Mobile: आज के समय में मोबाइल की लत बढ़ती ही जा रही है। बच्चे हों या बड़े ज्यादा से ज्यादा समय इस मोबाइल फोन के साथ ही बिताते हैं। लेकिन अब यह मोबाइल फोन मौत की वजह बनता जा रहा है। एक ऐसा ही मामला हाल ही में सामने आया है। जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। मुंबई में एक 16 वर्षीय लड़के ने अपने पिता द्वारा स्मार्टफोन छीनने के बाद आत्महत्या कर ली। यह घटना किशोर में मोबाइल फोन की लत को चिंता कारण बना रही है। एक 16 वर्षीय लड़के ने मोबाइल फोन की लत के कारण आत्महत्या कर ली, लड़के का नाम गोपनीय रखा गया है।
पिता से बहस-
पुलिस का कहना है कि वह अपने पिता के साथ मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर अक्सर बहस किया करता था। 16 नवंबर की रात भी लड़के के पिता ने उसका मोबाइल छीन लिया। इससे लड़के को काफी गुस्सा आया और उसने अपने पिता से बहस कर शुरू की। जिसके बाद पिता के फोन लेने के बाद लड़के को अपने कमरे में जाने को कहा। मोबाइल पास न होने की वजह से वह परेशान हो गया।
सुसाइड-
वह अक्सर दुखी रहा करता था, वह अक्सर खुद के साथ कुछ करने की धमकी भी दिया करता था। 17 नवंबर को उसने दुपट्टे को हुक में लटका कर सुसाइड कर लिया। उसको बचाने के लिए पिता ने बहुत कोशिश की और उसे अस्पताल भी ले जाया गया। लेकिन अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
स्क्रीन टाइम सेट करना-
आपके मोबाइल की लत से बचने के लिए स्क्रीन टाइम का ध्यान रखना चाहिए। आपको स्क्रीन टाइम की उचित सीमा निर्धारित करनी चाहिए। माता-पिता को अपने बच्चों के लिए डेली स्क्रीन टाइम सेट करना चाहिए। यह सीमा उम्र और विकास के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है।
फोन का इस्तेमाल-
माता-पिता को अपने बच्चों को सीखना चाहिए कि वह अपने फोन का जिम्मेदारी से इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। जिसका मतलब है कि भोजन के दौरान या सोने के समय फोन का इस्तेमाल करने से बचें। माता-पिता को अपने बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रोतसाहित करना चाहिए। यह खेल, शौक या सामुदायिक गतिविधियों में भागीदारी के माध्यम से किया जा सकता है।
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पैरेंटल कंट्रोल-
माता-पिता को अपने बच्चों को नींद, आंखों पर तनाव, पारस्परिक संबंधों से प्रभाव जैसे विचार पर चर्चा करनी चाहिए। माता-पिता को अपने बच्चों के स्मार्टफोन पर पैरेंटल कंट्रोल सुविधाओं का इस्तेमाल करके उनके फोन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित और मॉनिटर करना चाहिए। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ फोन के इस्तेमाल से संबंधित अपने अनुभवों चुनौती और चिताओं को शेयरिंग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
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