Faridabad-Jewar Expressway के जून 2025 में पूरा होने की संभावना है, हरियाणा के फरीदाबाद को उत्तर प्रदेश के नोएडा के ज़ेवर एयरपोर्ट से जोड़ने वाला है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI ने पिछले साल जून में इसकी शुरुआत की थी। इस साल दिसंबर में जेवर एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ ही यह एक्सप्रेसवे की तैयार हो सकता है। इस एक्सप्रेसवे से दोनों राज्यों के बीच में नेटवर्क बढ़ने की उम्मीद है और यह पूरे फरीदाबाद जेवर कॉरिडोर के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला है।
Faridabad-Jewar Expressway-
यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का बनाया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को फरीदाबाद के सेक्टर 65 से जोड़ेगा। एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर से वल्लभनगर और अंकुर जैसे गांव से होकर गुजरने वाला है। टाइम्स प्रॉपर्टी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सप्रेसवे से बहादुर मोहन नरहावली हरियाणा में अन्य गांवों को जोड़ने की उम्मीद है। इस परियोजना से आसपास के नगर पालिकाओं में अचल संपत्ति की मांग की वृद्धि होने की भी संभावना जताई जा रही है।
दूरी घटकर 31 किलोमीटर-
इसके अलावा इसके पूरा होने पर संपत्ति के मूल्य और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है। एक्सप्रेसवे से फरीदाबाद और जेवर के बीच 90 किलोमीटर की दूरी घटकर सिर्फ 31 किलोमीटर रह जाएगी। इस सबके बीच हरियाणा के मोहना गांव में इंटरचेंज का निर्माण भी चल रहा है। यह कुंडली या पलवल एक्सप्रेसवे को जेवर मार्ग से जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद से ज़ेवर और मोहाना गांव के बीच की दूरी लगभग 6.5 किलोमीटर हो जाएगी।
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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट-
इसके अलावा मोहाना, बाघपुर रोड पर एग्जिट और एंट्री रैंप का भी निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच सार्वजनिक परिवहन की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड जल्द ही जेवर एयरपोर्ट के पूरा होने की तैयारी कर रहा है। इन सड़कों पर रैपिड रेल, ट्रेनों और एक्सप्रेसवे के माध्यम से सुचारू कनेक्टिविटी को पूरा करने के लिए पहले से ही बहुत सी एजेंसियां कम पर लगी हुई है।
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ध्यान देने वाली बात यह है की इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद फरीदाबाद और ज़ेवर के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी, इससे समय की भी बचत होगी और कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके बन जाने से ज़मीनों के भाव में भी वृद्धि होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके साथ ही व्यापार के लिए रास्ता आसान हो जाएगा, क्योंकि इससे कम समय में सामान एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने के समय में कमी आएगी।