Vande Bharat Sleeper
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    Vande Bharat Sleeper: भारतीय रेलवे जल्द ही वंदे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर वर्जन लॉन्च करने जा रहा है, जो अब तक केवल चेयर कार के साथ उपलब्ध था। यह नया रूप लंबी दूरी की रात की यात्राओं को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए तैयार किया गया है। 2019 में अपनी शुरुआत के बाद से वंदे भारत ट्रेन अपनी गति और आराम के लिए जानी जाती रही है। अब आने वाला स्लीपर वर्जन यात्रियों के लिए शानदार सुविधाओं और आधुनिक तकनीक का बेहतरीन मिश्रण पेश करने वाला है।

    हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित 16वीं अंतर्राष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी 2025 में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के फर्स्ट AC कोच का एक नमूना प्रस्तुत किया गया। इसे भारत-रूस की संयुक्त कंपनी काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस ने डिजाइन किया है। यह मॉडल मॉर्डन, अट्रैक्टिव और यात्री-अनुकूल दिखाई देता है। लोगों के लिए संचालन शुरू करने से पहले, आरडीएसओ यानी रिसर्च डिजाइन्स एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन व्यापक परीक्षण करेगा। सभी सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों की जांच के बाद ही मंजूरी दी जाएगी।

    ट्रेन की खूबियां और तकनीकी विशेषताएं-

    यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की परिचालन गति के लिए डिजाइन की गई है, जबकि इसकी अधिकतम गति क्षमता 180 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसमें 16 कोच होंगे, जिनमें फर्स्ट AC, सेकंड AC दो-स्तरीय और थर्ड AC तीन-स्तरीय श्रेणियां शामिल होंगी। कुल यात्री क्षमता लगभग 1,128 होगी। ट्रेन में प्रीमियम फर्स्ट-क्लास केबिन होंगे, जो यात्रियों को शानदार अनुभव देंगे। आरामदायक सीटें और स्लीपर बर्थ के साथ-साथ पानी की बोतलों के लिए विशेष जगह भी दी गई है।

    हर बर्थ पर पढ़ने के लिए रोशनी और चार्जिंग पॉइंट उपलब्ध होंगे, जो आज के डिजिटल युग में बेहद जरूरी है। ट्रेन में स्वचालित दरवाजे होंगे और इंटीरियर बिल्कुल हवाई जहाज जैसा होगा। यात्रियों को ऐसा महसूस होगा, जैसे वे किसी विमान में यात्रा कर रहे हैं, लेकिन जमीन पर। यह डिजाइन न सिर्फ मॉर्डन दिखता है, बल्कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

    सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम-

    यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, ट्रेन में क्रैश बफर और डिफॉर्मेशन ट्यूब लगाए गए हैं। कोचों के बीच आग प्रतिरोधी दीवारें स्थापित की गई हैं, जो किसी भी आपात स्थिति में अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करेंगी। आधुनिक स्लीपर बर्थ और एयरलाइन जैसे इंटीरियर के अलावा, ट्रेन में वाई-फाई सेवा भी उपलब्ध होगी। यात्री अपनी पूरी यात्रा के दौरान इंटरनेट से जुड़े रह सकेंगे, जो व्यावसायिक यात्रियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा।

    सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रेलवे प्रशासन बेहद गंभीर है। सभी आधुनिक सुरक्षा प्रणालियां इस ट्रेन में लगाई जाएंगी। आपातकालीन स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए विशेष उपकरण भी मौजूद होंगे। यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

    निर्माण और अनुबंध की जानकारी-

    इस वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का निर्माण BEML यानी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। डिजाइन और तकनीकी सहायता चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ICF द्वारा प्रदान की जा रही है। काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस को ऐसी 120 ट्रेनों के निर्माण का अनुबंध दिया गया है, जिनका निर्माण महाराष्ट्र के लातूर में हो रहा है। इस अनुबंध की कुल कीमत 6.5 बिलियन डॉलर यानी लगभग 54,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

    यह अनुबंध भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। लातूर में इन ट्रेनों के निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। यह मेक इन इंडिया पहल का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

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    संचालन और किराया व्यवस्था-

    हालांकि अंतिम मार्ग अभी तय नहीं किए गए हैं, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार यह ट्रेन दिल्ली और पटना के बीच चल सकती है, जो एक उच्च यात्री संख्या वाला मार्ग है। प्रस्तावित समय सारणी के अनुसार, ट्रेन शाम 8 बजे पटना से रवाना होगी और सुबह 7:30 बजे दिल्ली पहुंचेगी। इस तरह यात्रियों को रातभर की आरामदायक यात्रा मिलेगी और वे सुबह तरोताजा होकर अपनी मंजिल पर पहुंचेंगे।

    ट्रेन के छोटे स्टेशनों पर दो से तीन मिनट के ठहराव की उम्मीद है, जबकि दिल्ली कैंट और जयपुर जैसे प्रमुख स्टेशनों पर थोड़ा लंबा ठहराव होगा। टिकट का किराया राजधानी एक्सप्रेस से लगभग 10 से 15 प्रतिशत अधिक हो सकता है, हालांकि यह विशिष्ट मार्ग और यात्रा श्रेणी के आधार पर अलग-अलग होगा। इस किराये में मिलने वाली शानदार सुविधाओं को देखते हुए यह उचित प्रतीत होता है।

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