Delhi Snowfall: जब दिल्ली में हर साल कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान 2-3 डिग्री तक गिर जाता है, तो कुछ लोगों के मन में एक सवाल जरूर आता है, जैसे मेरे मन में आया, कि क्या दिल्ली में कभी बर्फबारी हो सकती है? इसी बात को जानने के लिए मैंने इस सवाल के जवाब को ढ़ूंडना शुरु किया। तो मुझे क्या जवाब मिला हो सकती है या नहीं और अगर नहीं तो क्यों नहीं, आईए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
बर्फबारी के लिए कैसा होना चाहिए मौसम-

सबसे पहले जानते हैं, कि बर्फबारी होने के लिए किन चीज़ों की जरुरत है। दरअसल बर्फाबारी यानी स्नोफॉल के लिए दो चीजों का एक साथ होना बहुत जरूरी है, 0 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान और हवा में पर्याप्त नमी और दिल्ली समुद्र तल से महज 215 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो बर्फबारी के लिए काफी नहीं है। आमतौर पर बर्फ उन जगहों पर गिरती है, जो ठंडे होने के साथ-साथ ऊंची जगह पर होते हैं। जैसे पहाड़ी इलाके शिमला, मनाली या मसूरी और दिल्ली एक मैदानी इलाका है, इसलिए यहां बर्फबारी की संभावना लगभग नामुमकिन मानी जाती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, 1935 में दिल्ली का सबसे कम तापमान –0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, लेकिन तब भी यहां बर्फबारी नहीं हुई थी। यह इस बात का सबूत है, कि बर्फबारी के लिए सिर्फ कम तापमान काफी नहीं है, बल्कि बाकी मौसमी स्थितियों का होना जरूरी है।
दिल्ली में बर्फबारी ना होने का दूसरा कारण-

दिल्ली में ठंड तो काफी पड़ती है, जब तापमान 2-3 डिग्री तक गिर जाता है। लेकिन उस समय आसमान साफ होता है और हवा शुष्क रहती है और जब वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से बारिश या नमी आती है, तो बादलों के कारण तापमान 6 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो बर्फबारी के लिए काफी ज्यादा है। यही कारण है, कि दिल्ली में कभी भी तापमान और नमी का सही संतुलन नहीं बन पाता, जो बर्फबारी के लिए जरूरी है।
स्नोफॉल नहीं ओलावृष्टि-
कुछ लोग अक्सर ओलावृष्टि यानी हेलस्टॉर्म को बर्फबारी कहते हैं। जब दिल्ली में जमकर ओले गिरते हैं तो सड़कें, गाड़ियां और छतें सफेद हो जाती हैं। लोग इसे बर्फबारी कहकर तस्वीरें खींचने लगते हैं। लेकिन ओले और बर्फ में बड़ा फर्क है। दरअसल ओले जमी हुई बारिश की बूंदें होती हैं, जो बादलों में ऊपर-नीचे घूमते हुए बर्फ की परत जमा कर लेती हैं और फिर भारी होकर गिरती हैं। जबकि बर्फबारी में बर्फ के हल्के और मुलायम कण धीरे-धीरे जमीन पर गिरते हैं।

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जलवायु परिवर्तन-
हालांकि जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम का मिजाज बहुत बदल गया है। कभी बिना मौसम बारिश होती है, तो कभी अचानक तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है, कि दिल्ली के मौसम में इतना बड़ा बदलाव आना, कि यहां बर्फबारी हो जाए, इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती। दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और मौसमी पैटर्न ऐसे हैं, कि यहां बर्फबारी होना लगभग असंभव है।
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तो अगली बार जब आप दिल्ली में सफेद सड़कें देखें, तो समझ जाइए, कि ये ओलावृष्टि है, बर्फबारी नहीं और हां, अगर कभी दिल्ली में सच में बर्फबारी हो गई, तो वो दिन इतिहास में दर्ज हो जाएगा।



