Gurugram Noida Rapid Rail: NCR में रहने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। अगर आप रोजाना गुरुग्राम से नोएडा या फरीदाबाद जाते हैं, तो अब आपका सफर बेहद आसान और तेज हो सकता है। NCR Transport Corporation (NCRTC) एक नई रैपिड रेल कॉरिडोर बनाने की तैयारी कर रही है, जो IFFCO चौक गुरुग्राम से शुरू होकर सुरजपुर ग्रेटर नोएडा तक जाएगी। इस रूट की खासियत यह है, कि यह दिल्ली को पूरी तरह बायपास करेगी, यानी आपको दिल्ली के ट्रैफिक से जूझना नहीं पड़ेगा।
Gurugram Noida Rapid Rail प्रोजेक्ट का ब्लूप्रिंट और रूट-
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अथॉरिटीज ने इस प्रोजेक्ट की ड्राफ्ट डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) हरियाणा सरकार को सौंप दी है। यह कॉरिडोर सेक्टर 54 से होते हुए, फरीदाबाद के बाटा चौक में एंट्री करेगा, फिर सेक्टर 85-86 इंटरसेक्शन से होते हुए नोएडा के सेक्टर 142/168 तक पहुंचेगा और अंत में सुरजपुर पर खत्म होगा।
छह स्टेशनों वाले इस रूट की अनुमानित लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हरियाणा का तीसरा RRTS कॉरिडोर होगा। बाकी दो कॉरिडोर दिल्ली-गुरुग्राम-मानेसर-बावल और दिल्ली-पानीपत-करनाल को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है और केंद्रीय मंत्रिमंडल की फाइनल क्लीयरेंस का इंतजार है।
जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी का प्लान (Gurugram Noida Rapid Rail)-
इस प्रोजेक्ट का एक बड़ा फायदा यह भी है, कि यह सेंटर के लॉन्ग टर्म प्लान को सपोर्ट करेगा, जिसमें दिल्ली के IGI एयरपोर्ट को जेवर के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हाई स्पीड रेल के जरिए जोड़ना है। दिल्ली-बावल कॉरिडोर 93 किलोमीटर लंबा है और इसकी लागत 32,000 करोड़ रुपये होगी, जबकि दिल्ली-करनाल कॉरिडोर 136 किलोमीटर का है और 33,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
दोनों कॉरिडोर सराय काले खां से शुरू होंगे, जो दिल्ली-मेरठ RRTS लाइन का टर्मिनल भी है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार सराय काले खां से जेवर या गाजियाबाद से जेवर तक एक और RRTS कॉरिडोर पर विचार कर रही हैं। गुरुग्राम-नोएडा कॉरिडोर IFFCO चौक पर दिल्ली-बावल कॉरिडोर से जुड़ जाएगा।
सफर होगा बेहद तेज-
अगर यह प्रोजेक्ट पूरा होता है, तो IFFCO चौक से फरीदाबाद पहुंचने में सिर्फ 22 मिनट और नोएडा पहुंचने में केवल 38 मिनट लगेंगे। यह कॉरिडोर दिल्ली के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क पर प्रेशर कम करेगा और NCR में कम्यूटिंग को ट्रांसफॉर्म कर देगा।
अंडरग्राउंड बनाम एलिवेटेड डिबेट जारी-
NCRTC ने एलिवेटेड लाइन का प्रपोजल दिया है, लेकिन हरियाणा सरकार चाहती है. कि गुरुग्राम के अंदर यह अंडरग्राउंड बने। वजह है जमीन की ऊंची कीमतें और घना शहरी विकास। अधिकारियों का तर्क है, कि सिर्फ एक या दो स्टेशन वाला एलिवेटेड कॉरिडोर कम लोकल कम्यूटर्स को सर्व करेगा और फ्यूचर में रोड और मोबिलिटी अपग्रेड को ब्लॉक कर सकता है। अंडरग्राउंड लाइन से सरफेस की जमीन फ्यूचर अर्बन जरूरतों के लिए बची रहेगी।
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अर्बन मोबिलिटी एक्सपर्ट अशोक भट्टाचार्जी ने कहा, कि अब अंडरग्राउंड और एलिवेटेड सिस्टम के बीच चॉइस टेक्नोलॉजी से ज्यादा कॉस्ट, जमीन की उपलब्धता और अर्बन कॉन्टेक्स्ट पर निर्भर है। स्टेशनों की संख्या और लोकेशन बेहद अहम है। स्टेशन लोगों के घर और ऑफिस से 3-5 किलोमीटर के रेडियस में होने चाहिए, तभी लोग प्राइवेट व्हीकल छोड़कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट अपनाएंगे। NCRTC अधिकारियों का कहना है, कि डिस्कशन अभी प्रारंभिक स्तर पर है और वे सभी स्टेकहोल्डर्स से फीडबैक मांग रहे हैं।
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