Viral Post
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    Viral Post: आजकल कॉर्पोरेट दुनिया में हर दिन कुछ न कुछ अजीबोगरीब घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन यह वाकया सुनकर आपको भी हैरानी होगी। एक कर्मचारी ने रेडिट पर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है, जिसमें उसकी मैनेजर ने ऑफिस के समय उससे अपने बेटे का स्कूल का काम पूरा करवाने की “पर्सनल फेवर” के रूप में मांग की।

    Viral Post “पर्सनल फेवर” के नाम पर होमवर्क का बोझ-

    अंग्रज़ी समाचार वेबसाइट इंडिया टूडे के मुताबिक, यह घटना आर/इंडियनवर्कप्लेस सबरेडिट पर “अदर वीयर्ड डे एट वर्क” टाइटल से शेयर की गई। पोस्ट के साथ एक फोटो भी अटैच की गई थी, जिसमें उस कर्मचारी की डेस्क पर उसके ऑफिस लैपटॉप के बगल में स्कूल लेवल के फिजिक्स के डायग्राम्स रखे दिख रहे थे। कल्पना कीजिए कि आप अपने रूटीन ऑफिस काम में बिजी हैं और अचानक आपसे बारहवीं क्लास का होमवर्क करने को कहा जाए!

    उस कर्मचारी के मुताबिक, वह अपने रूटीन टास्क्स को निपटाने में व्यस्त था और साथ ही नॉलेज ट्रांसफर की जिम्मेदारियां भी संभाल रहा था, क्योंकि महीने के अंत तक उसे कंपनी छोड़नी थी। ऐसे में उसकी मैनेजर ने उसे बुलाया और एक अजीब सी रिक्वेस्ट रखी।

    मैनेजर का दबाव और कर्मचारी की मजबूरी-

    कर्मचारी ने अपनी पोस्ट के कैप्शन में समझाया, कि उसकी मैनेजर ने उसे पर्सनल फेवर के नाम पर कहा, कि उसके बेटे के पास कुछ स्कूल का काम है, जो बारहवीं स्टैंडर्ड का है और वह आईआईटी की तैयारी कर रहा है। काम था डायग्राम बनाने का। मैनेजर ने तो हद कर दी, जब उसने बाद में वापस बुलाकर यह भी चेक किया, कि वह कर्मचारी सही तरीके से डायग्राम बना रहा है या नहीं।

    यह स्थिति उस कर्मचारी के लिए बेहद अनकम्फर्टेबल थी। उसके मन में यह सवाल उठने लगा, कि अगर वह इस रिक्वेस्ट को मना करता है, तो क्या इससे उसकी एग्जिट अप्रूवल पर असर पड़ेगा या फिर बाकी के हफ्ते बेवजह मुश्किल हो जाएंगे।

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    सोशल मीडिया पर भड़के यूजर्स-

    जब यह पोस्ट रेडिट और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हुई, तो यूजर्स ने जमकर रिएक्शन दिया। लोगों ने कॉर्पोरेट इंडिया में चलने वाली इस अनस्पोकन प्रॉब्लम को हाईलाइट किया, जहां सीनियर्स अपनी पोजीशन का गलत फायदा उठाकर जूनियर्स से पर्सनल काम करवाते हैं, खासकर तब जब उन कर्मचारियों के पास लिमिटेड लेवरेज होता है।

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    एक यूजर ने लिखा, “अपने कलीग्स से वह काम करवाना, जो उन्हें साफ तौर पर नहीं करना चाहिए, यह बस आलसी और अनप्रोफेशनल बिहेवियर है।” एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, “वाह! यह तो हद है। मतलब यह इंसान न केवल कंपनी के रिसोर्सेज का गलत इस्तेमाल कर रहा है, बल्कि अपने बच्चे की सीखने की एबिलिटी को भी नुकसान पहुंचा रहा है।”