HMPV Virus
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    HMPV Virus: चीन में कोविड-19 के बाद एक और वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है। चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले बहुत ज्यादा हैं। कोविड की तरह फ्लू जैसे लक्षणों वाले यह वायरस श्वसन संबंधी बीमारी है। हालांकि भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आश्वासन दिया है, कि घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह वाइरस जाना पहचाना है और आमतौर पर हल्का होता है।डॉक्टर्स का कहना है, कि यह कोई नया वायरस नहीं है। यह 20 से ज्यादा सालों से जाना जाता है। यह सर्दियों के मौसम में ज्यादा फैलता है और इन्फ्लूएंजा वायरस, बुखार या आम वायरल बुखार की तरह व्यवहार करता है।

    HMPV Virus के लक्षण-

    ज्यादातर मामलों में खांसी, बुखार, सर्दी जैसे लक्षण नजर आते हैं, जो अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। इसके साथ ही यह घर पर सामान्य दवा से ठीक हो जाते हैं। बच्चों को शायद ही कभी अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़े। क्योंकि संक्रमण आम तौर पर हल्का ही होता है। इसके अलावा मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकारों का कहना है, कि भारत में एचएमपीवी कई बार देखा गया है। खासकर सर्दियों के दौरान। अब तक यहां जो मामले देखे गए हैं, वह हल्के हैं।

    चीन में बढ़ते मामले (HMPV Virus)-

    भारत में पाया गया इस वायरस का स्ट्रेन आमतौर पर हल्का माना जाता है। यह मुख्य रूप से हल्के वायरल बुखार के लक्षण होते हैं। चीन में बढ़ते मामले के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को संयुक्त निगरानी समूह की एक बैठक बुलाई। जिसमें मंत्रालय द्वारा कहा गया, कि चीन में स्थिति और सामान्य नहीं है। मंत्रालय ने कहा, कि रिपोर्ट से पता चलता है, कि मौजूदा इन्फ्लूएंजा वायरस एचएमबीपी और आरएसपी की वजह से है, जो इस मौसम में होने वाले सामान्य बीमारी जैसे हैं।

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    मजबूत निगरानी प्रणाली-

    मंत्रालय ने आगे कहा है, कि यह वायरस भारत समेत दुनिया भर में पहले से ही प्रचलन में है। इसमें कहा गया, कि भारत में इनफ्लुएंज़ा जैसी बीमारी और इन्फ्लूएंजा के बारे में गंभीर बीमारी के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली पहले से ही आईसीएमआर और आईडीएसपी नेटवर्क के माध्यम से मौजूद है। एतियाती उपाय के तौर पर आईसीएमआर एचएमवीपी के लिए परीक्षण करने वाली प्रयोगशाला की संख्या बढ़ाई जाएगी और पूरे साल रुझानों की निगरानी होगी। मंत्रालय ने लोगों को आश्वासन दिया है, कि मौजूदा हालात चिंताजनक नहीं है। क्योंकि श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी और प्रबंधन के लिए प्रभावी उपाय किए गए हैं।

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