Monsoon Kadha Recipe
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    Monsoon Kadha Recipe: मानसून का मौसम आते ही हर घर में सर्दी, खांसी, बुखार और वायरल इंफेक्शन की समस्या बढ़ जाती है। बढ़ती हुई नमी और लगातार बदलते मौसम के कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में जरूरत होती है प्राकृतिक तरीकों से अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने की। हमारे पुराने समय से चली आ रही आयुर्वेदिक परंपरा में काढ़े का बहुत महत्व है, जो न केवल बीमारियों से बचाता है बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत भी बनाता है।

    काढ़ा यानी हर्बल डिकॉक्शन, जिसे प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और मसालों से बनाया जाता है, मानसून के मौसम में एक रामबाण इलाज है। यह न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि हमारे पूर्वजों द्वारा सदियों से आजमाया गया नुस्खा भी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं पांच ऐसे आसान काढ़े की रेसिपी जो आप घर पर ही बना सकते हैं।

    Monsoon Kadha Recipe तुलसी और हल्दी का चमत्कारी काढ़ा-

    तुलसी और हल्दी का काढ़ा बनाना बेहद आसान है और यह सबसे प्रभावी भी माना जाता है। इसके लिए आपको चाहिए दस से बारह ताजी तुलसी की पत्तियां, एक चम्मच हल्दी पाउडर, एक इंच का अदरक का टुकड़ा, स्वादानुसार शहद या गुड़ और दो कप पानी।

    पहले तुलसी की पत्तियों और अदरक को कूट लें। फिर पानी को उबालें और इसमें कुटी हुई तुलसी, अदरक और हल्दी पाउडर डाल दें। इसे पांच से सात मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। छानकर कप में निकालें और शहद या गुड़ मिलाकर गर्म-गर्म पिएं।

    यह काढ़ा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और तुलसी में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। वहीं हल्दी की एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी सूजन कम करती है और सांस की नली को स्वस्थ रखती है।

    Monsoon Kadha Recipe मसालेदार काढ़ा-

    दूसरा काढ़ा है मसालेदार काढ़ा, जिसमें कई तरह के गर्म मसाले होते हैं। इसके लिए एक इंच कद्दूकस किया हुआ अदरक, तीन से चार छोटी दालचीनी की छड़ें, पांच से छह लौंग, एक से दो स्टार एनीस, एक से दो बड़ी इलायची, एक चम्मच घर का बना चाय मसाला या काली मिर्च और अजवाइन का मिश्रण, गुड़ या शहद और दो कप पानी की जरूरत होती है।

    पानी को उबालें और इसमें कद्दूकस किया हुआ अदरक और सभी मसाले डाल दें। सात से दस मिनट तक उबालें जब तक पानी का रंग गहरा न हो जाए। छानकर गुड़ या शहद मिलाएं और गर्म परोसें। यह काढ़ा गले की खराश को शांत करता है, सर्दी के लक्षणों को कम करता है और इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है।

    काढ़ा चाय-

    तीसरी रेसिपी है काढ़ा चाय की, जो एक हर्बल टी की तरह है। इसमें एक इंच कुटा हुआ अदरक, चार से पांच लौंग, पांच से छह काली मिर्च, पांच से छह ताजी तुलसी की पत्तियां, दो इंच दालचीनी की छड़ी, दो कप पानी और स्वादानुसार शहद लगता है।

    एक सॉसपैन में पानी उबालें और इसमें कुटा हुआ अदरक, लौंग, काली मिर्च, दालचीनी और तुलसी की पत्तियां डालें। लगभग बीस मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं जब तक काढ़ा आधा न रह जाए। छानकर कप में निकालें और शहद मिलाकर गर्म पिएं। यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और खांसी, सर्दी, बुखार और गले की खराश में राहत देता है।

    मुलेठी का सुखदायक काढ़ा-

    चौथा काढ़ा है मुलेठी का, जो गले की समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके लिए एक चम्मच मुलेठी पाउडर या मुलेठी की छड़ी, एक चम्मच नींबू का रस और दो कप पानी चाहिए।

    पानी उबालें और इसमें मुलेठी डालें। दस मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। छानकर नींबू का रस मिलाएं और गर्म पिएं। मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और सुखदायक गुण होते हैं जो गले की जलन को कम करते हैं और मानसून में इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।

    गिलोय का शुद्धिकारक काढ़ा-

    पांचवां और अंतिम काढ़ा है गिलोय का, जो एक शक्तिशाली इम्यूनोमॉड्यूलेटर है। इसके लिए एक चम्मच गिलोय पाउडर, एक चम्मच शहद और दो कप पानी की जरूरत होती है।

    पानी उबालें और गिलोय पाउडर डालें। दस मिनट तक उबालें, छानें और शहद मिलाकर खाली पेट सेवन करें। गिलोय शरीर को डिटॉक्स करता है, पाचन सुधारता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।

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    काढ़ा सेवन की सावधानियां और सुझाव-

    काढ़ा का सेवन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। दिन में दो कप से ज्यादा न पिएं क्योंकि इससे एसिडिटी या पेट की समस्या हो सकती है। काढ़ा आपकी नियमित चाय या कॉफी की जगह ले सकता है। सुबह और शाम गर्म काढ़ा पीना सबसे फायदेमंद होता है।

    ये सभी काढ़े आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और मसालों की शक्ति का उपयोग करके प्राकृतिक रूप से आपकी इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। मानसून के दौरान नियमित सेवन से आप संक्रमण से बच सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।

    अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य स्वास्थ्य और शिक्षा के उद्देश्य से दी गई है। काढ़े की रेसिपी पारंपरिक और घरेलू नुस्खों पर आधारित हैं और यह पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हैं। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, गर्भवती हैं, स्तनपान करा रही हैं, या कोई दवा ले रहे हैं तो इन नुस्खों को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

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