Vivek Agnihotri
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    Vivek Agnihotri: विवादित फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने बॉलीवुड उद्योग के अंदर की बातें सामने रखते हुए स्टार्स के वर्चस्व और उनकी आर्थिक मांगों पर चौंकाने वाला खुलासा किया है। 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द ताशकंद फाइल्स' जैसी फिल्मों के निर्माता ने कहा, कि हिंदी फिल्म उद्योग के प्रमुख फिल्मकार और निर्माता बड़े सितारों की मनमानी और उनकी वित्तीय मांगों से परेशान हैं।

    Vivek Agnihotri हिम्मत नहीं है किसी में रणबीर के खिलाफ बोलने की-

    अग्निहोत्री ने डिजिटल कमेंट्री के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि उद्योग में किसी में भी रणबीर कपूर की आलोचना करने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "औकात ही नहीं है इनकी, हिम्मत है करने की, कर के दिखाएं।" उन्होंने आगे चुनौती देते हुए कहा, "मैं आपको चुनौती देता हूं कि बॉलीवुड में एक ऐसे डायरेक्टर या प्रोड्यूसर का नाम बताएं जो इन स्टार्स की बुराई नहीं करता। क्या उनमें सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहने की हिम्मत है? नहीं है। तो वे पीड़ित होने के लायक हैं।"

    अग्निहोत्री ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा, "दो फिर 150 करोड़ रुपये घटिया काम के, सड़ी हुई एक्टिंग के।" उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि उन्होंने इसी कारण बॉलीवुड छोड़ दिया क्योंकि निर्माताओं ने अपनी किस्मत को सितारों से जोड़ लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया, कि उनकी समस्या वास्तविक स्टार्स से नहीं है, बल्कि उन लोगों से है, जो बिना कुछ हासिल किए स्टार जैसा व्यवहार करते हैं।

    Vivek Agnihotri 'एनिमल' के विवाद में संदीप रेड्डी वांगा बने निशाना-

    अग्निहोत्री के इस बयान से 'एनिमल' फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा के हालिया बयान की याद आ जाती है। वांगा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि 'एनिमल' की रिलीज के बाद रणबीर कपूर को लगभग नहीं के बराबर आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि निर्माता उनके साथ संबंध बिगाड़ना नहीं चाहते थे।

    वांगा ने 'गेम चेंजर्स' के एक एपिसोड में कहा, "जिन लोगों ने बहुत बुरी तरह से आलोचना की, फिल्म से जुड़े लोगों ने, सभी ने कहा कि रणबीर शानदार थे। मैं रणबीर से जलता नहीं हूं, लेकिन बात यह है कि 'रणबीर शानदार थे लेकिन लेखक-निर्देशक था...' मैं इस असमानता को नहीं समझता।" उन्होंने आगे कहा, "मैं समझ गया कि वे रणबीर के साथ काम करना चाहते हैं। यह स्पष्ट है क्योंकि अगर वे रणबीर के बारे में कुछ भी कहते हैं... मेरे बारे में कमेंट करना आसान है क्योंकि मैं इस जगह के लिए नया हूं।"

    Vivek Agnihotri बॉलीवुड में स्टार सिस्टम का दबदबा-

    विवेक अग्निहोत्री के इस बयान से बॉलीवुड में स्टार सिस्टम के प्रभाव पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। पिछले कुछ वर्षों में, फिल्म उद्योग में स्टार्स की भूमिका और उनकी वित्तीय मांगों पर कई सवाल उठाए गए हैं। जहां कुछ फिल्मकार इस सिस्टम के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, वहीं अधिकांश अभी भी स्टार्स के साथ सहज संबंध बनाए रखने के पक्ष में हैं।

    इस प्रकार के खुलासे फिल्म उद्योग के अंदरूनी हालात पर प्रकाश डालते हैं और दर्शकों को उद्योग की वास्तविकताओं से अवगत कराते हैं। अग्निहोत्री जैसे फिल्मकार जो अपने विचारों को बेबाकी से रखते हैं, बॉलीवुड के कार्य संस्कृति में बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं।

    बदलता बॉलीवुड परिदृश्य-

    हालांकि, बॉलीवुड परिदृश्य धीरे-धीरे बदल रहा है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के आगमन और नई प्रतिभाओं के उभरने से, फिल्म उद्योग में नए विकल्प और नए रास्ते खुल रहे हैं। कंटेंट-ड्रिवन फिल्मों की सफलता भी इस बात का संकेत है कि दर्शक अब केवल बड़े स्टार्स के बजाय अच्छी कहानियों को तरजीह दे रहे हैं।

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    विवेक अग्निहोत्री जैसे फिल्मकारों ने अपनी फिल्मों से साबित किया है कि बिना बड़े स्टार्स के भी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल हो सकती हैं। 'द कश्मीर फाइल्स' इसका एक बड़ा उदाहरण है, जिसने बिना किसी बड़े स्टार के बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया था।

    क्या बदलेगा स्टार सिस्टम?

    विवेक अग्निहोत्री के बयान से यह सवाल उठता है कि क्या बॉलीवुड में स्टार सिस्टम में कभी बदलाव आएगा? क्या फिल्मकार और निर्माता कभी स्टार्स की अत्यधिक वित्तीय मांगों के खिलाफ एकजुट होंगे? या फिर यह सिस्टम वैसे ही चलता रहेगा? ये सवाल निश्चित रूप से महत्वपूर्ण हैं और इनके जवाब आने वाले समय में हिंदी फिल्म उद्योग के भविष्य को आकार देंगे। तब तक, विवेक अग्निहोत्री जैसे फिल्मकार अपनी बेबाक राय और अलग तरह की फिल्मों से इस उद्योग में अपना योगदान देते रहेंगे।

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