Triangular Tower Nevada
    Photo Source - Google

    Triangular Tower Nevada: नेवादा मरुस्थल के गहरे इलाके में स्थित दुनिया के सबसे रहस्यमयी सैन्य ठिकानों में से एक 'एरिया 51' एक बार फिर सुर्खियों में है। Google Earth पर इस अत्यधिक गोपनीय अमेरिकी सैन्य अड्डे में एक विचित्र त्रिकोणीय टावर दिखाई देने से इंटरनेट पर हलचल मच गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर की गई इस संरचना ने एलियन से जुड़ी षड्यंत्र थ्योरी को फिर से हवा दे दी है।

    गूगल अर्थ पर क्या दिखा?(Triangular Tower Nevada)

    तेज़ नज़र वाले गूगल अर्थ उपयोगकर्ताओं ने इस रहस्यमयी संरचना को कोऑर्डिनेट्स 37°14'46.5"N 115°49'24.0"W पर स्पॉट किया है। तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा यह त्रिकोणीय ढांचा काफी बड़ा और अजीब आकार का दिखाई देता है। यह खोज एक बार फिर एरिया 51 से जुड़े पुराने दावों को ताज़ा कर रही है, जिसमें परग्रही गतिविधियों और अमेरिकी सेना के गुप्त प्रयोगों का ज़िक्र किया जाता रहा है।

    सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस(Triangular Tower Nevada)-

    सोशल मीडिया पर इस खोज ने तरह-तरह की अटकलों को जन्म दिया है। एक यूज़र ने लिखा, "संभावना है: यह एलियंस द्वारा बनाया गया है और तब बाहर आएगा जब दुनिया खत्म हो जाएगी।" एक अन्य यूज़र का मानना है कि यह विमानों और अज्ञात उड़ने वाली वस्तुओं (UFO) की ट्रैकिंग कर रहा है जो पारंपरिक तरीके से नहीं उड़ती हैं।

    एक अन्य यूज़र ने कहा, "यह हिट साइंस फिक्शन फिल्मों की तरह 'एलियन टेक' जैसा दिखता है।" कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि यह रहस्यमयी त्रिकोणीय टावर उन्हें मंगल ग्रह के चंद्रमा फोबोस पर मिले त्रिकोणीय 'मोनोलिथ' की याद दिलाता है।

    ग्रोक AI ने क्या कहा?

    एक यूज़र ने X के AI चैटबॉट गरोक से पूछा कि वह इस रहस्यमयी संरचना के बारे में क्या सोचता है। गरोक ने जवाब दिया कि एरिया 51 के इतिहास को देखते हुए, यह एक नए स्टील्थ विमान का टेस्ट मॉडल हो सकता है या एक डिकॉय भी हो सकता है जिसका उपयोग सैटेलाइट इमेजरी को गुमराह करने के लिए किया जाता है।

    "इस इमेज में अमेरिका के नेवादा स्थित अत्यधिक गोपनीय सैन्य अड्डे एरिया 51 में एक बड़े, काले, त्रिकोणीय संरचना का हवाई दृश्य दिखाया गया है। एरिया 51 अपने गुप्त ऑपरेशनों के लिए जाना जाता है और लंबे समय से प्रायोगिक विमान परीक्षण और षड्यंत्र सिद्धांतों से जुड़ा रहा है, जिसमें UFO भी शामिल हैं," गरोक ने लिखा।

    स्टील्थ टेक्नोलॉजी का संकेत?

    गरोक ने आगे कहा, "इमेज में दिखाई देने वाली संरचना एक स्टील्थ विमान जैसी लगती है, संभवतः यह एक प्रोटोटाइप या मॉक-अप है। इसका कोणीय, राडार-विक्षेपण डिज़ाइन स्टील्थ तकनीक की विशेषता है, जिसका परीक्षण अक्सर एरिया 51 में किया जाता है। इस बेस का उपयोग ऐतिहासिक रूप से U-2 स्पाई प्लेन, SR-71 ब्लैकबर्ड और F-117 नाइटहॉक जैसे उन्नत विमानों के विकास और परीक्षण के लिए किया गया है, जिनमें स्टील्थ या उच्च ऊंचाई की क्षमताएं थीं।"

    "इमेज में लाल क्रॉसहेयर संभवतः एक रुचि का बिंदु इंगित करता है, जो लक्ष्यीकरण या विश्लेषण के लिए हो सकता है। एरिया 51 के इतिहास को देखते हुए, यह एक नए स्टील्थ विमान का टेस्ट मॉडल हो सकता है या एक डिकॉय भी हो सकता है, जिसका उपयोग सैटेलाइट इमेजरी को गुमराह करने के लिए किया जाता है। हालांकि, साइट की गोपनीय प्रकृति के कारण, इस संरचना के बारे में विशिष्ट विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं।

    एरिया 51 का रहस्यमय इतिहास-

    एरिया 51 हमेशा से ही विवादों और रहस्यों से घिरा रहा है। अमेरिकी वायु सेना का यह ठिकाना नेवादा के मरुस्थल में स्थित है और आधिकारिक तौर पर इसके अस्तित्व को 2013 तक स्वीकार नहीं किया गया था। कई दशकों से यह जगह एलियन गतिविधियों, UFO परीक्षणों और अन्य रहस्यमयी घटनाओं से जुड़ी कहानियों का केंद्र रही है।

    विशेषज्ञों का मानना है कि एरिया 51 वास्तव में उन्नत सैन्य तकनीकों और विमानों के परीक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिकी सरकार ने इस जगह को लेकर अधिकतर जानकारी गुप्त रखी है, जिससे इससे जुड़ी अटकलें और भी बढ़ती गई हैं।

    क्या है सच्चाई?

    वैज्ञानिक सोच रखने वाले लोगों का मानना है कि Google Earth पर दिखाई देने वाला यह त्रिकोणीय ढांचा मानव निर्मित होने की संभावना अधिक है। यह संभवत: एक परीक्षण सुविधा या नए विमान का प्रोटोटाइप हो सकता है। एरिया 51 में एलियन होने के दावों के पुख्ता सबूत आज तक नहीं मिले हैं।

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    हालांकि, एलियन थ्योरी और UFO से जुड़े षड्यंत्र के शौकीन लोगों के लिए यह एक नया सबूत है जो उनके विश्वास को और मजबूत करता है। इंटरनेट पर चल रही बहस में कई लोग इसे परग्रही तकनीक का संकेत मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे सिर्फ एक सैन्य परियोजना बता रहे हैं। अंततः, एरिया 51 में दिखी इस नई संरचना का सच क्या है, यह शायद ही कभी सार्वजनिक होगा। अमेरिकी सरकार ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है और उम्मीद है कि भविष्य में भी वे इस पर चुप्पी साधे रखेंगे। फिलहाल, यह खोज दुनिया भर के साजिश सिद्धांतकारों और रहस्य प्रेमियों के लिए एक नई चर्चा का विषय बन गई है।

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