Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर लगभग बनकर तैयार ही हो चुका है और इसका उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। प्रभु श्री राम लगभग 500 साल के इंतजार के बाद अपने सिंहासन पर विराजमान होने वाले हैं। ऐसे में उनका हर भक्त जानने के लिए उत्सुक है कि इतने सालों बाद बन रहा श्री राम मंदिर आखिर कितना भव्य तरीके से तैयार होगा। इसमें क्या-क्या खास होगा औऱ भव्य महल में राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सुरक्षा के लिहाज से बहुत से नियम लगा लागू किए गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रवेश करने से लेकर निवेदन पत्र में कुछ महत्वपूर्ण बातें भी लिखी गई है। जिनका पालन करने पर ही मंदिर में एंट्री मिलेगी, आईए जानते हैं-
Ayodhya Ram Mandir आखिर इतना खास क्यों है-
इस मंदिर को परंपरागत नगर शैली में बनाया जा रहा है, जिसकी चौड़ाई 250 फीट, लंबाई 380 फीट और ऊंचाई 161 फीट रखी गई है। यह मंदिर 3 मंजिला होने वाला है और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फिट रखी गई है। इस मंदिर में कुल 392 खंबे वार्ड, 44 दरवाजे बनाए जाएंगे। मुख्य गर्भ ग्रह में प्रभु श्री राम का बाल रूप तथा प्रथम तल पर श्री राम दरबार होगा। मंदिर में पांच मंडप होंगे, जिनमें रंग मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना मंडप और रंग मंडप शामिल हैं। इसमें खंभे की दीवारों में देवी देवताओं तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं। मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंह द्वारा से होगा। दिव्यांगजन एवं वृद्धो के लिए मंदिर में रैंप और लिफ्ट के इंतजाम किए गए हैं।
चारों ओर आयताकार परकोटा-
Ayodhya Ram Mandir के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा, चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फिट होने वाली है। परकोटा के चारों कोने पर सूर्य देव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित कर मंदिरों का निर्माण किया जाएगा। उत्तरी भुज में मां अन्नपूर्णा, वहीं दक्षिण भुज में हनुमान जी के मंदिर का निर्माण किया जाएगा। मंदिर के पास पौराणिक काल का सीताकूप भी विद्यमान रहेगा। मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि अगस्त्य, ऋषिपत्नी देवी अहिल्या और माता शबरी को समर्पित होंगे।
भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार-
वहीं Ayodhya Ram Mandir के दक्षिण पश्चिम भाग में नवरत्न कुबेर पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है और वहां जटायु प्रतिमा भी स्थापित की गई है। मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया। धरती के ऊपर बिल्कुल भी कंक्रीट नहीं है। मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कंपैक्ट कंक्रीट बिछाई गई है। इसे एक कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है। मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए इसकी ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है। मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सिविल ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पावर स्टेशन का निर्माण किया गया है।
लॉकर और चिकित्सा की भी दी जाएगी सुविधा-
जिससे बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहेगी। 25000 क्षमता वाले एक दर्शनात्री सुविधा केंद्र का निर्माण भी किया जा रहा है। जहां पर दर्शनात्रियों का सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा की सुविधा मिलेगी। मंदिर परिसर में लगातार शौचालय ओपन टैब, वॉश बेसिन आदि की सुविधा भी रहेगी। मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परंपरा के मुताबिक और स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण जल संरक्षण व विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राम मंदिर करीब ढाई एकड़ की जमीन पर तैयार किया जा रहा है इसमें परिक्रमा पद भी जोड़ लिए जाए तो यह पूरा परिसर 8 एकड़ का होगा। यह मंदिर तीन मंजुला होगा और इसकी ऊंचाई 162 फीट रखी गई है मंदिर परिसर में राम मंदिर के अलावा 6 और मंदिर बनाए जाएंगे। राम मंदिर में 392 पिलर बनाए जा रहे हैं।
रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा-
गर्भ ग्रह में 160 और ऊपर ही ताल में 132 खंबे। मंदिर में कुल 36 दरवाजे होंगे जिनमें से 18 दरवाजे गर्भ ग्रह के होंगे इन दरवाजों की खासियत यह है कि यह सोने से जड़े हुए हैं। दरवाजा का निर्माण हैदराबाद के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है मंदिर के दरवाजों पर बेहतरीन नक्काशी की गई है और इस पर हर दरवाजे पर करीब 3 किलो सोना लगा है। 22 जनवरी को राम मंदिर में दोपहर करीब 12:30 बजे रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। उसमें राम मंदिर के उद्घाटन के लिए लगभग 8000 मेहमानों को न्योता दिया गया है। भव्य महल में राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सुरक्षा के लिहाज से बहुत से नियम लगा लागू किए गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रवेश करने से लेकर निवेदन पत्र में कुछ महत्वपूर्ण बातें भी लिखी गई है। जिनका पालन करने पर ही मंदिर में एंट्री मिलेगी।
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मंदिर में प्रवेश-
राम लाल की प्राण प्रतिस्ठा वाले दिन मंदिर में प्रवेश करने के लिए मोबाइल कोई भी गैजेट, पर्स, एयरफोन, रिमोट वाली चाबी ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बड़े संतजनों के छात्र, निजी पूजा के लिए ठाकुर की झोली, गुरु पादुकाएं भी कार्यक्रम स्थल पर ले जाना माना है। उसके अलावा रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा में आने वाले अतिथियों को 22 जनवरी को कार्यक्रम स्थल पर सुबह 11:00 बजे से पहले प्रवेश करना होगा। सुरक्षा के लिए अगर कोई साधु महापुरुष या कोई सुरक्षाकर्मी होंगे तो वह सभी कार्य स्थल से बाहर रहेंगे।
नियम-
जानकारी के मुताबिक, निमंत्रण पर जिसके भी नाम का है सिर्फ उसे ही मंदिर में अनुमति दी जाएगी। उसके अलावा सेवक या शिष्य कार्यक्रम स्थल पर नहीं जा सकेंगे। फिर राम मंदिर में मुख्य यजमान पीएम नरेंद्र मोदी के मंदिर परिसर से चले जाने के बाद ही संत जनों को रामलला के दर्शन करने को मिलेंगे। राम मंदिर उद्घाटन में भारतीय परंपरा के मुताबिक कपड़े पहनकर जाने की अनुमति है। जैसे पुरुषों के लिए धोती, गमछा, कुर्ता पजामा और महिलाएं सलवार सूट या फिर साड़ी में जा सकती है। हालांकि इसे लेकर राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कोई ड्रेस कोड लागू नहीं हुआ है। सिर्फ निमंत्रण पत्र और जिनके पास ड्यूटी के पास होंगे, वही अयोध्या में प्रवेश कर सकेंगे।
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