NHAI यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने लखनऊ और नेपाल के बीच की दूरी को कम करने और सफर को आसान बनाने के लिए काम शुरु कर दिया है। NHAI ने बाराबंकी से रुपईडिहा जो कि भारत नेपाल सीमा के पास बहराइच जिले का एक शहर है तक चार लेन राजमार्ग बनाने की योजना की घोषणा कर दी है। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 150 करोड रुपए की लागत आने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा।
यात्रा के समय में कमी-
इस नए राजमार्ग के बनने से जो कि डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी तय करेगा, से नेपाल की यात्रा के समय को 3 घंटे से घटाकर 2 घंटा कर देगा। इसके साथ ही इसके ज़रिए भारत और नेपाल के बीच व्यवसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों के मुताबिक, अयोध्या के राजमार्ग को पहले ही सुधार दिया गया है। जिससे की तीर्थ यात्रियों को अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन करने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। NHAI द्वारा इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण और टेंडर की प्रक्रिया भी तेजी से शुरू की जा चुकी है।
हाईवे निर्माण के दौरान वन वे ट्रैफिक जारी-
प्रोजेक्ट डायरेक्टर सौरभ चौरसिया का कहना है कि हाईवे निर्माण के दौरान वन वे ट्रैफिक जारी रहेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जमीन अधिग्रहण के बाद लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की तर्ज पर ग्रीन फील्ड पर काम किया जाएगा। साल 2014 में 1600 करोड़ रुपए से बाराबंकी से रुपईडिहा तक करीब 160 किलोमीटर लंबी सड़क बनी थी। NHAI ने क्षेत्र के बीच बेहतर आवागमन के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए चार लाइन राजमार्ग बनाने का निर्णय लिया है।
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आर्थिक विकास को बढ़ावा-
इस खंड का इस्तेमाल वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 25000 वाहनों द्वारा किया जाता है। NHAI का दृष्टिकोण कुशल राजमार्ग प्रणाली के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बदलने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का वादा करता है। इस हाइवे के बनने से ना सिर्फ यात्रा की अवधि में कमी आएगी, बल्कि यह पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक संबंधों को भी बढ़ावा देगा। यह नई कनेक्टिविटी व्यवसाय और निवासियों दोनों के लिए ही एक लहर लाने के लिए तैयार है जो की एक समृद्ध भविष्य का मार्ग तैयार करेगी।
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