Pakistan Threatens India
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    Pakistan Threatens India: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बार फिर भारत को खुली धमकी देते हुए कहा है कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के लिए निर्धारित पानी को मोड़ने के लिए कोई भी संरचना बनाई, तो पाकिस्तान उसे “तबाह” कर देगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है।

    “अगर वे (भारत) इस तरह का कोई भी प्रयास करेंगे, तो यह पाकिस्तान के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा… अगर वे इस तरह की कोई भी वास्तुकला कोशिश करेंगे, तो पाकिस्तान उस संरचना को नष्ट कर देगा,” पाकिस्तानी मंत्री ने कहा जब उनसे पूछा गया कि अगर नई दिल्ली सिंधु बेसिन पर बांध बनाती है तो इस्लामाबाद की क्या प्रतिक्रिया होगी।

    Pakistan Threatens India सिंधु जल संधि क्या है और क्यों है महत्वपूर्ण?

    सिंधु जल संधि, जो 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित हुई थी, दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे को नियंत्रित करती है। इस संधि के तहत, सिंधु नदी के पानी का 80% पाकिस्तान को जाता है, जबकि भारत सिर्फ 20% का उपयोग करता है। यह संधि छह नदियों – सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज – के पानी के उपयोग को नियंत्रित करती है।

    भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस संधि को स्थगित करने का फैसला लिया, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की पहली बैठक में लिया गया था।

    Pakistan Threatens India युद्ध की धमकियों का दौर जारी-

    यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भारत को धमकी दी है। इससे पहले, आसिफ ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच “पूर्ण युद्ध” की धमकी दी थी।

    भारत में भाजपा ने इस धमकी पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि पाकिस्तानी लगातार डर में जी रहे हैं।

    “ख्वाजा आसिफ स्पष्ट रूप से डरे हुए हैं। हालांकि वह पाकिस्तान के रक्षा मंत्री हैं, उनका वास्तव में कोई नियंत्रण नहीं है। वह सिर्फ एक बयानबाजी मंत्री हैं, जो लगातार खोखली धमकियां देते रहते हैं। पाकिस्तानियों के बीच डर स्पष्ट है। वे रात में नींद खो रहे हैं,” भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा।

    भारत का रुख क्या है?

    पाकिस्तानी मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत के जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने वादा किया है कि भारत यह सुनिश्चित करेगा कि सिंधु जल का “एक बूंद भी” पाकिस्तान को न जाए।

    हालांकि, फिलहाल भारत पानी के प्रवाह को नहीं रोक सकता क्योंकि उसके पास पाकिस्तान जाने वाली नदियों पर पर्याप्त बड़े भंडारण प्रणाली नहीं है। इसके लिए बड़े बांधों और जलाशयों की आवश्यकता होगी, जिनके निर्माण में समय लगेगा।

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भी दी धमकी-

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी धमकी दी है कि पाकिस्तान के लिए निर्धारित पानी के प्रवाह को रोकने या बदलने के किसी भी कदम को “युद्ध का कृत्य” माना जाएगा।

    “पानी हमारी जीवन रेखा है और हम इसे लेकर किसी भी समझौते की अनुमति नहीं देंगे। पाकिस्तान अपने पानी के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा,” शहबाज शरीफ ने अपने एक बयान में कहा।

    क्या वास्तव में पानी पर युद्ध होगा?

    जल संसाधन विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है, लेकिन वास्तविक युद्ध की संभावना कम है। दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं, और इस तरह के किसी भी संघर्ष के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

    “पानी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन यह युद्ध का कारण बनने की संभावना नहीं है। दोनों देश कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से इस मुद्दे को हल करने का प्रयास करेंगे,” एक अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ ने कहा।

    पहलगाम हमला: क्या हुआ था 22 अप्रैल को?

    22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। यह हमला पर्यटकों से भरी एक बस पर किया गया था, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग सवार थे।

    इस हमले के बाद, भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला लिया। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की पहली बैठक में लिया गया था।

    भारत-पाक संबंधों पर प्रभाव-

    सिंधु जल संधि को स्थगित करने और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का भारत-पाकिस्तान संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंध पहले से ही न्यूनतम स्तर पर हैं, और यह नया विवाद स्थिति को और बिगाड़ सकता है।

    “भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं, और पानी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर विवाद इसे और खराब कर सकता है। दोनों देशों को संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है,” एक कूटनीतिक विशेषज्ञ ने कहा।

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    क्या होगा आगे?

    अब सवाल यह है कि आगे क्या होगा? क्या भारत वास्तव में पाकिस्तान के लिए जाने वाले पानी को रोकने के लिए बड़े बांध और जलाशय बनाएगा? और अगर ऐसा होता है, तो क्या पाकिस्तान अपनी धमकियों पर अमल करेगा?

    इन सवालों के जवाब आने वाले समय में मिलेंगे, लेकिन एक बात स्पष्ट है: पानी दोनों देशों के बीच एक नया संघर्ष बिंदु बन गया है, और इसके निपटारे के लिए गंभीर कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता होगी।

    इस बीच, दोनों देशों के नागरिकों को उम्मीद है कि उनके नेता समझदारी दिखाएंगे और इस संवेदनशील मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल करेंगे।

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