Noida Railway Station: उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक शहर नोएडा में रहने वालों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें लंबी दूरी की ट्रेनों को पकड़ने के लिए गाजियाबाद या दिल्ली भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बोड़ाकी में विकसित किए जा रहे मल्टी ट्रांसपोर्ट हब में पूर्व की ओर जाने वाली ट्रेनों का ठहराव मिलेगा। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को रेलवे ने हरी झंडी दे दी है, जिससे शहर के निवासियों को आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी।
वर्षों से नोएडावासी एक रेलवे स्टेशन की मांग कर रहे थे। शहर के विकास के बावजूद यहां का कोई रेलवे स्टेशन न होना हमेशा एक बड़ी कमी रही है। "हमें हर बार ट्रेन पकड़ने के लिए दिल्ली जाना पड़ता था, जिससे अतिरिक्त समय और पैसा दोनों खर्च होता था," बताते हैं सेक्टर 62 के निवासी रमेश शर्मा। अब इस समस्या का समाधान होने जा रहा है।
Noida Railway Station प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर कम होगी भीड़-
इस परियोजना के पूरा होने से पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, आनंद विहार और गाजियाबाद रेलवे स्टेशनों पर भीड़ कम होने की उम्मीद है। इससे न केवल नोएडा, बल्कि आसपास के गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और गाजियाबाद के यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें संचालित होंगी, जिससे उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वी राज्यों की यात्रा करने वालों को सीधा लाभ होगा। "इस स्टेशन के बनने से हमारा सफर आसान हो जाएगा। अब हम अपने घर के नजदीक से ही ट्रेन पकड़ सकेंगे," कहती हैं ग्रेटर नोएडा की रहने वाली सुनीता देवी, जो अक्सर अपने परिवार के साथ पटना जाती हैं।

Noida Railway Station एकीकृत परिवहन व्यवस्था का निर्माण-
मल्टी ट्रांसपोर्ट हब केवल एक रेलवे स्टेशन ही नहीं होगा, बल्कि यह एक एकीकृत परिवहन व्यवस्था का हिस्सा होगा। इसमें बस अड्डा, मेट्रो कनेक्टिविटी और भविष्य में जेवर एयरपोर्ट से भी जुड़ाव होगा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रूट का विस्तार भी इसी परियोजना के तहत किया जाएगा। साथ ही, लोकल बस सेवाएं भी यहां से शुरू की जाएंगी, जिससे यात्रियों को आखिरी छोर तक पहुंचना आसान हो जाएगा। परियोजना के प्रभारी अधिकारी अनिल कुमार सिंह के अनुसार, "हमारा उद्देश्य एक ऐसा हब तैयार करना है, जहां से यात्री बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी कर सकें। वे ट्रेन से उतरकर सीधे मेट्रो, बस या टैक्सी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।"
Noida Railway Station मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब का विशाल स्वरूप-
यह हब बोड़ाकी के पास विकसित किया जा रहा है, जिसके लिए आठ गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई है। कुल 478 हेक्टेयर जमीन पर इस परियोजना को तैयार किया जाएगा। इसमें रेलवे टर्मिनल, अंतरराज्यीय बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी शामिल होगी। इतने बड़े क्षेत्र में फैला यह हब न केवल परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के विकास को भी बढ़ावा देगा। "यह परियोजना नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी," बताते हैं शहरी विकास विशेषज्ञ प्रोफेसर राजीव गुप्ता। "इससे न केवल परिवहन की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में रियल एस्टेट का विकास भी तेजी से होगा।"

कनेक्टिविटी सुधारने के लिए दो प्रमुख मार्ग-
इस विशाल परियोजना में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए दो प्रमुख मार्गों पर काम चल रहा है। पहले मार्ग के तहत, लॉजिस्टिक हब को जीटी रोड से जोड़ा जाएगा। जीटी रोड पर 2.5 किलोमीटर के रास्ते को चौड़ा करके दो लेन की सड़क को छह लेन में परिवर्तित किया जाएगा। शिव नाडर यूनिवर्सिटी के पास एक अंडरपास भी बनाया जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक हब के वाहन बील अकबरपुर इंटरचेंज से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे तक आसानी से पहुंच सकेंगे। इसके अलावा, दनकौर के पास एक इंटरचेंज भी बनाया जाएगा, जहां से नोएडा एयरपोर्ट तक सीधी पहुंच होगी। दूसरे मार्ग के अंतर्गत, ट्रांसपोर्ट हब को 130 मीटर चौड़ी सड़क के जरिए सिरसा इंटरचेंज से जोड़ा जाएगा। यहां से वाहन ईस्टर्न पेरिफेरल और यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए नोएडा एयरपोर्ट तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
रेल और हवाई मार्ग से भी बढ़ेगी कनेक्टिविटी-
इन तीनों परियोजनाओं को दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर से भी जोड़ा जाएगा, जिससे सड़क मार्ग के अलावा रेल और हवाई मार्ग की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन परियोजनाओं से करीब दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। यह क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगा। "हमारा लक्ष्य न केवल यात्रियों को सुविधा देना है, बल्कि इस क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देना भी है," बताते हैं जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब-
यह हब नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरतों को पूरा करेगा। वर्तमान में, मुंबई, कोलकाता, गुजरात जैसे शहरों में माल भेजने में चार से पांच दिन लगते हैं, लेकिन इस परियोजना के पूरा होने के बाद माल 24 घंटे के भीतर पहुंच सकेगा। इससे व्यापारियों और उद्योगपतियों को बड़ी बचत होगी। "हमारे व्यापार में समय बहुत महत्वपूर्ण है। अगर माल जल्दी पहुंचेगा, तो हमारी लागत कम होगी और ग्राहकों को भी बेहतर सेवा मिलेगी," कहते हैं स्थानीय उद्योगपति संजय अग्रवाल। लॉजिस्टिक हब में वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा भी होगी, जिससे नाशवान वस्तुओं के भंडारण और परिवहन में सहायता मिलेगी।
तीन साल में पूरा होगा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट-
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अगले तीन साल में इस ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब को विकसित करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। पहले चरण में सड़कों की कनेक्टिविटी मजबूत की जा रही है। ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ के मुताबिक, परियोजनाओं की निविदा जल्द ही जारी की जाएगी। हम समयबद्ध तरीके से इस परियोजना को पूरा करना चाहते हैं। इसके लिए सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है।
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एयरपोर्ट के नजदीक ग्रेटर नोएडा-
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने के साथ ही ग्रेटर नोएडा में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। प्राधिकरण ने ग्रेनो को एयरपोर्ट का पहला पड़ाव घोषित किया है। ऐसे में यहां विकसित हो रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब को विशेष महत्व दिया जा रहा है। इन तीनों परियोजनाओं के लिए MIC-IITGNL ने योजना तैयार कर ली है। ग्रेटर नोएडा भविष्य का शहर है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और मल्टीमॉडल हब के साथ, यह निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य बन जाएगा।
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