Mental Health: हमारा दिमाग़ एक ऐसा अंग है, जो हर दिन हमारे जीने के तरीके के अनुसार खुद को ढालता रहता है। इस अनोखी क्षमता को न्यूरोप्लास्टिसिटी कहते हैं, जिसका मतलब है, कि आप अपने दिमाग़ को दोबारा तैयार कर सकते हैं, साफ़ सोच सकते हैं, मानसिक संतुलन बना सकते हैं और मुश्किलों का सामना शांति से कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी पूरी ज़िंदगी बदलने की ज़रूरत नहीं है, बस कुछ सोची-समझी आदतों को लगातार अपनाना होगा। आइए जानते हैं, कि कैसे आप रोज़ाना की छोटी-छोटी आदतों से अपने दिमाग़ को नया रूप दे सकते हैं और अपने मन को बदल सकते हैं।
व्यायाम Mental Health–
लाखों अध्ययन इस बात को साबित करते हैं, कि कसरत न केवल आपके शरीर के लिए बल्कि आपके दिमाग़ के लिए भी बेहद फ़ायदेमंद है। नियमित व्यायाम से शरीर में डोपामाइन का स्तर बढ़ता है और साथ ही सेरोटोनिन भी बढ़ता है, जिसे आम तौर पर खुशी का रसायन कहा जाता है। यह आपके मूड को बेहतर बनाता है और तनाव को कम करता है।
व्यायाम का एक और बड़ा फ़ायदा यह है, कि यह नई दिमाग़ी कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ावा देता है, जिससे याददाश्त और ध्यान में सुधार होता है। इसके लिए आपको महंगी जिम की सदस्यता लेने की ज़रूरत नहीं है। रोज़ाना सिर्फ़ 20 मिनट की सैर भी आपकी मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक संतुलन में काफ़ी सुधार ला सकती है। चाहे आप सुबह की सैर करें, सीढ़ियां चढ़ें या घर पर योग करें, बस लगातार करना ज़रूरी है। आप देखेंगे, कि कुछ ही दिनों में आपका मिज़ाज़ बेहतर होने लगेगा और तनाव का स्तर काफ़ी कम हो जाएगा।
पढ़ना और सीखना Mental Health–
अपने आराम के दायरे से बाहर निकलकर कुछ नया सीखना आपके दिमाग़ के लिए एक शक्तिशाली कसरत है। जब आप कोई नई किताब पढ़ते हैं, नए विचारों के साथ जुड़ते हैं या कोई नया हुनर सीखते हैं, तो आपके दिमाग़ में नए तंत्रिका संबंध बनते हैं। यह मानसिक लचीलेपन में सुधार करता है और लंबी अवधि की स्मृति को मज़बूत बनाता है। रोज़ाना अपने लिए 30 मिनट का समय निकालें। कोई किताब पढ़ें, नई भाषा सीखें या कोई नया शौक अपनाएं। लगातार सीखते रहना दिमाग़ को तेज़ बनाए रखता है। जब आप नई चीज़ें सीखते हैं, तो आपका दिमाग़ नए रास्ते बनाता है, जो आपकी सोचने की क्षमता को बढ़ाता है।
सामाजिक मेल-जोल-
सामाजिक रूप से सक्रिय रहना न केवल आरामदायक है, बल्कि यह आपके दिमाग़ को रासायनिक रूप से भी बेहतर बनाता है। स्वस्थ बातचीत और साझा अनुभव ऑक्सीटोसिन हार्मोन को बढ़ाते हैं, जो जोड़ने वाला हार्मोन कहलाता है। यह भावनात्मक मज़बूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और तनाव को कम करता है। लंबी और अर्थपूर्ण बातचीत के लिए समय निकालें। चाहे वह किसी पुराने दोस्त से फ़ोन पर बात हो, दोस्तों के साथ खाना हो, या अपने साथी के साथ दिल की बात हो, ये बातचीत आपके मन को मज़बूत बनाती हैं। जब आप लोगों से जुड़ते हैं, तो आपका दिमाग़ खुशी के रसायन छोड़ता है, जो आपको बेहतर महसूस कराता है।
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नज़रिया बदलने का जादू-
यह आपके दिमाग़ को इस तरह से दोबारा तैयार करती है, कि आप अपनी ज़िंदगी की अच्छी चीज़ों को देखना सीख जाते हैं। चाहे वे बड़ी हों या छोटी, यह सरल काम लगातार करने से आपका मानसिक ध्यान उन चीज़ों से हट जाता है, जो नहीं हैं और उन चीज़ों पर जाता है, जो मौजूद हैं और जिनकी आप क़द्र कर सकते हैं। एक डायरी रखें और रोज़ाना तीन ऐसी चीज़ों को लिखें, जिनके लिए आप आभारी हैं। यह आपके मानसिक फ़ोकस को उन चीज़ों से हटाकर जो कम हैं, उन चीज़ों पर ले जाएगा, जो मौजूद हैं। इससे आपका जीवन के प्रति नज़रिया ज़रूर बदल जाएगा।
यह सभी तरीके साधारण लगते हैं, लेकिन इनकी शक्ति लगातार अभ्यास में है। आपको एक साथ सब कुछ करने की ज़रूरत नहीं है। एक आदत से शुरुआत करें और धीरे-धीरे दूसरी आदतों को जोड़ते जाएं।
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