Intelligence Signs: आज हम आपको पांच ऐसी निशानियां बताने वाले हैं, जिन्हें अगर आप अपने अंदर महसूस करते हैं, तो समझ लीजिए कि आपको कोई इंसान तो क्या, इस दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती। ये विशेषताएं केवल उच्च बुद्धि वाले लोगों में ही पाई जाती हैं , ऐसा कई वैज्ञानिक शोधों में सामने आया है। लेकिन इससे पहले एक बात स्पष्ट कर दें. यहां 'बुद्धिमान' का मतलब सिर्फ स्कूल-कॉलेज के अच्छे मार्क्स लाने से नहीं है। सफल लोगों और विज्ञान के अनुसार, असली बुद्धिमत्ता इन पांच निशानियों में झलकती है।
Intelligence Signs 1. जिज्ञासा (क्यूरियसिटी)-
पहली और सबसे महत्वपूर्ण निशानी है जिज्ञासा। अंग्रेजी में कहते हैं "क्यूरियसिटी किल्ड द कैट" - यानी अत्यधिक जिज्ञासा नुकसानदायक हो सकती है। लेकिन मानव के लिए यह बिल्कुल विपरीत है - हमारा पूरा विकास जिज्ञासा के कारण ही हुआ है।अगर आइंस्टाइन जिज्ञासु नहीं होते तो सापेक्षता का सिद्धांत कभी नहीं मिलता। न्यूटन पर सेब गिरा और उनकी जिज्ञासा ने गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज की। निकोला टेस्ला और मैडम मैरी क्यूरी ने अपनी जिज्ञासा के कारण ही विज्ञान को नई ऊंचाइयां दीं। असली बुद्धिमान लोग हमेशा सवाल पूछते हैं, उत्तर खोजते हैं, और अपने ज्ञान को लगातार अपडेट करते रहते हैं। उनके लिए ज्ञान ही स्वतंत्रता है, ज्ञान ही शक्ति है, और ज्ञान ही सब कुछ है।
Intelligence Signs 2. बौद्धिक विनम्रता (इंटेलेक्चुअल ह्यूमिलिटी)-
अत्यंत बुद्धिमान लोगों में बौद्धिक विनम्रता होती है। आज हर क्षेत्र में बुद्धिमान लोगों की मांग है जो सही समय पर सही निर्णय ले सकें। लेकिन इन्हें पहचाना कैसे जाता है? एक इंटरव्यू में जब आपसे ऐसा सवाल पूछा जाए जिसका आपको जवाब नहीं आता, तब आपकी प्रतिक्रिया क्या होती है? कुछ लोग जवाब न जानते हुए भी कुछ भी बड़बड़ाने लगते हैं, जबकि सच्चे बुद्धिमान लोग सीधे स्वीकार कर लेते हैं कि उन्हें जवाब नहीं पता। इंटेलेक्चुअल लोग कभी दावा नहीं करते कि वे जो कह रहे हैं वह पूरी तरह सही है। वे हमेशा कहते हैं - "मेरी सीमित जानकारी के अनुसार..." वे अपने अहंकार से ज्यादा सत्य और व्यावहारिक ज्ञान को महत्व देते हैं। आलोचना का भी वे स्वागत करते हैं और उससे सीखते हैं।
3. स्ट्रीट स्मार्ट होना-
बुद्धिमान लोग केवल किताबी कीड़े नहीं होते - वे स्ट्रीट स्मार्ट भी होते हैं। क्या आपके साथ ऐसा होता है कि किसी से बहस के बाद घर आकर सोचते हैं - "काश, मैंने यह जवाब दिया होता"? स्ट्रीट स्मार्ट लोग ऐसा नहीं करते। वे व्यावहारिक समस्याओं को तुरंत हल करने में माहिर होते हैं। बाजार में बारगेनिंग हो या अजनबियों से बात करना, वे हर स्थिति को कुशलता से संभालते हैं। अकादमिक रूप से होशियार व्यक्ति बाजार में ठगा जा सकता है, लेकिन स्ट्रीट स्मार्ट व्यक्ति दुकानदार को डिस्काउंट देने पर मजबूर कर देगा। आज के समय में, घर हो या ऑफिस - हर जगह स्ट्रीट स्मार्ट लोगों की अधिक कीमत है।
4. मेटा-कॉग्निशन (स्व-जागरूकता)-
हाई इंटेलिजेंट लोग "मेटा" होते हैं - यानी स्व-संदर्भित। वे अपने हर काम को खुद मॉनिटर करते हैं और खुद का विश्लेषण करते हैं। उन्हें अपनी क्षमताओं और कमियों का पूरा ज्ञान होता है। अगर कोई उनकी झूठी तारीफ करे, तो वह उनके दिमाग पर असर नहीं करती। वे अपने आप के सबसे बड़े आलोचक होते हैं और जो भी करते हैं, विश्वास के साथ करते हैं। वे अक्सर खुद से बात करते हैं - यह पागलपन नहीं है, बल्कि वे अपने विचारों और कार्यों की प्रैक्टिस कर रहे होते हैं। उनका हर शब्द सोचा-समझा होता है और वे केवल उतना ही बोलते हैं जितना जरूरी हो।
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5. मुश्किल समस्याओं को आसान बनाना-
अत्यंत बुद्धिमान लोगों में जटिल समस्याओं को सरल बनाने की अद्भुत क्षमता होती है। इसी कारण वे सबसे कठिन चुनौतियों को भी आसानी से हल कर लेते हैं। हर क्लास में ऐसा एक छात्र होता है जो कम पढ़कर भी टॉपर के बराबर मार्क्स लाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह कठिन विषयों को सरलीकृत करना जानता है। अंग्रेजी में एक कहावत है - "एक जटिल समस्या कुछ नहीं, बस कई छोटी-छोटी समस्याओं का संयोजन है। हमें बस उन्हें अलग-अलग करके हल करना है।" असली बुद्धिमत्ता बड़ी समस्याओं को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर हल करने में है।
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