AI Website Creation
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    AI Website Creation: भारत में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को लेकर अक्सर चिंता जताई जाती है कि इससे नौकरियां खत्म हो जाएंगी। लेकिन एक 10वीं कक्षा के भारतीय छात्र ने इसी AI को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करके सबको चौंका दिया है। "मस्क" नाम से जाना जाने वाला यह छात्र AI-पावर्ड वेबसाइट बिल्डर का उपयोग करके वेबसाइट बना रहा है और उन्हें बेच रहा है। उसने महज दो महीनों में आठ वेबसाइट्स बनाकर बेची हैं और 1.5 लाख रुपये से ज्यादा कमा लिए हैं। यह सब उसने सिर्फ 2,500 रुपये के AI टूल पर खर्च करके हासिल किया है।

    AI Website Creation रेडिट पर वायरल हुई कहानी-

    यह कहानी हाल ही में रेडिट पर वायरल हुई, जहां एक AI प्लेटफॉर्म के फाउंडर ने इस छात्र की उपलब्धि के बारे में साझा किया। फाउंडर ने बताया कि उन्होंने यूजर एनालिटिक्स के जरिए "मस्क" की गतिविधियों पर नजर रखी। "वह हमारे प्लेटफॉर्म का लगभग रोजाना इस्तेमाल कर रहा था, क्रेडिट खरीद रहा था और छोटे बिजनेस के लिए वेबसाइट बना रहा था। मैं उत्सुक हो गया और उसका प्रोफाइल चेक किया - पता चला कि वह बस एक स्कूली छात्र है!" फाउंडर ने कहा।

    AI Website Creation बिना कोडिंग के वेबसाइट डिजाइन-

    सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि "मस्क" कोई प्रोग्रामर नहीं है। फाउंडर के अनुसार, "वह कोई कोडर नहीं है, बस एक क्रिएटिव और जिज्ञासु व्यक्ति है।" AI को नौकरी छीनने वाले के रूप में देखने के बजाय, "मस्क" ने इसे एक टूल के रूप में इस्तेमाल किया और स्थानीय व्यवसायों, रेडिट कम्युनिटीज और सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ग्राहक ढूंढकर आय अर्जित की।

    कैसे शुरू हुआ "मस्क" का सफर?

    "मस्क" के सफर की शुरुआत तब हुई जब उसने लोकल बिजनेस के मालिकों से बात करना शुरू किया। उसने देखा कि उनमें से कई के पास ऑनलाइन प्रेजेंस नहीं थी या फिर उनकी वेबसाइट्स पुरानी और अप्रभावी थीं। "मस्क" ने इस गैप को पहचाना और AI वेबसाइट बिल्डर का इस्तेमाल करके किफायती दरों पर आकर्षक और फंक्शनल वेबसाइट्स बनाने की पेशकश की।

    उसने प्रति वेबसाइट लगभग 250-300 डॉलर (करीब 20,000-25,000 रुपये) चार्ज किया, जो पेशेवर वेब डेवलपर्स द्वारा ली जाने वाली राशि से काफी कम है। यह सौदा ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद था, क्योंकि उन्हें कम कीमत में उच्च गुणवत्ता वाली वेबसाइट मिली, और "मस्क" के लिए भी, क्योंकि वह पढ़ाई के साथ-साथ अच्छी कमाई कर पा रहा था।

    भारतीय जुगाड़ और हसल का उदाहरण-

    AI प्लेटफॉर्म के फाउंडर ने "मस्क" की कहानी को भारतीय 'जुगाड़' और 'हसल' संस्कृति का उदाहरण बताया। "AI के बारे में सारे डर के बावजूद, ऐसी कहानियां साबित करती हैं कि इंसान हमेशा रास्ता निकाल लेंगे। खासकर भारत में, जहां हसल और जुगाड़ हमारी पहचान का हिस्सा हैं," उन्होंने साझा किया।

    AI का भविष्य और युवाओं के लिए अवसर-

    "मस्क" की सफलता की कहानी दर्शाती है कि नई तकनीक को अपनाने से नए अवसर पैदा हो सकते हैं। जबकि ऑटोमेशन उद्योगों को बदल रहा है, यह कहानी दिखाती है कि AI इन परिवर्तनों के अनुकूल होने के इच्छुक व्यक्तियों को सशक्त बना सकती है।

    AI जैसी नई तकनीकों के साथ, युवा उद्यमियों के लिए नए दरवाजे खुल रहे हैं। परंपरागत डिग्री या कौशल के बिना भी, वे इनोवेटिव तरीकों से आय अर्जित कर सकते हैं। "मस्क" की कहानी इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक स्कूली छात्र ने AI को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया और अपनी पढ़ाई के साथ-साथ उद्यमिता का अनुभव हासिल किया।

    शिक्षा और AI का मिश्रण-

    "मस्क" की कहानी शिक्षा और नई तकनीक के बीच संतुलन की भी बात करती है। 10वीं कक्षा का यह छात्र अपनी पढ़ाई पर ध्यान देते हुए भी AI के जरिए अपने उद्यमी कौशल को निखार रहा है। यह अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणा हो सकती है कि वे भी नई तकनीकों को सीखें और उनका उपयोग करें।

    क्या है AI वेबसाइट बिल्डर?

    AI वेबसाइट बिल्डर एक ऐसा टूल है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके वेबसाइट डिजाइन और डेवलपमेंट प्रक्रिया को सरल बनाता है। इसके माध्यम से, यूजर बिना कोडिंग के भी प्रोफेशनल-लुकिंग वेबसाइट बना सकते हैं। AI वेबसाइट बिल्डर यूजर की जरूरतों के आधार पर वेबसाइट के लेआउट, डिजाइन, और कंटेंट सजेस्ट करता है। कई AI वेबसाइट बिल्डर्स में ड्रैग-एंड-ड्रॉप इंटरफेस होता है, जिससे कोई भी आसानी से वेबसाइट बना सकता है। कुछ प्लेटफॉर्म्स यूजर से सवाल पूछकर उनकी जरूरतों के अनुसार वेबसाइट जेनरेट करते हैं।

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    मस्क की कहानी-

    "मस्क" की कहानी हमें कई बातें सिखाती है। सबसे पहले, नई तकनीकों को अवसर के रूप में देखना चाहिए, न कि खतरे के रूप में। दूसरे, युवा उद्यमी बिना किसी बड़े निवेश के भी अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं। और तीसरे, क्रिएटिविटी और जुगाड़ की भावना आपको सफलता की ओर ले जा सकती है।

    "मस्क" का यह सफर बताता है कि AI का भविष्य डराने वाला नहीं, बल्कि रोमांचक हो सकता है, अगर हम इसे सही तरीके से अपनाएं। जैसा कि AI प्लेटफॉर्म के फाउंडर ने कहा, "भारत में जुगाड़ और हसल की संस्कृति है, और यही हमें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी।"

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