UAE Golden Visa
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    UAE Golden Visa: संयुक्त अरब अमीरात ने एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव करते हुए भारतीयों के लिए नया नामांकन आधारित गोल्डन वीजा शुरू किया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब भारतीयों को संपत्ति या व्यापार में निवेश की आवश्यकता नहीं होगी। सिर्फ एक बार 1 लाख दिरहम (लगभग 23.3 लाख रुपये) की फीस देकर वे UAE में आजीवन निवास की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

    यह फैसला उन हजारों भारतीयों के लिए सुनहरा अवसर साबित हो सकता है जो अपने करियर और व्यापारिक अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए UAE में स्थायी रूप से रहना चाहते हैं। पहले इस सुविधा के लिए करोड़ों रुपयों का निवेश करना पड़ता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया बहुत आसान हो गई है।

    UAE Golden Visa क्या है और इसके फायदे-

    UAE गोल्डन वीजा एक दीर्घकालिक निवास वीजा है जो विदेशी नागरिकों को UAE में रहने, काम करने या पढ़ने की सुविधा देता है। इस वीजा के तहत छह महीने का मल्टी-एंट्री वीजा मिलता है जो प्रक्रिया शुरू करने के लिए दिया जाता है।

    इसके मुख्य लाभों में 5 या 10 साल के लिए नवीनीकृत निवास वीजा शामिल है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए स्थानीय प्रायोजक की आवश्यकता नहीं होती। वीजा धारक छह महीने से अधिक समय तक UAE से बाहर रह सकते हैं और उनकी नागरिकता नहीं छूटती। परिवार के सदस्यों को प्रायोजित करने की असीमित सुविधा है और घरेलू कर्मचारियों को भी प्रायोजित किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वीजा धारक की मृत्यु के बाद भी परिवार के सदस्य UAE में रह सकते हैं।

    UAE Golden Visa भारतीयों के लिए नई सुविधाएं-

    पहले भारतीय नागरिकों को गोल्डन वीजा प्राप्त करने के लिए 2 मिलियन दिरहम (4.66 करोड़ रुपये) की संपत्ति में निवेश करना पड़ता था या बड़े व्यापारिक निवेश की आवश्यकता होती थी। नई नामांकन आधारित व्यवस्था के तहत अब आवेदकों को बिना निवेश के भी मंजूरी मिल सकती है।

    यह मंजूरी व्यावसायिक पृष्ठभूमि, सामाजिक योगदान और UAE के सांस्कृतिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक, वित्तीय या स्टार्टअप क्षेत्रों में संभावित मूल्य के आधार पर दी जाएगी। यह पायलट चरण फिलहाल भारत और बांग्लादेश के आवेदकों के लिए उपलब्ध है।पहले तीन महीनों में 5,000 से अधिक भारतीय आवेदन आने की उम्मीद है। यह आंकड़ा इस योजना की लोकप्रियता को दर्शाता है।

    नई नामांकन व्यवस्था की विशेषताएं-

    नए नामांकन मॉडल में संपत्ति या व्यापारिक निवेश की आवश्यकता नहीं है। पात्रता का आधार व्यावसायिक पृष्ठभूमि, सामाजिक योगदान, या UAE की संस्कृति, व्यापार, विज्ञान, स्टार्टअप या वित्त क्षेत्रों में योगदान होगा। एक बार 1 लाख दिरहम की फीस देकर आजीवन निवास मिल जाएगा। वीजा धारक अपने परिवार को ला सकते हैं, कर्मचारी रख सकते हैं और व्यापार चला सकते हैं। नामांकन की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक इतिहास और सोशल मीडिया गतिविधि की जांच शामिल है।

    आवेदन कैसे करें-

    आवेदन रायद ग्रुप के माध्यम से किए जा रहे हैं, जो VFS और वन वास्को केंद्रों के साथ मिलकर भारत और बांग्लादेश में काम कर रहा है। आवेदक ऑनलाइन पोर्टल या कॉल सेंटर के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं।

    रायद ग्रुप के प्रबंध निदेशक रायद कमाल अयूब ने इसे “भारतीयों के लिए सुनहरा अवसर” बताया है। उन्होंने कहा कि आवेदकों की एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक पृष्ठभूमि और सोशल मीडिया की जांच होगी, लेकिन अंतिम निर्णय UAE अधिकारियों का होगा। आवेदन ICP वेबसाइट या ICP मोबाइल ऐप के माध्यम से भी किए जा सकते हैं। दुबई के लिए जनरल डायरेक्टरेट ऑफ रेसिडेंसी एंड फॉरेनर्स अफेयर्स से संपर्क करना होगा।

    भारत-UAE संबंधों में नया अध्याय-

    यह नई पहल UAE और भारत के बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को दर्शाती है। 2022 में हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के बाद यह एक महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में यह नामांकन आधारित मॉडल चीन जैसे अन्य CEPA देशों तक भी बढ़ाया जाने की उम्मीद है। UAE में भारतीयों की बड़ी आबादी है और वे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह नई व्यवस्था इस रिश्ते को और मजबूत बनाएगी।

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    पारंपरिक गोल्डन वीजा विकल्प भी उपलब्ध-

    नामांकन मॉडल के साथ-साथ पारंपरिक निवेश और योग्यता आधारित गोल्डन वीजा के रास्ते भी खुले हैं। निवेशकों के लिए 2 मिलियन दिरहम का निवेश करना होगा या सरकार को 2.5 लाख दिरहम वार्षिक कर देना होगा। रियल एस्टेट निवेशकों के लिए न्यूनतम 2 मिलियन दिरहम मूल्य की संपत्ति खरीदनी होगी। उद्यमियों के लिए कम से कम 5 लाख दिरहम मूल्य का तकनीकी या नवाचार आधारित व्यापार होना चाहिए।

    विशेषज्ञ प्रतिभाओं में डॉक्टर, वैज्ञानिक, कलाकार, कार्यकारी, एथलीट और इंजीनियर शामिल हैं। उत्कृष्ट छात्रों के लिए हाई स्कूल में 95% से अधिक अंक या विश्वविद्यालय में उच्च GPA की आवश्यकता है। मानवीय कार्यकर्ताओं के लिए पांच साल का अनुभव या पुरस्कार होना चाहिए। COVID-19 जैसी आपातकाल की स्थिति में काम करने वाले नर्स, लैब तकनीशियन और स्वास्थ्य कर्मचारी भी इसके लिए पात्र हैं।

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