Vizhinjam Port: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केरल के विझिंजम में भारत के पहले समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट हब का उद्घाटन कर देश के समुद्री इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। करीब 8,867 करोड़ रुपये की लागत से बने इस डीप-सी पोर्ट को अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत सरकार के साथ मिलकर विकसित किया गया है।
उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "विझिंजम बंदरगाह सिर्फ एक पोर्ट नहीं, बल्कि हमारे 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह बंदरगाह भारत को वैश्विक शिपिंग और ट्रेड रूट्स पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाएगा और हमारी अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।"
Today, at Vizhinjam, history, destiny and possibility came together as a 30-year-old dream of Kerala became India’s gateway to the world.
— Gautam Adani (@gautam_adani) May 2, 2025
We are proud to have built India’s first deep-sea automated port. A future global transshipment hub. This is a triumph of vision, resilience… pic.twitter.com/343mjcNcAB
केरल के पोर्ट्स मंत्री वी.एन. वासवन ने इस अवसर पर कहा, "यह हमारे राज्य और देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। विझिंजम पोर्ट केरल को अंतरराष्ट्रीय नौवहन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगा और क्षेत्र के आर्थिक विकास में अभूतपूर्व योगदान देगा।"
औपचारिक उद्घाटन से पहले ही दिखाई दमदार परफॉर्मेंस-
खास बात यह है कि अपने औपचारिक उद्घाटन से पहले ही विझिंजम बंदरगाह ने 285 जहाजों को संभाला है और 5.93 लाख TEUs (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट्स) का प्रोसेसिंग कर शुरुआती परफॉर्मेंस अपेक्षाओं को पार कर दिया है। यह सफलता इस बात का संकेत है कि बंदरगाह पहले से ही अपनी क्षमता साबित कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग कंपनियों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
Tomorrow marks a historic moment as Shri Narendra Modi ji, the Hon’ble Prime Minister of India, dedicates the Vizhinjam International Seaport to the nation. This landmark project - the largest-ever state investment in any port in the country, with two-thirds of the cost borne by… pic.twitter.com/kPk0PVIWpU
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) May 1, 2025
गौरतलब है कि एमएससी (MSC) जैसी बड़ी शिपिंग लाइनें, जो पहले दुबई और कोलंबो जैसे प्रमुख हब्स को बायपास करती थीं, अब विझिंजम को अपने रूट में शामिल कर रही हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत अब वैश्विक शिपिंग नेटवर्क में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है।
ट्रांसशिपमेंट हब: क्या होता है और क्यों है महत्वपूर्ण?
ट्रांसशिपमेंट हब एक ऐसा बड़ा बंदरगाह होता है जहां एक जहाज से दूसरे जहाज पर कार्गो कंटेनर ट्रांसफर किए जाते हैं। बड़े जहाज इन डीपवाटर पोर्ट्स पर कंटेनर उतारते हैं, और फिर इन्हें छोटे फीडर जहाजों पर स्थानांतरित किया जाता है जो इन्हें क्षेत्रीय बंदरगाहों तक पहुंचाते हैं।
अब तक भारत के व्यापारियों को अपने माल को सिंगापुर या कोलंबो जैसे विदेशी ट्रांसशिपमेंट हब के माध्यम से भेजना पड़ता था, जिससे अतिरिक्त समय और लागत लगती थी। विझिंजम बंदरगाह इस निर्भरता को कम करेगा और निर्यात-आयात व्यापार में लॉजिस्टिक्स लागत कम करेगा।
विझिंजम बंदरगाह की खासियतें-
अद्वितीय स्थानिक लाभ-
विझिंजम बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय पूर्व-पश्चिम शिपिंग लेन के करीब स्थित है और प्राकृतिक गहरे ड्राफ्ट से लैस है, जो इसे ट्रांसशिपमेंट ऑपरेशंस के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। यहां के नैसर्गिक गहरे समुद्र में बड़े-बड़े जहाज आसानी से आ-जा सकते हैं, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर शिप्स को भी संभाल सकता है।
विशाल क्षमता-
विझिंजम बंदरगाह सालाना 30 लाख TEUs को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन वर्तमान प्रदर्शन के रुझान से संकेत मिलता है कि यह सालाना 45 लाख TEUs तक स्केल अप कर सकता है। यह क्षमता भारत को अंतरराष्ट्रीय शिपिंग में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।
आर्थिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि विझिंजम बंदरगाह भारत के विदेशी व्यापार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। यह न केवल लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेगा, बल्कि टर्नअराउंड टाइम में भी सुधार करेगा और भारत के निर्यात-आयात व्यापार की दक्षता को बढ़ाएगा।
इसके अलावा, बंदरगाह से केरल और पूरे दक्षिण भारत में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बंदरगाह गतिविधियों से जुड़े अन्य सेवा क्षेत्रों के विकास से लाभ होगा।
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वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत का कदम-
विझिंजम बंदरगाह का विकास भारत की 'सागरमाला परियोजना' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश के तटीय क्षेत्रों और बंदरगाहों को विकसित करना है। यह परियोजना भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विश्व स्तर पर, विझिंजम बंदरगाह की स्थापना से भारत कोलंबो, सिंगापुर और दुबई जैसे प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब्स के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। इससे न केवल भारत के शिपिंग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इसकी आर्थिक और रणनीतिक स्थिति भी मजबूत होगी।
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