Christmas 2023: जल्द ही क्रिसमस का त्योहार शुरू होने वाला है और जिसे लेकर साल भर लोगों इंतजार करते हैं, बहुत सी तैयारी करते हैं तो दाढ़ी वाले सेंटा क्लॉस की बात ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता। खासकर बच्चों में सेंटा क्लोज़ को लेकर काफी उत्साह देखने को मिलता है। उन्हें इस बात का पूरे साल इंतजार रहता है कि सेंटा उन्हें गिफ्ट जरूर आएंगे। जैसे क्रिसमस के बारे में जानना ज़रुरी है वैसे ही उसके केंद्र सेंटा के बारे में जानना भी उतना ही जरूरी है। आखिर कौन है सेंटा क्लॉस और कैसे शुरू हुई यह गिफ्ट देने की परंपरा आईए जानते हैं-
सेंटा क्लॉस क्रिसमस का एक जरूरी हिस्सा-
ऐसा कहा जाता है कि लोग सेंट निकोल सेंटा क्लॉस को फादर क्रिसमस के नाम से भी पुकारते हैं। हालांकि सेंटा क्लॉस और यीशु के बीच कोई संबंध नहीं है, लेकिन फिर भी सेंटा क्लॉस क्रिसमस का एक जरूरी हिस्सा है। ऐसा कहा जाता है कि सेंटा क्लॉस का जन्म तीसरी सदी में तुर्किस्तान के एक शहर में हुआ था। यीशु की मृत्यु के करीब 280 साल बाद उनका जन्म हुआ। सेंट निकोलस की यीशु में अटूट आस्था थी और वह अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद शिक्षा के लिए मोनेस्ट्री में रहे। 17 साल की उम्र में उन्हें पादरी की उपाधि मिली।
कौन है असली सेंटा-
ऐसा कहा जाता है कि सेंट निकोलस स्वभाव से काफी दयालु थे और वह हमेशा जरूरतमंदों की मदद करते थे। बच्चे उन्हें बहुत प्यारे थे और वह उन्हें बहुत से उपहार भी दिया करते थे। उनके इसी स्वभाव की वजह से माना जाता था कि उनकी मृत्यु के बाद भी सेंटा क्लॉस क्रिसमस पर बच्चों को उपहार देंगे, तभी से यह परंपरा शुरू की गई। सेंट निकोलस मध्य रात्रि में जब सब गहरी नींद में सो रहे होते थे, तब वह बाहर निकलते थे और जाकर गरीबों के घर उपहार देकर बच्चों के लिए खाना पीना और सामान रख देते थे। उनकी मृत्यु के बाद भी लोगों ने इस परंपरा को खत्म होने नहीं दिया, तब से आम लोग भी उनकी तरह कपड़े पहन कर रात में बच्चों को उपहार देने लगे।
क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा-
क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा जर्मनी में आठवीं शताब्दी में शुरू हुई थी। बनी फेस नामक एक ईसाई धर्म के प्रचारक ने इसकी शुरुआत की। इसके बाद अमेरिका में 1912 में एक बच्चे के कहने पर उसके पिता ने क्रिसमस ट्री सजाया था। क्रिसमस ट्री से घर में पॉजिटिव एनर्जी आने के साथ ही वास्तु दोष भी दूर हो जाता है। इसके पीछे एक और कहानी है, बहुत समय पहले एशिया माइनर में मौजूद एक जगह पर सेंटा निकोलस नाम के आदमी रहा करते थे। लेकिन उनके माता-पिता का देहांत हो गया। निकोलस हमेशा गरीबों की मदद करते थे। लेकिन कभी किसी को इस बात का पता नहीं चलता था कि वह अक्सर गरीबों को सीक्रेट गिफ्ट देकर खुश करने की कोशिश किया करते थे।
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तीन बेटियों की शादी-
एक गरीब व्यक्ति के पास उसकी तीन बेटियों की शादी के लिए पैसे नहीं है, तब निकोलस उस व्यक्ति की मदद करने के लिए रात के समय उसके घर की छत में लगी चिमनी के पास पहुंचे और वहां सोने से भरा एक बैग डाल दिया। ऐसा कहा जाता है कि उस गरीब व्यक्ति ने अपना मोजा सूखने के लिए चिमनी में लगा दिया था। जब गरीब आदमी ने अपना मौजा उठाया तो उसमें से ढेर सारा सोना मिला। उसके साथ ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ।
गिफ्ट देने की परंपरा-
एक बार जब वह बैग लेकर उनके घर पहुंचे तब उसे गरीब व्यक्ति ने निकोलस को देख लिया था। लेकिन निकोलस ने उससे कहा कि वह यह बात किसी को ना बताएं। लेकिन यह बात बहुत दिनों तक छुपी नहीं रह सकी। इसके बाद किसी को भी गिफ्ट मिलता तो सब कहते थे कि सेंटा ने गिफ्ट किया है। पहली बार इंग्लैंड में उन्हें फादर क्रिसमस और ओल्ड मैन क्रिसमस का नाम दिया गया। माना जाता है कि इसके बाद से पूरी दुनिया क्रिसमस के दिन सीक्रेट केंद्र बने और गिफ्ट देने की परंपरा शुरु हो गई।
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