HMPV Virus: भारत में HMPV वायरस के बहुत से मामले सामने आ चुके है और यह लगातार बढ़ रहे हैं। यह एक ऐसा वायरस है, जो हल्के से लेकर गंभीर लक्षण पैदा कर रहा है। मंगलवार को अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और सेलम में संक्रमण की पहली रिपोर्ट के बाद नागपुर में दो नए मामले सामने आए। एचएमपीवी मुख्य रूप से वृद्ध, बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। एचएमपीवी परीक्षण के लिए बायो फायर पैनल जैसे उन्नत डायग्नोसिस टूल की जरूरत होती है, जो एचएमपीवी समेत कई रोगजनकों की पहचान कर सकता है।
एचएमपीवी आरटी पीसीआर परीक्षण की लागत(HMPV Virus)-
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टर लाल पैथलैब्स, टाटा 1एमजी लैब्स और मैक्स हेल्थकेयर लैब जैसी प्रमुख प्रयोगशाला में एचएमपीवी आरटी पीसीआर परीक्षण की लागत 3,000 रुपए से लेकर 8000 रुपए तक है। वहीं एचएमपीवी के साथ-साथ अन्य श्वसन रोगजनकों को कवर करने वाले व्यापक परीक्षणों की लागत 20,000 रुपए तक हो सकती है। परीक्षण के लिए नमूनों में नासॉफिरिन्ज़ियल स्वैब, श्वसनली एस्पिरेट और थूक शामिल है। साल 2001 में पहली बार एचएमपीवी वायरस को पहचान गया था, जो एक श्वसन आरएनए वायरस है। यह आमतौर पर ठंड के मौसम में सक्रिय हो जाता है।
मुख्य रूप से श्वसन प्रभावित(HMPV Virus)-
यह वाइरस मुख्य रूप से श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, खासकर छोटे बच्चों और कम प्रति रक्षा प्रणाली वाले बुजुर्ग व्यक्तियों को। वहीं स्वस्थ वयस्कों में एचएमपीवी के लक्षण सामान्य सर्दी जुकाम जैसे ही होते हैं, जैसे खांसी, गले में खराश होना और नाक बंद होना। हालांकि कमजोर समूह में निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ की गंभीर समस्याएं भी विकसित हो सकती हैं। बच्चों और बूढ़ों को विशेष रूप से सांस लेने घबराहट और साइनोसिस जैसे लक्षणों का जोखिम होता है। इसके अलावा एचएमपीवी वायरस के लिए कोई एंटीवायरस दवा नहीं है।
गंभीर लक्षणों में क्या करें-
हल्के मामले आमतौर पर घर पर ही देखभाल से ठीक हो जाते हैं। लेकिन गंभीर लक्षणों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है। उपचार में श्वसन संबंधी समस्याओं को प्रतिबंधित करने के लिए ऑक्सीजन थेरेपी, गर्म तरल पदार्थ और कॉर्टिकोस्टोरॉइड शामिल है। इसके साथ ही विशेषज्ञों का कहना है, कि घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन सावधानी बरतने के महत्व पर उन्होंने जोर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथ ने मास्क पहने, भीड़भाड़ वाली जगह से बचने और स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है।
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सावधानी बरतने की ज़रुरत-
इसके साथ ही वायरस से बचने के लिए आपको नियमित रूप से साबुन से हाथ धोना है, कम से कम 60% अल्कोहल वाले सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना है, श्वसन संबंधी लक्षण वाले व्यक्तियों से दूर रहना है और आमतौर पर छुए जाने वाली सतहों को कीटाणु रहित करना है। अगर सांस लेने में घरघराहट या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें। अगर एचएमपीवी कोई नई बीमारी नहीं है, तो फिर भी इसके प्रभाव को प्रतिबंधित करने के लिए सतर्कता और समय पर चिकित्सा देखभाल जरूरी है।