Amazing Facts: जापान जिसे आने वाली दुनिया का उगता सूरज माना जाता है। इस मामले में कोई दो राय नहीं है कि टेक्नोलॉजी के मामले में जापान को कोई टक्कर नहीं दे सकता, पर इन सबके अलावा जापान को एक गायन शौचालय का देश कहा जाता है या फिर एक ऐसा देश जहां की ट्रैफिक लाइट ब्लू कलर की होती है और भी बहुत सारी चीज़ें हैं, जो इस देश को दुनिया से बिल्कुल अलग बनाती हैं। आज हम इस देश से जुड़े अमेजिंग फैक्ट्स के बारे में जानेंगे तो आईए इस देश के बारे में खुलकर बात करते हैं।
नंबर वन- रामेन नूडल्स बाथ-
हाकोन में बसे इस यू निशान स्पा रिसोर्ट में सूअर के मांस का सूप और रामेन नूडल्स खिलाकर लोगों का दिल बड़े आराम से जीत लिया जाता है। जापान के काफी लोग इसके पीछे दीवाने हैं। उनका यह मानना है कि सूअर के मांस का सूप उनकी त्वचा के लिए बहुत लाभदायक है। क्योंकि उसमें भारी मात्रा में कॉलेजोंन पाया जाता है।
नंबर 2 स्क्वायर वाटरमेलन-
तरबूज के इस आकार का आविष्कार पिछले 70s में एक ग्राफिक डिजाइनर की मदद से किया गया था। क्योंकि इस आकार में इन्हें फ्रिज में मजबूती से रखा जा सकता है और काफी आराम से काटा भी जा सकता है। जापान के एक किसान इन्हें एक स्पेशल कंटेनर में उगाते हैं। जैसे कि यह काफी महंगे और खूबसूरत होते हैं। लोग इन्हें खाने के तौर पर ना खरीद कर सजाने के तौर पर ज्यादा खरीदते हैं।
नंबर 3 बैज़ार फ्लेवर का किटकैट-
बैज़ार फ्लेवर का किटकैट- चिली पेपर बसावी, स्वीट पोटैटो, ग्रिल्ड कौर्,न सोयाबीन और साथ में वाटरमेलन मैंगो, ग्रीन टी यह सब बस कुछ किटकैट के कुछ छाटे गए फ्लेवर्स हैं, जो जापान के लोग खिते हैं। इनमें से आप कौन सा खाना पसंद करेंगे कमेंट में जरूर बताएं।
नंबर 4 फेक-
फेक फूड जापान के कुछ एक्सपर्ट्स प्लास्टिक और वैक्स की मदद से खाना बनाते हैं और वह भी देखने में उतने ही लजीज लगते हैं जितना की असली खाना लगता है। जापान के कितने ही रेस्टोरेंट्स इन प्लास्टिक के खानों को अपने रेस्टोरेंट की खिड़की के पास लगाकर भूखे इंसानों का ध्यान खींचने की कोशिश की करते हैं और आपको बता दें कि इन प्लास्टिक के खाने को तैयार करने में बहुत ज्यादा पैसे खर्च होते हैं।
नंबर 5 रैबिट आयरलैंड-
रैबिट आयरलैंड 1929 और 1945 के बीच जब दुनिया से छुपा कर जापान ने एक गैस बनाई थी। गैस के प्रभाव को टेस्ट करने के लिए इस द्वीप पर खरगोश को लाया गया था। हालांकि इनमें से बहुत से खरगोश बच गए। तथा समय के साथ इनकी संख्या बढ़ती रही। टेस्ट के लिए लाए गए खरगोश आज हजारों की संख्या में पहुंच चुके हैं और इन्हें देखने के लिए लाखों लोग यहां आने लगे। इसके बाद से यह एक टूरिस्ट प्लेस बन गया।
फैक्ट नंबर 6 पूरीकूरा मशीन-
पूरीकूरा मशीन किसी बूथ में फोटो लेना कोई नई बात नहीं है पर जापान ने अपने अनुभव से इसको एक नया मोड़ दे दिया है। उनके फोटो बूथ को पूरीकूरा नाम से जाना जाता है, जो आपको वही उस वक्त उन फोटोस को एडिट करने की अनुमति देता है और आप उस समय अपने फोटो में स्टिकर भी ऐड कर सकते हैं। कुछ लिख सकते हैं और इन सब के बाद बड़े आसानी से उन फोटोस को अपने सेल फोन में भेज सकते हैं।
फैक्ट नंबर 7 पीपल पुशर्स-
पीपल पुशर्स मेट्रो स्टेशन हो या ट्रेन स्टेशन जापान में काम के घंटे में वहां आपकी सोच से भी ज्यादा भीड़ रहती है और इस सबके चलते स्टेशन स्टाफ और पार्ट टाइम मेंबर को यह ड्यूटी रोज निभाई होती है की ट्रेन में जितने पैसेंजर हो सके उतने भर सके। जब तक की दरवाजे बंद ना हो सके।
फैक्ट नंबर 8 अंब्रेला पार्किंग-
अंब्रेला पार्किंग यवत आम देश में हम किसी बिल्डिंग में जाने से पहले अपनी कर या बाइक पार्क करते हैं करके अंदर चले जाते हैं लेकिन जापान में अगर आपको किसी बिल्डिंग में जाना हो तो कर और बाइक को पार करने के साथ-साथ अंब्रेला भी पार्क करना पड़ता है और आपका अंब्रेला वहां से कोई नहीं ले जा सकता अंब्रेला पार्क करने के पीछे मकसद यह है कि आप बिल्डिंग को पानी पानी करने से बचा सकते हैं अगर आपका अंब्रेला पानी से तार हो जापान के लगभग सभी सरकारी बिल्डिंग होटल और ऑफिस में इन अंब्रेला पार्किंग लोट का इस्तेमाल किया जाता है।
नंबर 9- मिलियंस वेंडिंग मशीन-
मिलियंस वेंडिंग मशीन दुनिया के ज्यादातर देशों में वेंडिंग मशीन नाम की कोई चीज ही नहीं होती। वहीं पूरे जापान में 5 मिलियन से भी ज्यादा वेंडिंग मशीनस का इस्तेमाल किया जाता है। जापान के लोगों का देर रात तक काम करना बिल्कुल आम बात है और इसीलिए उनके स्नेक्स और सोडा के लिए ही इन वेंडिंग मशीन्स का इस्तेमाल किया जाता है पर वैसे आप इन वेडिंग मशीन से कुछ भी खरीद सकते हैं ड्रिंक्स से लेकर अंडरवियर तक कुछ भी।
नंबर 10 ट्रेन डिलेस मेक हैडलाइन्स-
डिलेस मेक हैडलाइन्स जापान में समय की पाबंदी और अनुशासन का बड़ा महत्व है और ट्रेन स्टेशन इस चीज से बचने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। अगर ट्रेन 5 मिनट भी लेट हो जाए तो रेलवे कंपनी को एक उनके वर्कर्स और पैसेंजर के लिए रिलेटेड सर्टिफिकेट देना पड़ता है। जिन्होंने उनकी वजह से शायद कोई इंपॉर्टेंट मीटिंग मिस कर दी है और अगर ट्रेन किसी वजह से 1 घंटे से ज्यादा लेट हो जाए, तो रेलवे कंपनी को न्यूज़पेपर में एक माफीनामा देना पड़ता है।
नंबर 11 साइलेंट कैरीओके-
साइलेंट कैरीओके यह माइक्रोफोन एक अलग तरह का माइक्रोफोन है। इसे वहां के लोग अपने मुंह के ऊपर लगा कर रखते हैं। जिसकी मदद से वह अपनी भुनभुनाहट को दूसरों तक नहीं ले जाने देते। अक्सर जापान में इस गैजेट का इस्तेमाल ज्यादातर वह लोग करते हैं, जो अपने अगल-बगल के लोगों को परेशान नहीं करना चाहते या फिर वह लोग जिन्हें पब्लिक प्लेस में खुद में गाना गाने में शर्म आती है।
फैक्ट नंबर 12 स्लरपींग-
स्लरपींग वैसे तो दुनिया में कितने ही देश में झुकने को अच्छा नहीं माना जाता। लेकिन जापान में झुकने को किसी खाने की प्रशंसा मानी जाती है और अगर नूडल्स खाते वक्त आप झुके नहीं तो उस रेस्टोरेंट का सेफ समझेगा कि आपको उसका नूडल पसंद नहीं आया।
नंबर 13 फेस नैपकिंस-
यह तो आप जानते ही होंगे कि जब कभी भी हम बर्गर खाते हैं तो हमारे मुंह पर केचप लग ही जाता है चाहे हम कितना भी आराम से खाएं पर वहां के एक रेस्टोरेंट के मालिक ने इसका इलाज ढूंढ लिया है। वह रेस्टोरेंट में आने वाले लोगों का चेहरा एक अलग तरह के नैपकिन से कवर कर देते हैं। जिससे उनके बर्गर खाने से उनका चेहरा गंदा नहीं होता पर यह देखने में थोड़ा अजीब जरूर लगता है।
फैक्ट नंबर 14 वाटर सेविंग सीएक्स-
जापान में इन बेसिंस को टॉयलेट के बिल्कुल बगल में लगाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि टॉयलेट के तुरंत बाद आप पहले आप अपने हाथ धोएं और फिर उसी पानी का इस्तेमाल आप फ्लस के लिए कर सकते हैं। इसी तरीके से आप एक ही पानी से दो कम कर सकते हैं। इससे पानी की भी बचत होती है।
फैक्ट नंबर 15 स्ट्रेंज मेयो-
दोस्तों जापान में मेयो की कोई खास रेसिपी नहीं है। वहां पर लोग इसका इस्तेमाल सैंडविच, सलाद या मीट में नहीं करते। बल्कि वह इसका इस्तेमाल आइसक्रीम और पैन के केक्ह के ऊपर करते हैं। यह थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन यह सच है।
फैक्ट नंबर 16 नेप्स एट वर्क-
जापान में अगर किसी इंसान को झपकि लेते हुए पाया गया तो उसको मेहनत से काम करने की निशानी माना जाता है और इसीलिए वहां झपकी लेने को बिल्कुल गलत नहीं माना जाता। पर अगर हमारे इंडिया में ऐसा होता तो उसे तो काम से ही निकाल दिया जाएगा, क्यों सही कहा ना मैंने।
फैक्ट नंबर 17 वर्ल्ड'एस शॉर्टेस्ट एस्केलेटर-
कावासाकी शहर के मोड्स डिपार्टमेंट में आपको दुनिया का सबसे छोटा एस्केलेटर देखने को मिल जाएगा। इस एस्केलेटर में बस पांच सीढ़ियां हैं और यह सिर्फ 33 इंच लंबी है। यह जापान के लोग टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल करते हैं।
फैक्ट नंबर 18 डॉल विलेज-
जापान के इस गांव की आबादी 300 लोगों की हुआ करती थी। पर इस गांव में अब सिर्फ 40 के आसपास लोग रहते हैं। एक लोकल आर्टिस्ट सुकियो न इंसानों के आकार की गुड़िया बनाई। जिनमें से कई सारे वहां के लोगों की तरह लगती थी और उन्हें वहां ऐसे रखा जाता था जैसे वह कोई काम कर रही हों जैसे कि उन्हें गांव के इसकी स्कूल में क्लास रूम में बैठा दिया जाता है। जो कि शायद कुछ दिनों में पहले बंद कर दिए गए हैं।
फैक्ट नंबर 19 नंबर फोर-
दोस्तों जापान के कलचर में यह बहुत आम है कि वहां के लोग चार नंबर से बहुत बचते हैं। क्योंकि वह लोग इसे अशुभ समझते हैं और इसीलिए जापान के बिल्डिंग 4 फ्लोर की नहीं होती और वहां की दुकानों पर चम्मच के सेट भी नहीं बिकते। उन्हें चार नंबर से इतनी नफरत है कि वह घर में चार मेहमानों को भी नहीं आने देते। वह उसे कोई अशुभ काम की निशानी मानते हैं।
फैक्ट नंबर 20 ब्लू ट्रैफिक लाइट-
जापान की सड़कों पर हेयर कलर की लाइट की जगह नीले रंग की लाइट का इस्तेमाल होता है और इसके पीछे का कारण उनके नाम में ही छुपा है इतिहास में ग्रीन और ब्लू को एक ही नाम ब्लू से जाना जाता था जब जापान में पहली बार ट्रैफिक लाइट्स का इस्तेमाल किया गया तो वह हेयर कलर की ही थी लेकिन जब उन्होंने सच जाना तो उन्होंने ग्रीन की जगह नीली लाइट्स का इस्तेमाल करने का इरादा बना लिया।
फैक्ट नंबर 21 क्लीनिंग क्लासेस-
जापान के सभी स्कूल में बच्चे अपने क्लास रूम को खुद ही साफ करते थे क्योंकि वह इस काम को वो अपनी पढ़ाई का हिस्सा समझते थे और यहां तक की वहां के टीचर्स भी इसमें उनकी मदद करते थे। क्लास रूम के साथ-साथ बाथरुम भी साफ करने की जिम्मेदारी भी स्कूल के बच्चों को ही दी जाती थी। क्योंकि वहां के टीचर्स का मानना है कि यह काम उन्हें रिस्पांसिबल सिटिजन बनने में उनकी मदद करेगा।
फैक्ट नंबर 22 फुटबाथ ट्रेन-
सुडोई टूरिस्ट ट्रेन जापान की एक ऐसी ट्रेन है जिसमें ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं जो आप सोच भी नहीं सकते। इस ट्रेन में फुटपाथ की सुविधा भी पाई जाती है। खुशबूदार सरों के पेड़ की मदद से बनाए गए और इसमें हल्के गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाता है जो पैसेंजर को काफी आराम देता है।
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पैक नंबर 23 फ्यूचरिस्टिक टॉयलेट-
जापान के टॉयलेट्स आम टॉयलेट की तरह नहीं होते यह बहुत ही अच्छे तकनीक से बनाए गए हैं। इन टॉयलेट को इस्तेमाल करने से पहले आपको पता होना चाहिए आखिर इन में लगे बटंस का मतलब क्या है। इसमें कई अलग तरह के ऑप्शंस पाए जाते हैं जैसे कि अगर आप चाहे तो टॉयलेट सीट को अपने मुताबिक गर्म कर सकते हैं, आप चाहे तो गर्म पानी स्प्रेड कर सकते हैं या चाहे तो आप गाने भी बजा सकते हैं। जापान की इस टेक्नोलॉजी के लिए एक लाइक तो बनता है।
फैक्ट नंबर 24 क्रेज़ी फ्लेवर आइसक्रीम-
जापान के लोग खाने के अजीब अजीब जोड़े बनाते हैं और उसे बड़े चाव से कहते हैं। उन्हीं में से एक है यह आइसक्रीम फ्लेवर आइसक्रीम फ्लेवर के नाम पर जापान में के लोग घोड़े का मांस, कैक्टस, चारकोल, लहसुन का इस्तेमाल करते हैं और यह सब उनके लिए कोई हैरानी की बात नहीं है।
फैक्ट नंबर 25 कैफे कंपेनियन-
किसी कैफे में अकेले बैठकर कॉफी या खाना खाना तो बहुत लोगों के लिए आम बात होगी। लेकिन जापान में ऐसा कुछ नहीं है। यहां पर आपके सामने बड़े-बड़े कार्टूंस बिल्कुल आपके सामने बैठे होंगे। जिससे कि आपको अकेलापन बिल्कुल महसूस नहीं होगा।
एक नंबर 26 रोबोट रन होटल-
नागासाकी के एक होटल में रोबोट वहां के स्टाफ का बहुत बड़ा हिस्सा है। उन्हें हैना के नाम से जाना जाता है। जिसका सीधा मतलब है स्क्रेंज। इंसानों की तरह दिखने वाले रोबोट। यह हर वह काम करते हैं जो एक इंसान करता है जैसे कि गेस्ट से मिलना, लगेज उठाना, कॉफी बनाना, रूम को साफ करना और भी बहुत कुछ और तो और फोन पर बात करते वक्त ये मुस्कुराते भी हैं। पर उनके अगल बगल वहां के स्टाफ मौजूद रहते हैं। इसकी देखरेख में की आखिर वह ठीक तरीके से कम कर रही है या नहीं।
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फैक्ट नंबर 27 स्पेस सेविंग पार्किंग लॉट्स-
दोस्तों जापान लोगों से भरा हुआ है वहां के लोग पार्किंग लॉट्स के नाम पर जगह की बर्बादी बिल्कुल नहीं करते जैसा कि आप देख सकते हैं किस तरह से वहां के लोग मल्टी लेवल गैरेज का इस्तेमाल करते हैं।