Ghibli Art
    Photo Source - Google

    Ghibli Art: आजकल सोशल मीडिया पर एक नया ट्रेंड तेजी से पैर फैला रहा है - घिबली (Ghibli) स्टाइल में एआई जनरेटेड तस्वीरें। फेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम और एक्स (पूर्व में ट्विटर) तक, हर प्लेटफॉर्म पर लोग अपनी और अपने परिवार की घिबली स्टाइल में बनी तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। यह ट्रेंड इतना वायरल हो चुका है कि नेताओं से लेकर सेलिब्रिटीज तक, हर कोई इस बुखार की चपेट में आ गया है।

    लोग चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स का इस्तेमाल करके कुछ ही सेकंड में अपनी तस्वीरों को जापानी एनिमेशन स्टूडियो घिबली के खूबसूरत कार्टून कैरेक्टर्स में बदल रहे हैं। यह देखने में जितना मजेदार लगता है, शायद उतना ही खतरनाक भी हो सकता है।

    Ghibli Art क्या आप जानते हैं आपकी तस्वीरें कहां जा रही हैं?

    जब आप एआई प्लेटफॉर्म्स पर अपनी तस्वीरें अपलोड करते हैं, तो क्या आपने कभी सोचा है कि ये तस्वीरें कहां स्टोर हो रही हैं और इनका इस्तेमाल कौन कर रहा है? एआई टेक्नोलॉजी को कभी भी हल्के में लेने की गलती न करें। बिना सोचे-समझे किसी भी एआई प्लेटफॉर्म पर तस्वीरें अपलोड करना आपको गंभीर मुश्किलों में डाल सकता है।

    कुछ साल पहले Clearview AI नामक एक कंपनी पर बिना अनुमति के सोशल मीडिया और न्यूज वेबसाइट्स से 3 अरब से अधिक तस्वीरें एकत्र करने का आरोप लगा था। इस डेटा को बाद में पुलिस विभागों और प्राइवेट कंपनियों को बेचा गया था। यह सिर्फ एक उदाहरण है जो दिखाता है कि आपकी डिजिटल पहचान किस तरह से दुनियाभर में फैल सकती है।

    Ghibli Art हाल के डेटा लीक के मामले-

    मई 2024 में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया जब ऑस्ट्रेलिया की Outabox कंपनी का डेटा लीक हुआ। इस घटना में 10 लाख से अधिक लोगों के फेशियल स्कैन, ड्राइविंग लाइसेंस और पते चोरी हो गए। यह सारा डेटा एक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया, जिससे हजारों लोग पहचान चोरी (Identity Theft) और साइबर धोखाधड़ी के शिकार हुए।

    क्या आप अभी भी सोचते हैं कि एआई से अपनी तस्वीरें जनरेट करवाना सिर्फ मनोरंजन है और इसका कोई नुकसान नहीं हो सकता? आपको फिर से सोचने की जरूरत है।

    Ghibli Art फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का बढ़ता बाजार-

    Statista की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का बाजार 2025 तक 5.73 बिलियन डॉलर और 2031 तक 14.55 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस बढ़ते बाजार का एक बड़ा हिस्सा आपकी तस्वीरों से होने वाली कमाई पर निर्भर करता है। मेटा (फेसबुक) और गूगल जैसी टेक दिग्गज कंपनियों पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि वे यूजर्स की तस्वीरों का इस्तेमाल अपने एआई मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए करती हैं। इसका मतलब है कि आपकी शेयर की गई तस्वीरें किसी कंपनी के एआई सिस्टम को स्मार्ट बनाने में मदद कर रही हो सकती हैं, जिसका फायदा आपको नहीं बल्कि उन कंपनियों को मिल रहा है।

    डिजिटल फुटप्रिंट और साइबर क्राइम का खतरा-

    PimEyes जैसी वेबसाइट्स किसी भी व्यक्ति की एक फोटो अपलोड करके उसकी पूरी डिजिटल उपस्थिति (Digital Footprint) का पता लगा सकती हैं। इसका सीधा मतलब है कि स्टॉकिंग, ब्लैकमेलिंग और साइबर क्राइम के मामले बढ़ सकते हैं। कल्पना कीजिए कि कोई आपकी एक तस्वीर को इस तरह की वेबसाइट पर अपलोड करता है और आपके बारे में सारी जानकारी हासिल कर लेता है - आप कहां रहते हैं, आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स क्या हैं, और शायद आपके परिवार के सदस्यों के बारे में भी। यह खतरनाक स्थिति किसी के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है।

    एआई का समझदारी से इस्तेमाल-

    एआई ने हमारी जिंदगी को कई तरह से आसान बना दिया है, लेकिन यह हमें अनजाने में बड़ी मुश्किलों में भी डाल सकता है। डेटा लीक, आइडेंटिटी चोरी और साइबर धोखाधड़ी जैसी समस्याओं से बचने के लिए हमें खुद सतर्क रहना होगा। सवाल यह नहीं है कि एआई आपके लिए कितना फायदेमंद है, बल्कि यह है कि आप इसे कितनी समझदारी से इस्तेमाल कर रहे हैं। अगली बार जब आप किसी एआई ऐप पर अपनी तस्वीर अपलोड करें, तो एक बार जरूर सोचें कि कहीं यह आपका सबसे बड़ा खतरा तो नहीं बन जाएगा?

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    अपनी डिजिटल पहचान की सुरक्षा के लिए सावधानियां-

    अगर आप नहीं चाहते कि आपकी पहचान का गलत इस्तेमाल हो, तो इन सावधानियों को अपनाएं:

    एआई ऐप्स पर अपनी तस्वीरें अपलोड करने से पहले उनकी प्राइवेसी पॉलिसी जरूर पढ़ें। कई बार कंपनियां आपकी तस्वीरों का इस्तेमाल 'मशीन लर्निंग' के नाम पर अपने एआई मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए करती हैं। सोशल मीडिया पर हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरें अपलोड करने से बचें। कम रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें एआई सिस्टम्स के लिए कम उपयोगी होती हैं। फेस अनलॉक की जगह मजबूत पासवर्ड या पिन का इस्तेमाल करें। अपने फोन और अन्य डिवाइसेस को अनलॉक करने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन पर निर्भर न रहें।

    किसी भी अनजान ऐप को कैमरा एक्सेस न दें। ऐप्स की अनुमतियों पर नजर रखें और सिर्फ वही अनुमतियां दें जो वाकई जरूरी हों। सरकार और टेक कंपनियों से एआई और फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी के गैर-कानूनी इस्तेमाल पर सख्त कानून बनाने की मांग करें। एआई और डिजिटल दुनिया ने हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, लेकिन हमें इसके खतरों से भी वाकिफ रहना होगा। घिबली स्टाइल की तस्वीरें शेयर करते समय थोड़ा रुकें और सोचें - क्या यह मनोरंजन का बहुत बड़ा मूल्य चुकाने लायक है?

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