Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में हुई उस दुखद घटना का सच आज सामने आ गया है, जिसमें 11 बेकसूर लोगों की जान गई थी। कर्नाटक सरकार ने आज गुरुवार, 17 जुलाई को हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए बताया, कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 4 जून को आईपीएल विक्टरी परेड के लिए सिटी पुलिस से कोई सही अनुमति नहीं ली थी। इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ, कि भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
पहले सरकार ने इस रिपोर्ट को गोपनीय रखने की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कहा, कि इस तरह के अनुरोध का कोई कानूनी आधार नहीं है। आज जब ये रिपोर्ट सामने आई, तो एक बार फिर से उस दिन के हादसे की याद ताजा हो गई, जब क्रिकेट प्रेमियों का जश्न मनाने का सपना एक बुरे सपने में बदल गया था।
विराट कोहली के वीडियो से बढ़ी भीड़-
रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण बात सामने आई है। RCB ने 4 जून की सुबह 7:01 बजे सोशल मीडिया पर घोषणा की कि विधान सभा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक परेड निकाली जाएगी, जिसमें फ्री एंट्री होगी। इस पोस्ट ने तुरंत लोगों का ध्यान खींचा। सरकार ने रिपोर्ट में क्रिकेट स्टार विराट कोहली के वीडियो का विशेष जिक्र करते हुए कहा, कि जब विराट सुबह 8:55 पर लाइव आए थे और उन्होंने फैंस से उत्सव में आने के लिए कहा, तो स्थिति और भी जटिल हो गई। बाद में RCB की तरफ से जारी पोस्ट में यह भी कहा गया, कि सीमित एंट्री ही होगी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
“I’m going to feel the real side of it when we get to Bengaluru tomorrow and celebrate this with the city” – Virat Kohli ❤️🙌
— Royal Challengers Bengaluru (@RCBTweets) June 4, 2025
King Kohli walks into the dressing room with ABD, talks about Rajat’s leadership, Jitesh’s smartness, and the team coming together to achieve this… pic.twitter.com/aqLY7LHvvE
बिना अनुमति के निकाली गई परेड-
कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई, कि RCB ने 3 जून को पुलिस को केवल सूचना दी थी, कि वो परेड निकाल सकते हैं, लेकिन उन्होंने औपचारिक तरीके से इजाजत नहीं ली। यह एक बहुत बड़ी चूक थी, क्योंकि पुलिस को कोई सात दिन का जरूरी नोटिस भी नहीं दिया गया था।
इस पहले से मिली जानकारी के बिना पुलिस कैसे भीड़ का अनुमान लगा सकती थी? कैसे ट्रैफिक व्यवस्था हो सकती थी? आपातकाल के लिए कैसे तैयारी हो सकती थी? ये सभी सवाल आज भी परिवारों को सताते हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के पीआई ने कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) की 3 जून, 2025 की शाम 6:30 बजे की आवेदन को अनुमति नहीं दी थी। वजह यह थी, कि तब तक दोनों संभावनाएं थीं RCB जीत भी सकती थी और हार भी सकती थी। इसलिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
35 हजार की जगह आए 3 लाख लोग-
चिन्नास्वामी स्टेडियम में जहां केवल 35 हजार लोगों की क्षमता थी, वहीं उस दिन तीन लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए। यह आंकड़ा ही बताता है, कि योजना कितनी बुरी तरह से असफल हो गई थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, कि भीड़ में प्रवेश व्यवस्था को लेकर भी काफी भ्रम हो गया था। लोग समझ नहीं पा रहे थे, कि कहां से अंदर जाना है, कहां टिकट चेक होगा, कहां सुरक्षा जांच होगी। इस भ्रम के चलते भीड़ घबरा गई। स्टेडियम के गेट भी समय से नहीं खुले, जिसकी वजह से परेशान हुई भीड़ ने कुछ दरवाजे तोड़ दिए। जब हजारों लोग एक साथ अंदर जाने की कोशिश कर रहे हों और गेट नहीं खुल रहे हों, तो यह स्थिति किसी आपदा से कम नहीं थी।
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गलत योजना और तालमेल की कमी-
कर्नाटक सरकार ने रिपोर्ट के अंत में स्पष्ट रूप से कहा, कि यह हादसा खराब योजना, तालमेल की कमी और RCB के साथ ही सहयोगी आयोजकों के प्रक्रिया को फॉलो न करने की वजह से हुआ है। यह एक ऐसी त्रासदी है, जो टाली जा सकती थी, अगर सही प्रक्रिया अपनाई गई होती। 11 परिवार आज भी अपने प्रियजनों के बिना जी रहे हैं और 50 से ज्यादा लोग उस दिन की चोटों के साथ जिंदगी गुजार रहे हैं। क्रिकेट हमारे देश का जुनून है और प्रशंसकों का उत्साह स्वाभाविक है। लेकिन इस उत्साह को संभालने के लिए सही योजना और सुरक्षा उपाय जरूरी हैं। RCB जैसी बड़ी टीम को यह समझना चाहिए था कि उनकी एक पोस्ट या वीडियो का क्या असर हो सकता है।
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