Anmol Bishnoi: संगठित अपराध को बड़ा झटका देते हुए, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने बुधवार को कुख्यात गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को गिरफ्तार किया। अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने के बाद अनमोल को भारत लाया गया, जहां उसे दिल्ली की अदालत में पेश किया गया। यह गिरफ्तारी भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, क्योंकि अनमोल पिछले कई सालों से कई हाई-प्रोफाइल मर्डर केसों में वांछित था।
आतंकवाद से जुड़ा है बिश्नोई गैंग का कनेक्शन-
NIA ने अदालत के सामने खुलासा करते हुए बताया, कि अनमोल और उसका गैंग, जिसकी कमान उसके भाई और खूंखार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के हाथों में है, बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़ा हुआ है। एजेंसी का कहना है, कि इनका मकसद देश में अस्थिरता और डर फैलाना है। यह सिर्फ एक आपराधिक गिरोह नहीं, बल्कि एक क्रिमिनल टेरर सिंडिकेट है, जो भारत और विदेशों में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
अदालत में NIA ने बताया, कि अनमोल एक बड़ी साजिश का हिस्सा था, जिसमें आतंकवादियों और गैंगस्टर्स का नेटवर्क शामिल था। इस सिंडिकेट की गतिविधियों में आतंकी कार्रवाइयों के लिए फंड जुटाना, युवाओं को भर्ती करना, बड़ी हस्तियों की टार्गेटेड किलिंग की साजिश रचना और सोशल मीडिया पर इन घटनाओं को पब्लिसाइज़ करके आतंक फैलाना शामिल है। अदालत ने NIA को अनमोल की 11 दिन की कस्टडी दी है।
पंजाब के फाजिल्का से निकला खतरनाक गैंगस्टर-
पंजाब के फाजिल्का का रहने वाला अनमोल बिश्नोई पहली बार साल 2022 में सुर्खियों में आया था, जब मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में उसका नाम सामने आया। उसके बाद से लेकर अब तक वह कई हाई-प्रोफाइल केसों में शामिल रहा है, जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या और बॉलीवूड स्टार सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग जैसी घटनाएं शामिल हैं। बाबा सिद्दीकी की हत्या में तो उसे मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर डेज़िग्नेटिड किया गया है।
पिछले साल अक्टूबर में अनमोल को NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल किया गया था और उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। NIA ने 2022 में रजिस्टर किए गए दो केसों में उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी। अगले साल यानी 2023 में अनमोल फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके भारत से फरार हो गया था। उस पर कुल मिलाकर कम से कम 18 केस दर्ज हैं।
सिद्धू मूसेवाला मर्डर में अहम भूमिका-
29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले में अपने गांव मूसा के पास मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला उर्फ शुभदीप सिंह सिद्धू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को अंजाम देने वालों को हथियार और लॉजिस्टिकल सपोर्ट अनमोल ने ही मुहैया कराए थे। बिश्नोई गैंग के ही एक और मेंबर गोल्डी ब्रार ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। बाद में बिश्नोई गैंग ने कहा कि यह हत्या यूथ अकाली दल के नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए की गई थी।
सलमान खान के घर पर फायरिंग की साजिश-
14 अप्रैल 2024 को मुंबई के बांद्रा में सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट्स के बाहर दो लोगों विक्की गुप्ता और सागर पाल ने गोलियां चलाई थीं। इस घटना की जिम्मेदारी अनमोल ने ली थी। केस में दाखिल चार्जशीट के मुताबिक इस शूटिंग की प्लानिंग अगस्त 2023 से चल रही थी। चार्जशीट में यह भी कहा गया कि बिश्नोई ने घटना से पहले शूटर्स को motivate करने के लिए नौ मिनट की स्पीच दी थी और उन्हें बताया कि वे इतिहास रचने जा रहे हैं।
अनमोल ने शूटर्स से कहा था, “भगवान राम ने हमें आशीर्वाद दिया है। हम उसे (सलमान खान) संभाल लेंगे। कोई दिक्कत नहीं है, जब तक यह मेरे कंट्रोल में है, मुझे कोई परेशानी नहीं है। अब यह करो या मरो वाली स्थिति है, या तो जिंदगी या फिर मौत। यह भगवान ने लिख दिया है। या तो सुबह गोलियां चलेंगी या फिर हम घर पर बैठेंगे। यह तुम्हारे हाथ में है कि क्या करना है और क्या नहीं करना है… अगर तुम काम करोगे तो इतिहास बनेगा। तुम अखबारों में छा जाओगे।” जुलाई में मुंबई की एक अदालत ने अनमोल के खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी किया था।
बाबा सिद्दीकी मर्डर का मास्टरमाइंड-
इसके सिर्फ तीन महीने बाद 12 अक्टूबर को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक बाबा सिद्दीकी को बांद्रा में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस केस की चार्जशीट में कहा गया कि अनमोल शूटर्स के संपर्क में था और उसने उन्हें हत्या को अंजाम देने के लिए इंस्ट्रक्शन्स दिए थे। चार्जशीट में अनमोल को “प्लॉटर” के रूप में नामित किया गया है।
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अमेरिका से डिपोर्टेशन तक का सफर-
बिश्नोई को नवंबर 2024 में कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में अवैध दस्तावेजों के साथ देश में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी महाराष्ट्र की अदालत द्वारा उसके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी करने और इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के कुछ दिनों बाद हुई थी।
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