Adani: गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया, कि यह अमेरिका में स्पष्ट और स्थापित है, कि गौतम अडानी ने भारतीय और अमेरिकी दोनों ही देश के कानून का उल्लंघन किया है। राहुल गांधी का यह बयान अमेरिका द्वारा अडानी, उनके भतीजे और छह अन्य सोलर सिस्टम कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर 2,029 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश करने का आरोप लगाने के कुछ ही घंटे बाद आया है। हालांकि राहुल गांधी ने कहा, कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी एक साथ हैं, तो वह भारत में सुरक्षित हैं। अडानी पर आरोपों के लगने के बाद कांग्रेस ने अडानी ग्रुप से जुड़े अलग-अलग घोटाले की संसदीय समिति से जांच करने की मांग को तेज कर दिया है।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 21, 2024
संचार प्रभारी जयराम रमेश-
एक्स पर पोस्ट करते हुए, कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, कि अभियोग (Charge) जेपीसी जांच की मांग को सही साबित करता है। कांग्रेस ने अडानी मेगा स्कैम में कानूनी जांच को पूरा करने के लिए एक नए और विश्वसनीय सेबी चीफ की नियुक्ति की भी मांग की है। अमेरिकी प्रॉस्टिट्यूट ने न्यूयॉर्क में गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और 6 अन्य पर राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ अट्रैक्टिव सोलर सिस्टम कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर 2,029 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश करने के आरोप लगाए हैं।
सरकार पर हमला-
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस ने कहा, कि हम अडानी के हैं, सीरीज में 100 सवाल पूछे थे। जिसमें इन दलों के अलग-अलग आयाम, प्रधानमंत्री के साथ उनके पसंदीदा व्यवसाय के बीच मौजूदा सांठ-गांठ को सामने लाया गया था। उनमें इन सवालों के उत्तर रह गए थे, एक समांतर कम में अमेरिका और विनियम आयोग (Regulation Commission) ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के कार्यकारी गौतम अडानी, सागर अडानी और सोलर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सीरियल कैबिनेट पर बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी की योजना का आरोप लगाया है।
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एईसी की कार्यवाही-
उन्होंने कहा, कि एईसी की कार्यवाही से उसके भारतीय सेबी के द्वारा अडानी की जांच के तरीके पर गलत रोशनी डाली गई है। रमेश ने कहा, कि यह सेबी की सफलता है, कि वह ग्रुप को उसके निवेश के सोर्स फर्जी कंपनियों के बारे में जवाबदेह नहीं ठहरा सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया, कि कांग्रेस अडानी ग्रुप के लेनदेन की संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की अपनी मांग दोहराती है। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र में एकाधिकार बढ़ रहा है। मुद्रास्फीति बढ़ रही है और विशेष रूप से हमारे पड़ोस में बड़ी विदेश नीति चुनौतियां भी उत्पन्न हो रही है।
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