Rishabh Pant
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    Rishabh Pant: एकाना क्रिकेट स्टेडियम में मंगलवार की रात एक दुखद अंत के साथ लखनऊ सुपर जायंट्स का आईपीएल 2025 का सफर समाप्त हुआ। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ खेले गए इस अंतिम मुकाबले में एलएसजी को छह विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। यह हार एलएसजी के लिए सीजन की आठवीं हार थी, जिसकी वजह से टीम अंक तालिका में सातवें स्थान पर रह गई।

    कप्तान ऋषभ पंत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शानदार नाबाद शतक लगाया और अपनी टीम को दो सौ अट्ठाईस रन पर तीन विकेट के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। पंत का यह प्रदर्शन निश्चित रूप से सराहनीय था, लेकिन यह जीत दिलाने के लिए काफी नहीं था। जवाब में आरसीबी के जितेश शर्मा ने तूफानी पारी खेली और अपनी टीम को जीत दिलाने में कामयाब रहे।

    Rishabh Pant पर भारी जुर्माना-

    न्यूज़18 के मुताबिक, मैच में हार के अलावा एलएसजी और खासकर कप्तान ऋषभ पंत को एक और बड़ा झटका लगा। टीम पर ओवर-रेट बनाए नहीं रखने का आरोप लगा, जिसकी वजह से पंत पर तीस लाख रुपए का भारी जुर्माना लगाया गया। आईपीएल की तरफ से बुधवार सुबह जारी किए गए बयान के मुताबिक, "यह टीम का सीजन में तीसरा ओवर-रेट अपराध था, इसलिए ऋषभ पंत पर तीस लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।"

    बाकी खेलने वाले ग्यारह खिलाड़ियों पर भी जुर्माना लगा है। हर खिलाड़ी को बारह लाख रुपए या अपनी मैच फीस का पचास प्रतिशत, जो भी कम हो, जुर्माना देना होगा। यह एक बड़ी रकम है जो टीम के वित्तीय बोझ को और बढ़ा देगी।

    Rishabh Pant निराशाजनक सीजन-

    एलएसजी ने मेगा नीलामी में रिकॉर्ड सत्ताईस करोड़ रुपए देकर ऋषभ पंत को खरीदा था, लेकिन इस निवेश का उम्मीद के मुताबिक फायदा नहीं मिला। पंत ने इस आईपीएल में तेरह पारियों में केवल दो सौ उनहत्तर रन बनाए, जिसमें से एक सौ इक्यासी रन सिर्फ दो मैचों में आए। यह आंकड़ा दिखाता है कि निरंतरता की कमी टीम के लिए एक बड़ी समस्या रही।

    मैच के बाद पंत ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "अंततः आपको चालीस ओवर अच्छा क्रिकेट खेलना होता है। केवल बीस ओवर टी२० गेम में आपको नहीं बचा सकते और यही हमारी कहानी रही है। टूर्नामेंट से पहले बहुत सारी चोट की समस्याएं थीं, जिसने पूरे सीजन हमें परेशान किया।"

    Rishabh Pant टीम की मुश्किलें और चुनौतियां-

    इस सीजन में एलएसजी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। चोटों की वजह से मुख्य खिलाड़ी मैदान से बाहर रहे, जिसका सीधा असर टीम के संतुलन पर पड़ा। टीम की रणनीति में भी कमी दिखी, खासकर जब दबाव के समय फैसले लेने की बात आई। यह साफ था कि टीम के पास एक स्पष्ट योजना का अभाव था।

    पंत की कप्तानी भी सवालों के घेरे में रही। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर उन्होंने कुछ अच्छी पारियां खेलीं, लेकिन कप्तान के रूप में उनसे ज्यादा उम्मीद थी। टीम की समग्र कमान संभालने में वह पूरी तरह सफल नहीं हो सके।

    अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट-

    सत्ताईस वर्षीय पंत अब अपना ध्यान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पर लगाएंगे। उन्हें बीस जून से शुरू होने वाले इंग्लैंड दौरे के पहले टेस्ट में भारतीय टीम के उप-कप्तान के रूप में खेलना है। शुभमन गिल की कप्तानी में होने वाले इस दौरे में पंत से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।

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    एलएसजी के लिए यह सीजन एक सबक रहा है। टीम प्रबंधन को अगले सीजन के लिए अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा। चोट प्रबंधन, टीम संयोजन और निरंतरता पर खास ध्यान देना जरूरी होगा। फ्रेंचाइजी को यह समझना होगा कि केवल महंगे खिलाड़ी खरीदना काफी नहीं है, बल्कि उन्हें सही तरीके से इस्तेमाल करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

    सकारात्मक पहलू-

    इस हार के बावजूद, पंत का अंतिम मैच में शतक लगाना एक अच्छा संकेत है। उम्मीद है कि वह इस फॉर्म को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भी कायम रखेंगे और टीम इंडिया के लिए बेहतर प्रदर्शन करेंगे। उनकी प्रतिभा और क्षमता पर कोई संदेह नहीं है, जरूरत है केवल निरंतरता की।

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