Imran Khan
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    Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के परिवार पर एक बार फिर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनकी तीनों बहनों ने पंजाब पुलिस चीफ उस्मान अनवर को एक गंभीर पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर हुई, कथित पुलिस बर्बरता की निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह वही जेल है, जहां इमरान खान 2023 से बंद हैं और जहां उनके परिवार को महीनों से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है।

    इमरान खान की बहनों नूरीन निआज़ी, अलीमा खान और डॉ उज़्मा खान ने अपने पत्र में आरोप लगाया है, कि पुलिस ने उन पर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के समर्थकों पर बेरहमी से हमला किया, जबकि वे शांतिपूर्वक अपने भाई की सेहत और हिरासत को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। यह घटना इमरान खान की कैद के इर्द-गिर्द बढ़ते तनाव को और भी गंभीर बना देती है।

    जेल के बाहर परिवार का दर्दनाक इंतजार-

    पिछले एक महीने से इमरान खान की बहनें और PTI के कार्यकर्ता अदियाला जेल के बाहर डेरा डाले हुए थे। उनकी एक ही मांग थी, अपने नेता से मिलने की इजाजत। लेकिन बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें इमरान से मिलने की परमिशन नहीं दी गई।

    इस दौरान लगातार रिपोर्ट्स आती रहीं, कि पूर्व क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान के साथ जेल के अंदर पाकिस्तानी मिलिट्री द्वारा टॉर्चर और प्रताड़ना की जा रही है। फिर भी अधिकारियों ने “सुरक्षा चिंताओं” का हवाला देते हुए, परिवार को उनसे मिलने से रोक दिया।

    शांतिपूर्ण विरोध पर पुलिस की कार्रवाई-

    नूरीन निआज़ी, अलीमा खान और डॉ उज़्मा खान ने अपनी चिट्ठी में साफ शब्दों में लिखा है, कि उन्होंने पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया था। उनका कहना है, कि वे केवल अपने भाई की सेहत और सुरक्षा को लेकर चिंतित थे और बस उनसे मिलना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उनके इस जायज अधिकार को दबाने के लिए अत्यधिक बल का इस्तेमाल किया।बहनों ने आरोप लगाया, कि पुलिस ने उन्हें और PTI समर्थकों को हैरास करने, डराने-धमकाने और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने की कोशिश की।

    इमरान खान की कैद-

    इमरान खान 2023 से अदियाला जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी और कैद को लेकर पाकिस्तान में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सवाल उठाए गए हैं। उन पर कई केस चल रहे हैं, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है, कि यह सब राजनीतिक बदला लेने की साजिश है। एक पूर्व प्रधानमंत्री के साथ इस तरह का व्यवहार पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिरता और न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।

    जेल के अंदर टॉर्चर और मिसट्रीटमेंट के आरोपों ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। परिवार के सदस्यों को मिलने से रोकना, खासकर जब किसी की सेहत को लेकर चिंताएं हों, यह किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकता। इमरान खान के समर्थक लगातार उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं और उनके साथ हो रहे कथित अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

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    बढ़ता तनाव और राजनीतिक संकट-

    यह घटना पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट को और गहरा कर देती है। PTI और मौजूदा सरकार के बीच तनाव पहले से ही चरम पर है। इमरान खान की बहनों पर हुई कथित पुलिस बर्बरता ने इस आग में घी डालने का काम किया है। PTI समर्थक इसे सरकारी दमन का एक और उदाहरण बता रहे हैं और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन की आशंका जताई जा रही है।

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