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    Trending News: हाल ही में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक व्यक्ति ने अपने पिता की मृत्यु के बाद उनके शव को दो साल तक घर की अलमारी में छिपाकर रखा। इस चौंकाने वाले मामले की जड़ में वित्तीय मजबूरी है, जो दर्शाती है कि गरीबी किस तरह लोगों को अनैतिक कदम उठाने पर मजबूर कर सकती है।

    Trending News रेस्टोरेंट बंद होने से खुली पोल-

    समाचार वेबसाइट india.com के मुताबिक, वर्षीय नोबुहिको सुजुकी की इस हरकत का खुलासा तब हुआ जब उन्होंने अपना चाइनीज रेस्टोरेंट एक हफ्ते से अधिक समय तक नहीं खोला। पड़ोसियों को चिंता हुई और उन्होंने पुलिस को सूचित किया। जब अधिकारी जांच के लिए सुजुकी के घर पहुंचे, तो उन्हें एक अलमारी में उनके पिता का कंकाल मिला।

    इस भयावह खोज ने स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा दिया। पड़ोसियों ने बताया कि सुजुकी अक्सर अकेले रहते थे और बहुत कम सामाजिक संपर्क रखते थे। एक पड़ोसी ने कहा, “वे हमेशा से ही काफी शांत प्रकृति के व्यक्ति थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों से उनका व्यवहार अजीब लगने लगा था।”

    Trending News “अंतिम संस्कार का खर्च नहीं उठा सकता था”-

    पूछताछ के दौरान, सुजुकी ने पुलिस को बताया कि उनके 86 वर्षीय पिता की जनवरी 2023 में मृत्यु हो गई थी। उन्होंने दावा किया कि जब वे काम से घर लौटे, तो उन्हें अपने पिता का निर्जीव शरीर मिला। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनके पिता की मृत्यु का वास्तविक कारण क्या था।

    “अंतिम संस्कार बहुत महंगा था। मैं इतना पैसा खर्च नहीं कर सकता था, इसलिए मैंने शव को अलमारी में छिपा दिया,” सुजुकी ने अपने कार्य के पीछे की वजह बताते हुए कहा। पुलिस के अनुसार, शुरू में सुजुकी को अपने कृत्य पर पछतावा था, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी मौजूदा स्थिति के लिए अपने पिता को दोषी ठहराया।

    Trending News अंतिम संस्कार का खर्च बना बोझ-

    जापान में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया काफी महंगी और जटिल है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, देश में अंतिम संस्कार की औसत लागत लगभग 1.3 मिलियन येन (लगभग 8,900 अमेरिकी डॉलर या करीब 7.5 लाख रुपये) है। यह राशि बहुत से जापानी परिवारों के लिए वित्तीय बोझ बन जाती है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही आर्थिक संघर्ष कर रहे हैं।

    “जापान में पारंपरिक अंतिम संस्कार में विभिन्न रीति-रिवाजों के साथ-साथ कई बौद्ध अनुष्ठान शामिल होते हैं, जिनमें से प्रत्येक के लिए अलग से भुगतान करना पड़ता है,” एक स्थानीय समाजशास्त्री ने बताया। “इसके अलावा, श्मशान भूमि की कमी और बढ़ती मांग के कारण कब्र स्थल की कीमतें भी बहुत अधिक हैं।”

    पेंशन धोखाधड़ी का आरोप-

    सुजुकी को अब गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर अपने पिता की पेंशन का कथित रूप से गबन करने का आरोप है। अधिकारियों का अनुमान है कि सुजुकी ने अपने पिता की मृत्यु के बाद भी उनकी पेंशन प्राप्त करना जारी रखा, जो जापानी कानून के तहत एक गंभीर अपराध है।

    “हमारे पास सबूत हैं कि सुजुकी ने अपने पिता की मृत्यु के बाद भी उनके खाते से पेंशन निकालना जारी रखा,” टोक्यो पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया। “हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं और देख रहे हैं कि क्या और कोई आपराधिक गतिविधियां शामिल थीं।”

    जापान में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के साथ, पेंशन धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे ऐसे मामलों से निपटने के लिए अधिक सख्त उपाय अपना रहे हैं।

    सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं-

    इस मामले ने जापानी इंटरनेट यूजर्स के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि सुजुकी ने पेंशन हासिल करने के लिए अपने पिता की हत्या की होगी, जबकि अन्य लोगों ने उनकी वित्तीय परिस्थितियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।

    एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, “वह एक बुरा आदमी है जिसने पेंशन के लिए अपने पिता के शव को छुपा दिया।” वहीं एक अन्य यूजर ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “जब मेरे पिता का निधन हुआ, तो अस्पताल ने मुझे तुरंत अंतिम संस्कार गृह खोजने के लिए कहा। मैंने दो मिलियन येन (करीब 14,000 डॉलर) खर्च किए।

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    बुजुर्गों के प्रति समाज की जिम्मेदारी-

    यह मामला जापान में बुजुर्गों की देखभाल और अंतिम संस्कार के खर्च को लेकर चिंताओं को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को गरीब परिवारों के लिए अंतिम संस्कार सहायता कार्यक्रम विकसित करने की आवश्यकता है।

    “यह एक तरह से समाज की विफलता है,” एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा। “हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हर व्यक्ति को सम्मानजनक अंतिम संस्कार मिले, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।”

    इस बीच, जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वे बुजुर्गों की देखभाल और अंतिम संस्कार सेवाओं से जुड़े मुद्दों की समीक्षा कर रहे हैं।

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