ChatGPT: आज के समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता हर क्षेत्र में अपना कमाल दिखा रही है। लेकिन डेलावेयर प्रांत में रहने वाली जेनिफर एलन की कहानी सबसे अलग है। इस संपत्ति व्यापारी और सामग्री निर्माता ने ChatGPT की मदद से अपने 23 हजार डॉलर यानी लगभग 19 लाख रुपए के कर्ज़ से छुटकारा पाने की ठानी थी। 30 दिन की कड़ी मेहनत के बाद उसने 12,078.93 डॉलर यानी करीब 12 लाख रुपए का कर्ज़ कम कर दिया।
जेनिफर ने न्यूज़वीक पत्रिका को बताया, कि वो अपनी पूरी वयस्क जिंदगी में पैसों की समस्या से जूझती रही है। उसने कहा, "समस्या यह नहीं थी कि मैं कम कमाती हूं, बल्कि मुझे कभी आर्थिक साक्षरता सिखाई ही नहीं गई। मैं बजट बनाने से बचती रहती थी और सोचती थी कि अगर मैं और मेहनत करूंगी, तो इस समस्या से निकल जाऊंगी। यह तरीका तब तक काम करता रहा जब तक कि यह काम नहीं आया।"
ChatGPT बेटी के जन्म के बाद बढ़ गईं मुश्किलें-
जेनिफर की मुश्किलें बेटी के जन्म के बाद और भी बढ़ गईं। बच्चे की देखभाल और प्रसव के बाद के खर्चों की वजह से उसके व्यय काफी बढ़ गए। उसने बताया, "मैं मानसिक रूप से टूट गई थी और पैसे के कार्डों का इस्तेमाल करके अपनी जिंदगी को चलाने की कोशिश कर रही थी। हम कोई राजसी जिंदगी नहीं जी रहे थे। हम बस जिंदा रहने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन जब मैं ध्यान नहीं दे रही थी, तब कर्ज़ बढ़ता ही जा रहा था।"
यहां ChatGPT एक सहायक बनकर आया। इस कृत्रिम बुद्धिमत्ता चैटबॉट ने जेनिफर को उन जगहों की पहचान करने में मदद की जहां वो फालतू खर्च कर रही थी। जैसे कि अनुपयोगी सदस्यताओं को रद्द करना और अनावश्यक सामान को बेचना। ChatGPT ने उसे अतिरिक्त आय पैदा करने के तरीके भी सुझाए, जैसे कि फेसबुक बाजार में सामान बेचना।
30 दिन की चुनौती से मिली प्रेरणा-
जेनिफर को ऑनलाइन 30 दिन की चुनौतियों से प्रेरणा मिली और उसने खुद को चुनौती दी कि वो "30 दिनों तक रोज़ाना ChatGPT का इस्तेमाल करके अपना कर्ज़ चुकाने की कोशिश करेगी - चाहे वो अतिरिक्त काम के बारे में सोचना हो या फिर सिर्फ अपनी जिंदगी में कुछ व्यवस्था लाना हो।" जेनिफर ने जून में अपने टिकटॉक खाते पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उसने साझा किया, कि उसने अपनी चुनौती के दिन 30 पूरे कर लिए है। इस दौरान वो 12,078.93 डॉलर का कर्ज़ चुकाने में सफल रही।
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कोई जादुई तरीका नहीं था-
जेनिफर ने न्यूज़वीक को बताया, "यह कोई बड़ा आर्थिक हथकंडा नहीं था। असल में यह रोज़ाना अपनी समस्या का सामना करने का काम था - उसे देखना, उसके बारे में बात करना, रोज़ाना उसको ध्यान में रखना। मैंने अपने आंकड़ों से डरना बंद कर दिया। मैंने एक कर्ज़ ट्रैकर बनाया।" यह कहानी इस बात का प्रमाण है, कि आज के समय में तकनीक हमारी सबसे बड़ी मुश्किलों का हल भी हो सकती है। जेनिफर की यह सफलता की कहानी सामाजिक माध्यमों पर वायरल हो गई है और हजारों लोगों को प्रेरणा दे रही है।
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