Solar Eclipse 2025
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    Solar Eclipse 2025: सितंबर का महीना इस साल कुछ खास हो गया है। पहले 7 सितंबर को चांद लाल हो गया था और अब 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण होने वाला है। दो हफ्तों में दो बड़ी घटनाएं! यह बात बहुत कम होती है।

    पितृ पक्ष में दो ग्रहण क्यों खास है?

    इस बार पितृ पक्ष (जब हम अपने पुराने बुजुर्गों को याद करते हैं) की शुरुआत और खत्म, दोनों में ग्रहण हो रहा है। पंडित जी कहते हैं, कि यह बहुत कम होता है और इसका खास मतलब है। 21 सितंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। इसमें चांद सूर्य के आगे आ जाएगा और सूर्य का कुछ हिस्सा छुप जाएगा। ऐसा लगेगा जैसे सूर्य का टुकड़ा कट गया हो।

    कहां दिखेगा यह नजारा?

    यह ग्रहण सिर्फ दक्षिणी इलाकों में दिखेगा। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्से, और समुद्री इलाकों में लोग इसे देख पाएंगे। वहां सुबह के समय सूर्य का 72 फीसदी हिस्सा छुप जाएगा। अंटार्कटिका में रहने वाले लोगों को सबसे अच्छा नजारा मिलेगा।

    भारत में दिखेगा या नहीं?

    नहीं! भारत में यह ग्रहण बिल्कुल नहीं दिखेगा। हमारे यहां, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल – कहीं भी नहीं दिखेगा। अमेरिका में भी नहीं दिखेगा। यह थोड़ा निराश करने वाली बात है, क्योंकि कुछ दिन पहले चांद ग्रहण बहुत सुंदर दिखा था और सभी ने देखा था।

    समय क्या है?

    शाम के 7:43 बजे (यूटीसी समय के हिसाब से) यह ग्रहण सबसे ज्यादा होगा। जिन देशों में यह दिखेगा, वहां यह सुबह का समय होगा।

    भारत के लोगों पर क्या असर?

    चूंकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए कोई सूतक (प्रतिबंध) नहीं लगेगा। न खाना बंद करना होगा, न पूजा रोकनी होगी। लेकिन पंडित जी कहते हैं, कि इसका थोड़ा बहुत असर हो सकता है। खासकर जो लोग कन्या राशि के हैं या उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में पैदा हुए हैं, उन्हें सावधान रहना चाहिए। बुध और सूर्य एक साथ आ रहे हैं, जिसे बुधादित्य योग कहते हैं। यह दिमाग तेज करने वाला योग है।

    क्यों खास है यह ग्रहण?

    यह ग्रहण विषुव के पास हो रहा है। विषुव वह दिन है जब दिन और रात बराबर होते हैं। यह साल में दो बार होता है – मार्च में और सितंबर में। इस वजह से इसे “विषुव ग्रहण” भी कहा जा रहा है।

    आम लोगों के लिए क्या मतलब?

    वैसे तो यह एक प्राकृतिक घटना है। चांद सूर्य के सामने आ जाता है और कुछ देर के लिए सूर्य छुप जाता है। बस इतनी सी बात है। लेकिन यह देखना बहुत सुंदर होता है। जिन लोगों के पास मौका है, वे जरूर देखें। बस याद रखें कि सीधे सूर्य को नंगी आंख से न देखें, नुकसान हो सकता है।

    इंटरनेट पर कैसे देखें?

    भारत के लोग इसे इंटरनेट पर लाइव देख सकते हैं। कई वेबसाइटें और यूट्यूब चैनल इसका सीधा प्रसारण करेंगे। नासा भी अपनी वेबसाइट पर दिखाएगा।

    मौसम कैसा रहेगा?

    जिन जगहों पर यह ग्रहण दिखेगा, वहां का मौसम साफ रहने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अभी बसंत का मौसम है, इसलिए आसमान साफ रहने के चांस ज्यादा हैं।

    तस्वीरें कैसे लें?

    अगर कोई इसकी तस्वीर लेना चाहता है, तो खास फिल्टर का इस्तेमाल करना होगा। बिना फिल्टर के कैमरा खराब हो सकता है। मोबाइल से भी तस्वीर ले सकते हैं, बस सीधे सूर्य पर फोकस न करें।

    बच्चों के लिए सीख-

    यह एक अच्छा मौका है बच्चों को समझाने का कि हमारा सौरमंडल कैसे काम करता है। चांद, सूर्य और पृथ्वी कैसे घूमते हैं और कभी-कभी कैसे एक लाइन में आ जाते हैं। स्कूलों में इस दिन खगोल विज्ञान के बारे में पढ़ाया जा सकता है।

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    अगला कब होगा?

    अगला सूर्य ग्रहण 2026 में होगा। लेकिन भारत में दिखने वाला अगला बड़ा ग्रहण कुछ सालों बाद होगा। इसलिए जो भी मिले, उसका मजा लेना चाहिए।

    सितंबर 2025 वाकई एक यादगार महीना बन गया है। पहले चांद ग्रहण, अब सूर्य ग्रहण। यह दिखाता है कि हमारा ब्रह्मांड कितना अजीब और सुंदर है। भले ही भारत में यह न दिखे, लेकिन इंटरनेट के जमाने में हम सब इसे देख सकते हैं। यह प्रकृति का एक खूबसूरत खेल है, जिसे हमें समझना और सराहना करना चाहिए।

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