Animal Facts
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    Animal Facts: दोस्तों आज हम बात करेंगे दुनिया के ऐसे जानवरों के बारे में, जो खुद ही अपनी मौत की वजह बन जाते हैं। उन्हें अपने अंत के बारे में पता होता है, फिर भी उसे रोक नहीं सकते, यह उनकी बेवकूफी कहिए या फिर नेचर का वंडर। चलिए 10 ऐसे जानवरों के बारे में बात करते हैं, जहां वह अपनी ही अनोखी कमजोरी का शिकार हो जाते हैं।

    बाबीरुसा (Animal Facts)-

    बाबीरुसा एक जंगली सूअर है, जो इंडोनेशिया में पाया जाता है बाबीरुसा के अजीबों-गरीब दांत उनकी मौत की वजह बन सकते हैं। बाबीरुसा के चेहरे के ऊपर दो बड़े घुमावदार दांत होते हैं, जो ऊपर की ओर बढ़ते रहते हैं। कई बार वह इतने लंबे हो जाते हैं, कि उसकी खोपड़ी में वापस घुसने लगते हैं और जिसकी वजह से बाबीरुसा की मौत भी हो जाती है।

    ऑक्टोपस (Animal Facts)-

    मादा ऑक्टोपस के अंडे उसकी मौत का कारण बनते हैं, जब मादा ऑक्टोपस अंडे देती है। तब वह अपने अंडों की देखभाल में खुद को इतना इंवॉल्व कर लेती है, कि अपना खाना पीना तक भूल जाती है। वह अपने अंडो को साफ करती रहती है और शिकारियों से बचाती है। लेकिन कुछ हफ्तों के बाद मादा ऑक्टोपस का एनर्जी लेवल गिर जाता है और वह मर जाती है। बच्चों की दुनिया में आने से पहले ही उनकी मां मर चुकी होती है।

    रेनडियर (Animal Facts)-

    रेनडियर के पास बहुत बड़े सींग होते हैं, जो अक्सर उसकी मौत की वजह बनते हैं। जब दो रेनडियर लड़ाई करते हैं, तब वह आपस में अपने सींग को फंसा लेते हैं। कभी-कभी यह प्रॉब्लम इतनी बड़ी हो जाती है, कि वह दोनों आपस में फंस जाते हैं और ऐसे ही मर जाते हैं। इसके अलावा अकेला नर रेनडियर भी अपने सींग को झाड़ की शाखाओं में या फिर किसी चीज में फंसा लेता है और कभी-कभी इस सिचुएशन से खुद को निकाल नहीं पाता और कई दिनों तक फंसे रहने के बाद मर जाता है।

    कछुए (Animal Facts)-

    कछुए का कवच उसकी सबसे ज्यादा सुरक्षा करता है। लेकिन कभी-कभी यही कवच उसके लिए एक बुरा सपना बन जाता है और उसकी मौत की वजह बन जाता है। असल में जब कोई भारी और बड़ा कछुआ किसी फ्लैट लेन पर उल्टा हो जाता है। तब उसे सीधा होने में बहुत दिक्कत होती है और कभी-कभी सीधा ना होने की वजह से धूप और भूख से कमजोर होने की वजह से वह मर जाता है। हालांकि ज्यादातर कछुए की 80% कछुए अपने आप को सीधा करने में कामयाब हो जाते हैं और सिर्फ 20% छुए अपनी जान गवाते हैं।

    स्लॉथ-

    स्लॉथ को सबसे आलसी जानवर होता और यही आलसीपन उसकी मौत का कारण बनता है। स्लॉथ अपना ज्यादातर वक्त सोने में बिताते हैं और पेड़ों पर लटके रहते हैं। उनकी चलने की और हिलने ढूंढने की स्पीड इतनी धीरे होती है, कि जब ईगल या कोई शिकारी उन पर हमला करता है, तो खुद को बचाने के लिए वह तेजी से भाग नहीं पाते और खुद की मौत को दावत दे बैठते हैं।

    डॉन्की-

    डॉन्की शायद हम सभी ने गधा देखा होगा, लेकिन गधे की इस बात पर गौर नहीं किया होगा। दरअसल बात यह है, कि जो पालतू गधे के मालिक होते हैं। वह गधे के पैर के नाखून काटते रहते हैं। लेकिन जो जंगली गधे होते हैं, उनके पैर के नाखून ना काटने पर वह बहुत बड़े हो जाते हैं। जिसकी वजह से उन्हें चलने की दिक्कत होती है और कभी-कभी उनके पैर जख्मी भी हो जाते हैं। जिसकी वजह से वह शेर जैसे शिकारी के शिकार हो जाते हैं।

    मधुमक्खी-

    मधुमक्खी को नेचर की इंजीनियरिंग का एक चमत्कार माना जाता है, जिसके पास फूलों से रस को चूस कर मीठा शहद बनाने की अनोखी पावर होती है। इन मेहनती मक्खियों के पास एक सुरक्षा यंत्र भी होता है। जिसकी इन्हें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। इनके पास जो कांटेदार डंक होता है। वह इसे अपना छत्ता बचाने के लिए इस्तेमाल करती है। हालांकि मधुमक्खी का डंक शिकारी के मांस में फंस जाता है और उसके पेट से अलग हो जाता है। जब वह इसे पीछे खींचने की कोशिश करती है और इस तरह मधुमक्खी का अंत हो जाता है।

    लैमिंग्स-

    लैमिंग्स छोटे चूहे जैसे दिखने वाले जानवर नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और एशिया में पाए जाते हैं। यह छोटे-छोटे जीव टाइम टू टाइम एक जगह से दूसरी जगह खाने और घर की तलाश में झुंड में माइग्रेशन करते हैं। एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लैमिंग्स खाने और रहने की लालच में कई बार ऊंची चट्टानों से या फिर समुद्र में छलांग लगा देते हैं और ऊंचाई से गिरने पर उनकी मौत हो जाती है। हालांकि लेमिंग्स अच्छे स्विमर होते हैं, लेकिन जब यह किसी बहुत बड़ी नदी या समुद्र को पार करने लगते हैं, तो इन्हें जमीन नहीं मिल पाती और यह डूब कर मर जाते हैं। अक्सर लेमिंग्स खतरे से बेखबर होकर भीड़ को फॉलो करते हुए एक के पीछे एक ऊंची चट्टानों से या पानी में छलांग लगा देते हैं।

    ऑपोसम-

    ऑपोसम ज्यादातर अमेरिका में पाए जाने वाले इन जीवों के पास एक अनोखी कुदरत सुपर पावर होती है। जब खतरा महसूस होता है, तो ऑपोसम मरने का नाटक करने लगता है। अगर साइंस की मानें, तो यह एक्टॉनिक के इमोबिलिटी स्टेज है, जिसमें ऑपोसम जमीन पर गिर जाता है, अपनी हार्टबीट रोक लेता है, ढीला पड़ जाता है, अपनी जबान को बाहर लटका लेता है, लार टपकाता है, खराब बदबू छोड़ता है, मानों मरकर सड़ गया हो और हाथ लगाने पर जरा भी हरकत नहीं करता। इस स्टेज में वह कई मिनट या घंटे पड़ा रह सकता है। उसे मरा हुआ समझकर कोई शिकारी जानवर उसके पास नहीं आता। हालांकि इसकी चालाकी इसे कभी उलटी भी पड़ सकती है। क्योंकि ऑपोसम को कुछ लोग पेट भी बनाते हैं और उसके नाटक को सच समझकर इंसान उसका अंतिम संस्कार करते हुए उसे दफना भी सकता है।

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    टर्की-

    ऐसा माना जाता है, कि जंगली टर्की के मुकाबले पालतू टर्की में समझदारी थोड़ी कम होती है। टर्की की आंखें मोनोक्युलर होती है, जो उनके सर के दोनों साइड पर होती है यानी वह एक बार में दो चीजों को देख सकते हैं। लेकिन दोनों आंखों से एक चीज पर हमारी तरफ फोकस नहीं कर सकते। यह दोनों तरफ देखने की खूबी, उन्हें किसी भी खतरे या शिकारी से बचाती है। लेकिन कभी-कभी यही खूबी उनके लिए खतरा भी बन जाती है। क्योंकि कई बार स्ट्रेस या एक्साइटमेंट में आकर वह इधर-उधर स्पीड से भागने लगते हैं, ठीक से फोकस न बनने पर किसी भी चीज से टकरा जाते हैं और गहरी चोट लगने पर उनकी मौत भी हो जाती है। हालांकि इस तरह उनकी मौत के किस्से बहुत ही काम देखे गए हैं।

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