Bads of Bollywood Controversy: एक बार फिर बॉलिवुड और ड्रग्स के केस की कहानीयों पर बनी नेटफ्लिक्स सिरीज़ Bads of Bollywood सुर्खियों में बनी हुई है। इस बार का मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है, दरअसल बुधवार को हाई कोर्ट ने शाहरुख खान की प्रोडक्शन कंपनी रेड चिल्लीज़ एंटरटेन्मेंट को एक समन जारी किया है, यह समन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी NCB के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा शाहरुखन की प्रोडक्शन कंपीन और नेटफ्लिक्स के खिलाफ मानहानी का केस दायर करवाने के बाद जारी किया गया।
कोर्ट ने सात दिनों अंदर Red Chillies Entertainment और अन्य पक्षों को इस याचिका का जवाब देने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता यानी वानखेड़े से कहा है, कि वह सभी प्रतिवादियों को पिटीशन की एक कॉपी मुहैया कराएं। इस Bads of Bollywood मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होनी है। यह केस अब बॉलीवूड और कानूनी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
वानखेड़े का आरोप-
समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में दावा किया है, कि यह सीरीज उन्हें झूठे और दुर्भावनापूर्ण तरीके से दिखाती है। उनका कहना है, कि शो में 2021 के क्रूज ड्रग्स केस को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। वानखेड़े ने यह भी आरोप लगाया, कि यह सीरीज न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाती है, बल्कि ड्रग्स विरोधी प्रवर्तन एजेंसियों में जनता के विश्वास को भी कमजोर करती है। उनके अनुसार, शो में आर्यन खान की गिरफ्तारी और बाद में उनकी रिहाई से जुड़ी घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
वानखेड़े ने अपने मानहानि के मुकदमे में Red Chillies, Netflix और अन्य को प्रतिवादी बनाया है। उनकी कानूनी टीम का मानना है, कि इस सीरीज ने जानबूझकर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है और यह एक सोची समझी साजिश है। पूर्व NCB अधिकारी का कहना है, कि इस तरह की सामग्री बनाने से पहले प्रोडक्शन हाउस को जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
सीरीज की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए-
वानखेड़े ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है, कि सीरीज की रिलीज का समय खासतौर पर समस्याजनक है। उन्होंने बताया, कि उनसे और आर्यन खान से जुड़ी कार्यवाही अभी भी Bombay High Court और मुंबई की NDPS स्पेशल कोर्ट में लंबित है। जब केस अभी चल रहा है, तो इस तरह की सीरीज बनाकर रिलीज करना न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप माना जा सकता है। वानखेड़े का तर्क है, कि यह न केवल उनके केस को प्रभावित कर सकता है, बल्कि लोगों की राय भी पहले से बना सकता है।
जब किसी मामले की सुनवाई चल रही हो, तब उस पर आधारित कंटेंट बनाना कानूनी और नैतिक दोनों तरह से संवेदनशील मुद्दा है। वानखेड़े की याचिका में यह बात साफ तौर पर उठाई गई है, कि ऐसी सीरीज से उनके मामले पर गलत असर पड़ सकता है और जनता के बीच उनकी छवि पहले से ही खराब हो सकती है। यह चिंता वाजिब है, क्योंकि मीडिया और एंटरटेनमेंट का असर आजकल बहुत गहरा होता है।
राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम का उल्लंघन का आरोप भी-
वानखेड़े की याचिका में एक और गंभीर आरोप लगाया गया है। सीरीज में एक विवादास्पद दृश्य है, जिसमें एक किरदार “सत्यमेव जयते” का पाठ करने के बाद अश्लील इशारा करता है। वानखेड़े की कानूनी टीम का तर्क है, कि यह कृत्य Prevention of Insults to National Honour Act, 1971 का उल्लंघन करता है। इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय प्रतीकों और सम्मान से जुड़ी चीजों का अपमान करना दंडनीय अपराध है।
“सत्यमेव जयते” भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है और इसका इस्तेमाल सरकारी प्रतीकों में किया जाता है। याचिका में कहा गया है, कि इस तरह के आपत्तिजनक और असंवेदनशील चित्रण के लिए दंड के प्रावधान लागू होने चाहिए। यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत मानहानि तक सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में यह मुद्दा और भी संवेदनशील हो गया है।
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बॉलीवूड और ड्रग्स केस की पुरानी कहानी-
यह पूरा मामला 2021 के उस क्रूज ड्रग्स केस से जुड़ा है, जब मुंबई के तट पर एक क्रूज पर छापेमारी के दौरान शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था। उस समय समीर वानखेड़े NCB के जोनल डायरेक्टर थे और यह केस उन्हीं की टीम ने हैंडल किया था। हालांकि बाद में आर्यन खान को क्लीन चिट मिल गई और उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया। लेकिन यह मामला उस समय कई महीनों तक सुर्खियों में रहा और बॉलीवूड में हलचल मचा दी थी।
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अब Ba**ds of Bollywood सीरीज में इसी केस को आधार बनाकर कहानी बुनी गई है। वानखेड़े का कहना है, कि सीरीज में सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और उन्हें विलेन की तरह दिखाया गया है। उनका मानना है, कि यह उनके साथ अन्याय है और इससे उनके करियर और प्रतिष्ठा पर बुरा असर पड़ रहा है।