Indo-Pakistani Ceasefire: शनिवार की शाम को भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे गंभीर तनाव में अचानक एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। मात्र आधे घंटे के भीतर, युद्ध जैसे हालात से युद्धविराम तक का सफर तय हो गया। यह अविश्वसनीय बदलाव शनिवार शाम 5:25 बजे शुरू हुआ, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की कि अमेरिका की मध्यस्थता में "लंबी रात की वार्ता" के बाद भारत और पाकिस्तान "पूर्ण और तत्काल" युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं।
इसके कुछ ही मिनटों बाद, भारत के विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी इस युद्धविराम की पुष्टि कर दी। भारत ने बताया कि जमीन, समुद्र और हवा में युद्धविराम का फैसला तब हुआ जब पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस ने शनिवार दोपहर 3:35 बजे अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया, और यह युद्धविराम शाम 5 बजे से प्रभावी हो गया।
Over the past 48 hours, @VP Vance and I have engaged with senior Indian and Pakistani officials, including Prime Ministers Narendra Modi and Shehbaz Sharif, External Affairs Minister Subrahmanyam Jaishankar, Chief of Army Staff Asim Munir, and National Security Advisors Ajit…
— Secretary Marco Rubio (@SecRubio) May 10, 2025
Indo-Pakistani Ceasefire अमेरिकी मध्यस्थता का महत्वपूर्ण रोल-
एनडीटीवी के मुताबिक, वाशिंगटन डीसी में सुबह लगभग 8 बजे, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा, "अमेरिका की मध्यस्थता में लंबी रात की वार्ताओं के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान 'पूर्ण और तत्काल युद्धविराम' पर सहमत हो गए हैं। दोनों देशों को सामान्य समझ और बुद्धिमत्ता का उपयोग करने के लिए बधाई। इस मामले पर आपके ध्यान के लिए धन्यवाद!"
India and Pakistan have today worked out an understanding on stoppage of firing and military action.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 10, 2025
India has consistently maintained a firm and uncompromising stance against terrorism in all its forms and manifestations. It will continue to do so.
इसके तुरंत बाद, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो - जिन्होंने उसी दिन विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर से बात की थी - ने भी X पर एक पोस्ट शेयर करते हुए पुष्टि की कि दोनों देश तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं।
श्री रूबियो ने बताया कि दोनों देश एक तटस्थ स्थान पर "व्यापक मुद्दों" पर वार्ता शुरू करने पर भी सहमत हुए हैं। उन्होंने लिखा, "हम प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की बुद्धिमत्ता, विवेक और शांति का मार्ग चुनने के लिए उनके राजनीतिक कौशल की सराहना करते हैं।"
Indo-Pakistani Ceasefire दोनों देशों के बीच संबंधों में नया अध्याय-
यह युद्धविराम पिछले कई महीनों से चल रहे तनाव के बाद एक राहत भरी खबर है। दोनों देशों के बीच सीमा पर लगातार गोलीबारी और तनावपूर्ण स्थिति ने क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल दिया था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की थी, विशेष रूप से इस बात को देखते हुए कि दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस युद्धविराम से पहले अमेरिका ने कूटनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रपति ट्रम्प ने व्यक्तिगत रूप से दोनों देशों के नेतृत्व से संपर्क किया और शांति वार्ता के लिए प्रोत्साहित किया।
युद्धविराम की इस घोषणा के साथ ही, अब दोनों देशों के बीच व्यापक वार्ता की संभावना बन गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले कुछ हफ्तों में एक तटस्थ स्थान पर उच्च स्तरीय बैठक होने की उम्मीद है, जहां द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर चर्चा होगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस युद्धविराम से न केवल भारत और पाकिस्तान को फायदा होगा, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में स्थिरता आएगी। हालांकि, कई विशेषज्ञ यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि इस शांति प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए दोनों देशों को लगातार संवाद जारी रखना होगा।
Indo-Pakistani Ceasefire जनता की प्रतिक्रिया-
इस खबर के सामने आने के बाद, दोनों देशों के नागरिकों ने राहत महसूस की है। सोशल मीडिया पर #IndiaPakCeasefire हैशटैग ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग शांति की इस पहल का स्वागत कर रहे हैं।
एक भारतीय नागरिक राजेश शर्मा ने कहा, "यह एक अच्छी खबर है। हम सभी शांति चाहते हैं और युद्ध किसी के हित में नहीं है।" वहीं, पाकिस्तान के लाहौर से फरहान अहमद ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि यह युद्धविराम लंबे समय तक चलेगा और दोनों देशों के बीच संबंध सुधरेंगे।"
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विश्व समुदाय का स्वागत-
भारत और पाकिस्तान के बीच इस युद्धविराम का अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इसे "दक्षिण एशिया में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम" बताया है। यूरोपीय संघ, रूस, चीन और अन्य प्रमुख देशों ने भी इस फैसले की सराहना की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस युद्धविराम से दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को भी बढ़ावा मिल सकता है, जो अब तक तनावपूर्ण संबंधों के कारण प्रभावित था।
अमेरिकी मध्यस्थता से हुए इस ऐतिहासिक युद्धविराम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कूटनीति और संवाद के माध्यम से सबसे जटिल समस्याओं का भी समाधान संभव है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में दोनों देश इस शांति प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाते हैं और क्षेत्रीय सहयोग के नए रास्ते कैसे खोलते हैं।
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