Viral Video: नेपाल की राजधानी काठमांडू में मची अराजकता के बीच एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। सरकारी मंत्री और उनके परिवारजन सेना के हेलिकॉप्टर की रस्सी से लटककर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे थे। यह दृश्य इतना डरावना था, कि देखने वाले भी सिहर उठे।
सेना के हेलिकॉप्टरों को तुरंत तैनात करना पड़ा, ताकि सरकारी अधिकारियों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया जा सके। एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है, जिसमें काठमांडू के एक होटल के ऊपर से रेस्क्यू बास्केट में मंत्रियों को ले जाया जा रहा है। बैकग्राउंड में धुआं उड़ रहा था और लोग हेलिकॉप्टर पर चीख-चिल्ला रहे थे।
मंत्रियों पर हमले के वीडियो हुए वायरल-
जब से नेपाल की सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन शुरू हुआ है, तब से कई दिल दहलाने वाले वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल को प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क पर भगाते और लात मारते हुए देखा जा सकता है। हालांकि इस वीडियो की सत्यता की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।
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— Open Source Intel (@Osint613) September 10, 2025
Nepalese ministers and their families cling to a helicopter rope to escape protests. pic.twitter.com/L31FLJLepC
एक और क्लिप में विदेश मंत्री आर्जू राणा देउबा और उनके पति, पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा पर उनके काठमांडू स्थित घर पर हमला होते दिखाया गया है। यह देखकर समझ आ रहा है, कि स्थिति कितनी गंभीर है और लोगों का गुस्सा किस हद तक पहुंच गया है।
संसद भवन को लगाई गई आग-
मंगलवार को हजारों प्रदर्शनकारी राजधानी में उतरे, जिनमें ज्यादातर जेन जेड मूवमेंट के समर्थक थे। इन लोगों ने सरकारी नेताओं के घरों में तोड़फोड़ की और संसद भवन में आग लगा दी। यह दृश्य देखकर लग रहा था, जैसे पूरा देश अराजकता की आग में जल रहा हो।
यह अशांति तब भड़की जब सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया था। यह कदम उस समय उठाया गया जब पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता का गुस्सा चरम पर था। जैसे-जैसे हिंसा फैली, प्रधानमंत्री खड़ग प्रसाद ओली ने अपने इस्तीफे की घोषणा की। राष्ट्रपति ने इसे स्वीकार कर लिया और उन्हें नया नेता चुने जाने तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया, हालांकि उनका अधिकार और ठिकाना अभी भी अस्पष्ट है।
राष्ट्रपति की शांति की अपील-
राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है, कि वे शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए चर्चा में हिस्सा लें और आगे की हिंसा को रोकें। उन्होंने कहा है, कि बातचीत से ही समस्याओं का हल निकल सकता है, हिंसा से नहीं। लेकिन देखना यह है, कि क्या प्रदर्शनकारी इस अपील को मानेंगे या नहीं।
अंतरिम नेता के लिए दबाव-
नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, जेन जेड आंदोलन के प्रतिनिधियों के अनुसार, अंतरिम प्रधानमंत्री पद की प्रमुख दावेदार बनकर उभरी हैं। 73 वर्षीय कार्की ने कहा है, कि विशेषज्ञों को मिलकर आगे का रास्ता निकालना होगा और संसद अभी भी कायम है।
हालांकि उनके नामांकन पर बहस छिड़ी हुई है। काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और पूर्व बिजली बोर्ड के सीईओ कुलमान घिसिंग भी उन नामों में शामिल हैं जिन पर जेन जेड समूह विचार कर रहे हैं। यह स्थिति दिखाती है कि नेपाल की जनता पारंपरिक राजनेताओं से तंग आकर नए चेहरों की तलाश में है।
युवाओं का गुस्सा और भविष्य की चुनौती-
इस पूरे मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है, कि नेपाल का युवा वर्ग पूरी तरह से सरकारी व्यवस्था के खिलाफ खड़ा हो गया है। जेन ज़ी आंदोलन के नाम पर जो हिंसा हो रही है, वह दिखाती है, कि देश की नई पीढ़ी कितनी निराश और गुस्से में है। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान युवा अब सब्र का बांध तोड़ चुके हैं।
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नेपाल की यह स्थिति पड़ोसी देश भारत के लिए भी चिंता का विषय है। दोनों देशों के बीच गहरे रिश्ते हैं और नेपाल में अस्थिरता का असर भारत पर भी पड़ सकता है। अब देखना यह होगा, कि नेपाल की राजनीतिक स्थिति कैसे सुधरती है और क्या वहां शांति बहाली हो पाती है।
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