Israel-Hamas Ceasefire: काफी समय से इज़रायल और हमास के बीच युद्ध चल रहा था, लेकिन अब हमास और इजरायल के बीच में एक ऐतिहासिक समझौता हो चुका है। जिसमें गाजा में जारी संघर्ष को रोकने और वहां बंधक बनाए, लोगों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया गया है। इस समझौते पर कतर की राजधानी दोहा में हुई, एक विशेष बैठक के बाद औपचारिक रूप से साइन किया गया है। इसके साथ ही इस समझौते के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को यह घोषणा की, कि अब गाज़ा में संघर्ष को रोकने के लिए एक सीज़ फायर समझौता किया जाएगा और साथ ही इजरायल के बंधकों को छुड़वाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
समझौते का उद्देश्य(Israel-Hamas Ceasefire)-
इज़राइल और हमास के बीच हुए इस समझौते का उद्देश्य गाजा में होने वाले हाहाकार को रोकना है। जिसके तहत इजरायल के सैकड़ो नागरिक, जो कि हमास के कब्जे में थे, उनकी रिहाई का भी रास्ता खुल चुका है। नेतन्याहू का कहना है, कि इजरायल के लिए यह न सिर्फ मानव अधिकार का मामला है। बल्कि देश की सुरक्षा के लिहाज से भी समझौता बहुत जरूरी है। क्योंकि इज़रायल की सरकार का यह स्पष्ट उद्देश्य है, कि हमारे सभी बंधकों की रिहाई हो चाहे, वह जीवित हो या फिर मृत।
संघर्ष विराम पर मंजूरी(Israel-Hamas Ceasefire)-
इसके अलावा समझौते के, कुछ ही घंटे पहले नेतन्याहू ने यह कहा था, कि एक आखिरी पल में कुछ कारणों की वजह से इजरायल की ओर से संघर्ष विराम पर मंजूरी में देरी हो रही थी। उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए कहा, कि हमास के साथ कुछ विवाद थे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक समझौते की प्रक्रिया को प्रभावित किया था। हालांकि बाद में इस समझौते पर कतर के दोहा में साइन हो गया। जिससे दोनों पक्षों के बीच में स्थाई शांति की उम्मीदें जगी।
गाज़ा में संघर्ष-
यह समझौता ऐसे वक्त पर हुआ है, जब गाज़ा में संघर्ष और हिंसा से दोनों देशों के हजारों लोगों की जान ले ली है। कई महीनो से चल रहे, इस युद्ध में इज़रायल और हमास दोनों ने ही एक दूसरे के खिलाफ जमकर लड़ाई की। इस समझौते के जरिए, दोनों पक्षों को उम्मीद है, कि इससे शांति का माहौल होगा और संघर्ष के साथ-साथ मानव अधिकार का भी सम्मान किया जाएगा। इज़रायल के सुरक्षा मंत्री ने भी समझौते को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है और कहा है, कि यह युद्ध खत्म होने की दिशा में पहला सकारात्मक कदम है। इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने समझौता पर साइन के बाद घोषणा की है, कि वह अपने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाएंगे।
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सरकार के फैसले को मंजूरी-
इस बैठक में सरकार के फैसले को वह मंजूरी देंगे। उसके बाद इस महत्वपूर्ण समझौते को लागू करने करेंगे। कार्यालय से जारी एक बयान ने कहा गया, कि समझौते के ज़रिए इजरायल युद्ध के सभी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबंध है। इसमें बंधकों की रिहाई भी शामिल है, जो इजरायल की सुरक्षा और नागरिकों के लिए सर्वोपरि है। यह समझौता एक जरूरी कदम है। लेकिन इसे स्थाई शांति की ओर एक मजबूत कदम मनाना मुश्किल है। क्योंकि इज़राइल और हमास के बीच दशकों से दुश्मनी और संघर्ष चल रहा है। जिसने किसी भी स्थाई समाधान को मुश्किल बनाया है। हालांकि यह समझौता दोनों पक्षों के लिए एक उम्मीद की किरण हो सकता है। क्योंकि गाज़ा में बढ़ती हुई हिंसा और सुरक्षा के बीच शांति की जरूरत और भी ज्यादा जरूरी हो चुकी है।
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