Radhika Yadav Murder
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    Radhika Yadav Murder: गुड़गांव के सेक्टर 57, सुशांत लोक में गुरुवार की शाम एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे शहर को हिला दिया है। 25 वर्षीय टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या उसके अपने पिता ने कर दी है। राधिका जो एक उभरती हुई टेनिस प्लेयर थी और अपनी टेनिस एकेडमी भी चलाती थी, अब इस दुनिया में नहीं रही।

    यह घटना तब हुई जब राधिका घर में खाना बना रही थी। उसके पिता 49 वर्षीय दीपक यादव ने अपनी लाइसेंसी .32 बोर रिवॉल्वर से उसे मार दिया। दीपक ने कई गोलियां चलाईं, जिनमें से तीन राधिका को लगीं और वह मौके पर ही दम तोड़ गई।

    Radhika Yadav Murder पुलिस की तत्काल कार्रवाई-

    गुड़गांव पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पीआरओ संदीप कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “टेनिस प्लेयर राधिका को गुड़गांव के सेक्टर 57 में तीन गोलियों से मारा गया है। पिता पर हत्या का आरोप है, और गोलियां उसकी लाइसेंसी रिवॉल्वर से चलाई गई थीं। गुड़गांव पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है और केस दर्ज किया जा रहा है।”

    पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह हत्या टेनिस एकेडमी को लेकर हुई बहस के बाद की गई। संदीप कुमार ने आगे बताया, “राधिका टेनिस एकेडमी चलाती थी, और उसके पिता को यह पसंद नहीं था।” दीपक यादव ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है और वह पुलिस की हिरासत में है।

    Radhika Yadav Murder परिवारिक कलह का दुखद अंत-

    इस दुखद घटना की शिकायत आरोपी के भाई कुलदीप यादव ने दर्ज कराई है, जो उसी घर की ग्राउंड फ्लोर पर रहता है। घटना के समय राधिका की मां भी घर में मौजूद थी। यह सोचकर दिल दुखता है कि एक मां को अपनी बेटी की इस तरह हत्या देखनी पड़ी।

    पुलिस की जांच से पता चला है कि दीपक यादव को अपनी बेटी का टेनिस एकेडमी चलाना बिल्कुल पसंद नहीं था। पिता-बेटी के बीच इस बात को लेकर अक्सर झगड़े होते रहते थे। गुरुवार की शाम यह बहस इतनी बढ़ गई कि दीपक ने अपना आपा खो दिया और अपनी बेटी की जान ले ली।

    एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी का जाना-

    राधिका यादव सिर्फ एक टेनिस प्लेयर नहीं थी, बल्कि भारतीय टेनिस की उभरती हुई प्रतिभा थी। 23 मार्च 2000 को जन्मी राधिका ने अंतर्राष्ट्रीय टेनिस फेडरेशन (ITF) की महिला डबल्स रैंकिंग में अपनी जगह बनाई थी। 4 नवंबर 2024 तक उसकी कैरियर की सबसे अच्छी रैंकिंग 113 थी। हरियाणा महिला डबल्स रैंकिंग में भी वह पांचवें स्थान पर थी।

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    राधिका ने अपने करियर में काफी मेहनत की थी और धीरे-धीरे टेनिस की दुनिया में अपना नाम बना रही थी। उसकी टेनिस एकेडमी से कई युवा खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे थे। वह न केवल अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रही थी, बल्कि दूसरों के सपनों को भी साकार करने में मदद कर रही थी।

    समाज के लिए एक सवाल-

    यह घटना हमारे समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। आज भी कई परिवारों में लड़कियों के करियर को लेकर विरोध होता है। राधिका का केस इस बात का प्रमाण है कि कैसे पारिवारिक दबाव और पुरानी सोच एक होनहार बेटी की जान तक ले सकती है। यह सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि हमारे समाज की मानसिकता का प्रतिबिंब है।

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