Namo Bharat Station: दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए एक बेहद खुशखबरी सामने आई है। ट्रैफिक जाम और लंबी कम्यूटिंग से परेशान प्रोफेशनल्स के लिए अब एक नया विकल्प उपलब्ध होने जा रहा है। एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद के नमो भारत स्टेशन पर एक अत्याधुनिक को-वर्किंग स्पेस 'मेट्रोडेस्क' खोलने की घोषणा की है, जिससे दिल्ली से गाजियाबाद का सफर महज 10 मिनट में पूरा हो सकेगा।
Namo Bharat Station एनसीआर में कम्यूटिंग की समस्या का समाधान-
दिल्ली और एनसीआर के शहरों में रहने वाले नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है रोजाना का आवागमन। सुबह आफिस जाते समय और शाम को घर लौटते वक्त जाम में फंसना एक आम बात है, जिससे न सिर्फ समय बर्बाद होता है बल्कि मानसिक थकान भी बढ़ती है। लेकिन अब एनसीआर के एक शहर में ऐसी जगह विकसित की गई है, जहां बिना मेट्रो या कार में सवार हुए महज 10 मिनट में दिल्ली से पहुंचा जा सकेगा।
एनसीआरटीसी (National Capital Region Transport Corporation) ने इस समस्या को देखते हुए एक अभिनव पहल की है, जिसके तहत गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर को-वर्किंग स्पेस 'मेट्रोडेस्क' खोलने की योजना बनाई है। यह शहरी ट्रांजिट स्पेस को व्यावसायिक हब में बदलने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
Namo Bharat Station 'मेट्रोडेस्क' एक अनोखा कॉन्सेप्ट-
'मेट्रोडेस्क' नमो भारत नेटवर्क के अंतर्गत अपनी तरह का पहला को-वर्किंग मॉडल होगा। यह अत्याधुनिक कार्यक्षेत्र विशेष रूप से गाजियाबाद और आसपास के पेशेवरों, उद्यमियों और छोटे व्यवसायों के लिए डिजाइन किया गया है। स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल पर स्थित इस को-वर्किंग स्पेस में 42 ओपन वर्कस्टेशन, 11 निजी केबिन और 2 मीटिंग रूम होंगे।
इस सुविधा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक समय में लगभग 42 व्यक्ति और 11 कंपनियां यहां कार्य कर सकेंगी। इस आधुनिक सेटअप में हाई-स्पीड इंटरनेट और प्लग-एंड-प्ले वर्कस्टेशन जैसी सुविधाएं होंगी, जो निर्बाध उत्पादकता और सुविधा सुनिश्चित करेंगी।
Namo Bharat Station आरआरटीएस स्टेशन पर वर्किंग स्पेस का स्ट्रैटेजिक लोकेशन-
गाजियाबाद-मेरठ मार्ग पर स्थित यह स्टेशन रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह विशेष रूप से मेरठ तिराहा मोड़ और दिल्ली मेट्रो के शहीद स्थल नया बस अड्डा स्टेशन के पास होने के कारण बड़ी संख्या में यात्रियों को आकर्षित करता है। इस स्टेशन पर को-वर्किंग स्पेस स्थापित करने से न केवल यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 'मेट्रोडेस्क'-
'मेट्रोडेस्क' में सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। यहां बायोमेट्रिक एंट्री और डिजिटल की-कार्ड्स के माध्यम से स्मार्ट एक्सेस सुनिश्चित किया जाएगा, जबकि एक समर्पित प्लेटफॉर्म के जरिए आरक्षण, मेंबरशिप प्रबंधन और कैशलेस लेनदेन को सहज बनाया जाएगा।
इन कार्यस्थलों में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सेवाओं का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे स्मार्ट लाइटिंग, जलवायु नियंत्रण और मीटिंग रूम की स्वचालित बुकिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेटअप, वायरलेस स्क्रीन शेयरिंग और अन्य तकनीकी रूप से बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी।
डिजिटल वर्कप्लेस एक्सपीरियंस-
'मेट्रोडेस्क' में हॉट डेस्क, वेंडिंग मशीन और फीडबैक संग्रह के लिए क्यूआर-आधारित स्कैन-एंड-यूज़ विकल्प भी उपलब्ध होंगे। ये सभी सुविधाएं न केवल कार्यस्थल को अधिक कुशल बनाएंगी, बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए एक सहज और सुखद अनुभव भी सुनिश्चित करेंगी।
कम्यूटिंग टाइम में भारी कमी-
इस को-वर्किंग स्पेस का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह पेशेवरों के यात्रा समय को काफी कम कर देगा। जो लोग दिल्ली और गाजियाबाद के बीच रोजाना आवागमन करते हैं, उनके लिए यह एक वरदान साबित होगा। महज 10 मिनट में दिल्ली से गाजियाबाद पहुंचकर वे अपना काम शुरू कर सकेंगे, जिससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।
पर्यावरण के अनुकूल पहल-
'मेट्रोडेस्क' जैसी पहल से निजी वाहनों के उपयोग में कमी आने की उम्मीद है, जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। यह स्मार्ट सिटी कॉन्सेप्ट के अनुरूप है, जिसमें सार्वजनिक परिवहन और कार्यस्थल को एकीकृत करके शहरी जीवन को अधिक सुविधाजनक और टिकाऊ बनाने का प्रयास किया जाता है।
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योजनाएं-
एनसीआरटीसी की योजना आने वाले समय में अन्य नमो भारत स्टेशनों पर भी इसी तरह के को-वर्किंग स्पेस विकसित करने की है। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्टेशन परिसरों का वाणिज्यिक उपयोग भी बढ़ेगा, जिससे राजस्व में वृद्धि होगी। 'मेट्रोडेस्क' जैसी पहलें भारत को अधिक स्मार्ट और कनेक्टेड बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। यह न केवल कार्यस्थल की अवधारणा को बदल रही हैं, बल्कि शहरी परिवहन और कामकाजी संस्कृति में भी एक नया अध्याय जोड़ रही हैं।
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