कर सकेंगे और फ्यूल की भी सेविंग होगी।

    मॉडर्न सिक्योरिटी सिस्टम से लैस होगी टनल-

    यह टनल सिर्फ ट्रैफिक की प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए नहीं बल्कि कंप्लीट सेफ्टी के साथ बनाई जाएगी। इसमें इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम्स, वेंटिलेशन, फायर सेफ्टी मैकेनिज्म्स, सीसीटीवी सर्विलांस, कंट्रोल रूम्स, इमरजेंसी एग्जिट्स और क्रॉस-पैसेजेस की अरेंजमेंट होगी। यह सभी मॉडर्न फैसिलिटीज इस टनल को वर्ल्ड-क्लास बनाएंगी।

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “हम दिल्ली को कंजेशन-फ्री और क्लीन बनाने के लिए कमिटेड हैं। इस टनल के कंस्ट्रक्शन से रोड्स पर बर्डन कम होगा, ट्रैफिक सिग्नल्स एलिमिनेट होंगे और फ्यूल की सेविंग होगी।” उन्होंने इस प्रोजेक्ट को “फ्यूचर की दिल्ली की फाउंडेशन” बताया और कहा कि यह शहर के ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को ट्रांसफॉर्म करने में क्रूशियल रोल प्ले करेगा।

    24,000 करोड़ के पैकेज का हिस्सा-

    यह टनल एक ब्रॉडर इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज का पार्ट है जिसकी टोटल वैल्यू 24,000 करोड़ रुपए है। यह पैकेज रीसेंटली केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ हुई मीटिंग के बाद दिल्ली के लिए अप्रूव हुआ है। इससे पता चलता है कि गवर्नमेंट दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर कितनी सीरियस है।

    लॉन्ग टर्म में होंगे और भी बेनिफिट्स-

    लॉन्ग टर्म में यह टनल सेंट्रल और ईस्ट दिल्ली को मल्टिपल नेशनल हाइवेज और एक्सप्रेसवेज से कनेक्ट करने का काम करेगी। इनमें दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे (एनई-5), एनएच-44, एनएच-10, दिल्ली-जयपुर हाइवे (एनएच-48), और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (एनएच-709बी) इंक्लूड हैं। यह कनेक्शन अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर) और द्वारका एक्सप्रेसवे के थ्रू होगा।

    इस इंटिग्रेशन का मतलब है, कि आर्टेरियल रोड्स पर ट्रैफिक लोड कम होगा और रीजन की ओवरऑल एयर क्वालिटी में इंप्रूवमेंट होगी। यह एनवायरनमेंटल बेनिफिट्स भी देगा क्योंकि कम ट्रैफिक जाम्स का मतलब है कम पॉल्यूशन और बेटर एयर क्वालिटी।

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    कब स्टार्ट होगा वर्क-

    मुख्यमंत्री ऑफिस ने बताया, कि इस प्रोजेक्ट की सभी टेक्निकल और फॉर्मल क्लीयरेंसेस फाइनल स्टेजेस में हैं। वर्क अगले साल की बिगिनिंग में स्टार्ट होने की एक्सपेक्टेशन है। यह टाइमलाइन शो करता है कि गवर्नमेंट इस प्रोजेक्ट को फास्ट-ट्रैक करने के लिए डिटर्माइंड है।

    दिल्ली के रेजिडेंट्स के लिए यह एक रेवोल्यूशनरी चेंज होगा। जो लोग डेली कम्यूट करते हैं, उनकी लाइफ क्वालिटी में सिग्निफिकेंट इंप्रूवमेंट होगी। यह टनल न सिर्फ टाइम सेव करेगी बल्कि स्ट्रेस भी रिड्यूस करेगी जो ट्रैफिक जाम्स की वजह से होता है। यह प्रोजेक्ट दिल्ली को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में एक इंपॉर्टेंट स्टेप है।

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