Puri Rath Yatra Stampede
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    Puri Rath Yatra Stampede: भगवान जगन्नाथ के पावन धाम पुरी में रविवार को एक दिल दहलाने वाली घटना घटी। प्रसिद्ध रथ यात्रा के दौरान अप्रत्याशित भीड़ के कारण हुई भगदड़ में तीन निर्दोष जानें चली गईं। इस दुखद हादसे में दो पुरुष और एक महिला की मौत हो गई, जबकि अनेक अन्य श्रद्धालु घायल हुए हैं। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, छह व्यक्तियों की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।

    घटनास्थल से मिली रिपोर्ट्स और तस्वीरें मन को व्यथित कर देने वाली हैं। मृतकों और घायलों के परिवारजन असहनीय पीड़ा में डूबे हुए दिखे। कई लोग अपने प्रियजनों को खोने के गम में बिलख रहे थे। यह दृश्य साफ दिखाता है, कि कैसे एक पवित्र उत्सव अचानक से एक त्रासदी में बदल गया।

    Puri Rath Yatra Stampede सुबह से ही बिगड़ते रहे हालात-

    एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, समस्या का बीज तड़के 2-3 बजे से ही पड़ना शुरू हो गया था। उसका कहना है कि विशिष्ट व्यक्तियों के लिए अलग प्रवेश व्यवस्था की गई थी, जिसके कारण सामान्य भक्तों को अपना रास्ता बदलना पड़ा। पहले से ही खचाखच भरे प्रवेश गेट पर यह व्यवस्था भारी पड़ गई। इसके अतिरिक्त, यातायात नियंत्रण भी कमजोर था, जिससे बिना अनुमति वाले कई वाहन मंदिर परिसर के नजदीक पहुंच गए।

    स्थानीय निवासी स्वाधीन कुमार पांडा ने मीडिया को बताया, "मैं रात भर वहां मौजूद था, लेकिन प्रबंधन बेहद खराब था। VIPs के लिए नया मार्ग बनाया गया और आम भक्तों को दूसरी तरफ से निकलने को कहा गया। मगर लोग मुख्य द्वार से ही निकलने लगे, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।"

    उन्होंने आगे बताया, "वाहनों की व्यवस्था भी अव्यवस्थित थी। अवैध पास वाले कई वाहन मंदिर के समीप आ गए थे। अधिकारियों ने भीड़ को संभालने में पूरी तरह असफलता दिखाई।"

    Puri Rath Yatra Stampede जांच के आदेश

    इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर अपनी व्यथा जताते हुए, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा, "शारदाबली में महाप्रभु के दर्शन की अत्यधिक लालसा के कारण भक्तों में जो धक्का-मुक्की और हड़बड़ाहट हुई, उससे यह दुखद घटना घटी।"

    उन्होंने आगे कहा, "मैं और मेरी सरकार व्यक्तिगत तौर पर सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा चाहते हैं। हम उन परिवारों के प्रति गहरी संवेदना रखते हैं जिन्होंने शारदाबली में अपने प्रियजनों को खोया है। हम महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करते हैं कि वे इन परिवारों को इस असहनीय दुख को झेलने की हिम्मत दें।" मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, "यह चूक बिल्कुल माफ करने योग्य नहीं है। सुरक्षा में हुई कमियों की तुरंत छानबीन होगी और मैंने आदेश दिया है कि दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।"

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    व्यवस्था की कमियों पर गंभीर सवाल-

    यह हादसा धार्मिक समारोहों में भीड़ नियंत्रण की गंभीर समस्या को उजागर करता है। पुरी जैसे पवित्र स्थान पर रथ यात्रा के दौरान करोड़ों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए समुचित प्रबंध नहीं दिखा। विशिष्ट व्यक्तियों को प्राथमिकता देने की नीति और सामान्य श्रद्धालुओं के साथ भेदभाव ने इस त्रासदी को और भी पीड़ादायक बना दिया है। यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या हमारे धार्मिक स्थलों पर आने वाले आम भक्तों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त संवेदनशीलता दिखाई जा रही है या नहीं।

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