Divorces Over Onion Garlic: गुजरात में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक दंपति ने 22 साल की शादीशुदा जिंदगी को सिर्फ इसलिए खत्म कर दिया, क्योंकि पत्नी प्याज और लहसुन खाने से इनकार करती थी। जो विवाद किचन से शुरू हुआ, वह अंततः अदालत तक पहुंच गया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के तलाक के फैसले को बरकरार रखा है।
धार्मिक आस्था और खानपान की पसंद-
लाइव मिंट के मुताबिक, पत्नी स्वामीनारायण संप्रदाय में विश्वास रखती है, जो प्याज और लहसुन के सेवन को अपने धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार वर्जित मानता है। इस संप्रदाय में सात्विक भोजन को महत्व दिया जाता है और माना जाता है, कि प्याज-लहसुन मन की शांति और आध्यात्मिक स्पष्टता में बाधा डालते हैं। यही खानपान की आदत धीरे-धीरे दोनों के बीच इतनी बड़ी दूरी बन गई कि रिश्ता टूट गया।
साल 2007 में पत्नी अपने बच्चे के साथ घर छोड़कर चली गई थी क्योंकि दोनों के बीच मतभेद लगातार बढ़ते जा रहे थे। छह साल बाद 2013 में पति ने क्रूरता और परित्याग का आरोप लगाते हुए तलाक के लिए अर्जी दाखिल की। मई 2024 में अहमदाबाद की फैमिली कोर्ट ने तलाक मंजूर कर दिया।
गुजारा भत्ता का मुद्दा-
हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान महिला ने बताया कि फैमिली कोर्ट के आदेश के बावजूद उसे 18 महीनों से गुजारा भत्ता नहीं मिला है। उनके वकील ने बताया कि बकाया राशि ₹13.02 लाख है, जबकि उन्हें अंतरिम गुजारा भत्ते के रूप में केवल ₹2.72 लाख मिले हैं। पति ने केस के दौरान पहले ₹4.27 लाख जमा किए थे।
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स्वामीनारायण डाइट क्या है?
स्वामीनारायण डाइट एक सख्त शाकाहारी आहार पद्धति है जो ताजे फल, सब्जियां, अनाज, दालें और डेयरी प्रोडक्ट्स की अनुमति देती है। इसमें मांस, मछली और अंडे पूरी तरह वर्जित हैं। घी, मेवे, बीज और प्राकृतिक मिठास का उपयोग किया जा सकता है। शराब, उत्तेजक पदार्थ और भारी तले हुए खाने की मनाही है। भोजन को भगवान को अर्पित करने के बाद ग्रहण करने की परंपरा है।
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