Kalash Sthapna: 9 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का त्योहार शुरू होने वाला है। यह 9 अप्रैल मंगलवार की सुबह 5:00 से शुरू हो रहा है। कलश की स्थापना मुहूर्त सूर्यास्त तक बना रहेगा और इस दिन राहुकाल से बचते हुए किसी भी समय सूर्यास्त होने से पहले कलश की स्थापना मां के भक्त जन कर सकते हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। इस समय स्थाई रेवती एवं अश्विनी भी विराजमान रहेंगे। मां की आराधना करके विधि-विधान से कलश की स्थापना कर सकते हैं और मां का आशीर्वाद लेने में सफल हो सकते हैं। हर बार नवरात्रि के त्योहार पर कलश की स्थापना की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इसका महत्व क्या है? नहीं जानते तो कोई बात नहीं आज इस लेख में हम आपको बताएंगे-
कलश का महत्व (Kalash Sthapna)
सनातन धर्म में कलश को मातृशक्ति, त्रिगुणात्मक शक्ति और त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है। जिसमें विष्णु, ब्रह्मा, शिव के अलावा सभी देवी देवताओं का वास होता है। चैत्र नवरात्रि की पूजा से पहले कलश की स्थापना की जाती है। इससे यह सभी देवी और देवता उस पूजा और व्रत के साक्षी बन जाते हैं।
तीर्थ का प्रतीक-
कलश की स्थापना के समय उनका आवाहन करके उनको इस कलश में स्थान देते हैं। फिर आदिशक्ति मां दुर्गा का आवाहन किया जाता है और मूर्ति की स्थापना करके पूजा की जाती है। कलश को तीर्थ का भी प्रतीक माना गया है और कलश के मुख्य में कंठ में शिव, मुख में विष्णु और मूल में ब्रह्मदेव का वास कहा जाता है। कलश में भरा जल पवित्रता, शीतलता और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है।
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विशेष गुणकारी प्रभाव-
नवरात्रि के नौ दिनों में देवियों की अलग-अलग दिनों में अपने विशेष गुणकारी प्रभाव की वजह से अपना आशीर्वाद बनाए रखती है। प्रत्येक देवी का एक गुणकारी महत्व होता है और उनकी विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक देवियों का अलग-अलग स्वभाव और महत्व है। (Kalash Sthapna)
इसी महत्वता की वजह से भक्तजनों को प्रत्येक दिन देवियों का आशीर्वाद उनके स्वरूप के मुताबिक मिलता है। प्रत्येक दिन की देवियों का स्वभाव भी अलग होता है और मानव जीवन विभिन्न स्वभाव एवं विचारों के आधार पर चलता है। अगर आप पूरी निष्ठा से देवियों की पूजा करना करते हैं तो आपको उनका आशीर्वाद मिलता है।
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इसलिए हर साल नवरात्रि के शुभ अवसर पर माता कि पूजा आरंभ करने से पहले कलश की स्थापना की जाती है. उम्मीद है कि आप इस लेख के ज़रिए कलश के महत्व को समझ गए होंगे।