India Pakistan Border Tension
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    India Pakistan Border Tension: जम्मू में गुरुवार शाम को तोपखाने की गोलीबारी और विस्फोटों की आवाज़ के बाद ब्लैकआउट लागू किया गया और सायरन बज उठे। राजस्थान के बाड़मेर, पोखरण और जैसलमेर में भी विस्फोटों की आवाज़ें सुनाई दीं। पंजाब के कई हिस्सों में ड्रोन देखे गए, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव की स्थिति बन गई।

    भारतीय सेना ने कहा है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों ने गुरुवार और शुक्रवार की बीच रात में पूरी पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और अन्य गोला-बारूद का उपयोग करके कई हमले किए, जिन्हें "प्रभावी ढंग से विफल" कर दिया गया। इसके अलावा, पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के साथ "कई युद्धविराम उल्लंघन" किए और बदले में उन्हें "मुंहतोड़ जवाब" मिला।

    "पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना किसी उकसावे के हमारे अग्रिम चौकियों पर गोलीबारी शुरू की, लेकिन हमारे जवानों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें चुप करा दिया," सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।

    India Pakistan Border Tension तनाव का बढ़ता दबाव-

    एनडीटीवी के मुताबिक, घटनाक्रम दोनों देशों के बीच बढ़ती शत्रुता के बीच हुआ है, जिसकी शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले से हुई थी। भारत ने इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका की ओर इशारा किया है, जिसे पड़ोसी देश ने खारिज कर दिया है।

    पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "आतंकवाद को लेकर हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है - जो आग लगाएगा, वह जलेगा भी।"

    India Pakistan Border Tension भारत की जवाबी कार्रवाई-

    भारत ने बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' कोडनेम के तहत, पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर 25 मिनट में 24 मिसाइलें दागीं। बुधवार और गुरुवार की बीच रात को, भारत ने पाकिस्तान के उत्तरी और पश्चिमी भारत के 15 शहरों में सैन्य लक्ष्यों पर ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके हमला करने के प्रयास को विफल कर दिया।

    "हमारी खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान की योजना का पहले ही पता लगा लिया था, जिससे हमें अपनी रक्षा प्रणालियों को पूरी तरह से तैयार रखने का मौका मिला," रक्षा विश्लेषक राजीव कुमार ने एक टीवी चैनल को बताया।

    सुरक्षा तैयारियां और हाई अलर्ट-

    शुक्रवार को, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की व्यापक समीक्षा की और शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा की। दिल्ली में हाई अलर्ट जारी किया गया है, और सभी शहर सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। पंजाब के कई जिला प्रशासनों ने रात के घंटों के दौरान ब्लैकआउट लागू करने के आदेश जारी किए हैं।

    "नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं ताकि आम जनता को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े," गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा।

    हवाई यातायात प्रभावित-

    देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 27 हवाई अड्डे बंद कर दिए गए हैं। यात्रियों से अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करने की अपील की गई है, क्योंकि कई उड़ानें रद्द या पुनर्निर्धारित की गई हैं।

    "सुरक्षा कारणों से कुछ हवाई अड्डों पर परिचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। यात्रियों को असुविधा के लिए खेद है, लेकिन यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में आवश्यक है," नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया।

    सीमावर्ती गांवों में चिंता-

    पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती गांवों में लोग चिंतित हैं। कई परिवारों ने अपने घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर जाना शुरू कर दिया है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को अफवाहों से बचने और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने की सलाह दी है।

    गुरदासपुर, पंजाब के निवासी हरप्रीत सिंह ने बताया, "हमने कल रात ड्रोन की आवाज़ सुनी। पूरा गांव जाग रहा था। हम सभी चिंतित हैं, लेकिन हमें अपने सैनिकों पर पूरा भरोसा है।"

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    अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया-

    अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने शांति बनाए रखने के लिए वार्ता का आह्वान किया है।

    अमेरिका, रूस, और चीन सहित कई देशों ने चिंता व्यक्त की है और दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है।

    विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान तनाव दोनों देशों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। हालांकि, कूटनीतिक चैनल अभी भी खुले हैं, और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण दोनों देश वार्ता की मेज पर लौट सकते हैं।

    "यह स्थिति चिंताजनक है, लेकिन अभी भी संयम की गुंजाइश है। दोनों पक्षों को अतिरिक्त उकसावे से बचना चाहिए और कूटनीतिक समाधान की दिशा में काम करना चाहिए," अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ डॉ. अनुपम चतुर्वेदी ने कहा।

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