Kharmas 2025
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    Kharmas 2025: 16 दिसंबर 2025 को सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इसी के साथ खरमास की शुरुआत हो जाएगी। हिंदू धर्म में खरमास को अशुभ समय माना जाता है, क्योंकि इस दौरान सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु में निवास करते हैं। इस अवधि में सूर्य की चमक और प्रभाव कम हो जाता है, इसलिए शादी जैसे शुभ कार्यों पर सख्त रोक होती है। खरमास की शुरुआत से लेकर अंत तक घर में तीन काम बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए, वरना परिवार की खुशियों और समृद्धि पर बुरा असर पड़ सकता है।

    ज्योतिषियों का मानना है, कि खरमास में गलत काम करने से तनाव, बीमारी और मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस साल खरमास 16 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी 2026 को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगा, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस पूरे समय में कुछ खास सावधानियां रखनी जरूरी हैं।

    गृह प्रवेश और निर्माण कार्य से रहें दूर-

    खरमास के दौरान घर में गृह प्रवेश करना पूरी तरह मना है। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और परिवार की खुशहाली को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा घर बनाने या मरम्मत से जुड़ा कोई भी काम नहीं करना चाहिए। इन कामों से घर में लगातार समस्याएं बनी रहती हैं और सुख-शांति भंग होती है। देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करने जैसे शुभ कार्य भी इस समय टालने चाहिए क्योंकि इनका फल नकारात्मक हो सकता है।

    नया बिजनेस शुरू करना पड़ेगा भारी-

    अगर आप नया व्यापार शुरू करने की सोच रहे हैं तो खरमास का इंतजार कर लें। ज्योतिषियों के अनुसार इस दौरान बिजनेस शुरू करने से सफलता में रुकावट आती है। बिजनेस से जुड़ी किसी भी तरह की यात्रा भी अवॉइड करनी चाहिए, वरना आर्थिक नुकसान, तनाव और कर्ज में फंसने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही यज्ञोपवीत धारण करने से भी बचना चाहिए। यह समय व्यापारिक निर्णयों के लिए बिल्कुल भी अनुकूल नहीं होता।

    शादी और शुभ कार्यों पर लगती है रोक-

    खरमास में नामकरण, सगाई, तिलक, शादी जैसे मांगलिक कार्य बिल्कुल नहीं करने चाहिए। चूंकि इस अवधि में सूर्य का प्रभाव कमजोर रहता है, इसलिए शुभ कामों में बाधा या अपशकुन होने का खतरा रहता है। इसी तरह कोई भी वाहन, जमीन-जायदाद या सोना-चांदी खरीदना भी वर्जित है। इन चीजों की खरीदारी अशुभ फल देती है और बाद में पछताना पड़ सकता है।

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    सूर्य के 12 मंत्रों से पाएं आशीर्वाद-

    खरमास में सूर्य देव के 12 नामों का जाप करने से उनकी कृपा बनी रहती है। ओम आदित्याय नमः, ओम सूर्याय नमः, ओम रवये नमः, ओम पूषणे नमः, ओम दिनेशाय नमः, ओम सवित्रे नमः, ओम प्रभाकराय नमः, ओम मित्राय नमः, ओम उषाकराय नमः, ओम भानवे नमः, ओम दिनमणये नमः और ओम मार्तण्डाय नमः का नियमित जाप करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। माना जाता है, कि इससे सूर्य देव प्रसन्न होकर साधक पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

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