Diwali Cracker Ban
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    Diwali Cracker Ban: त्योहारों का मौसम शुरू होने से ठीक पहले सिक्किम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक बड़ा और साहसिक कदम उठाया है। शनिवार को बोर्ड ने दिवाली से पहले राज्य में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। यह फैसला पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जहां राज्य सरकार ने स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त दिवाली की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।

    सिक्किम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य के नागरिकों से विशेष अपील की है, कि वे पटाखे न फोड़ें और सिंगल-यूज़ प्लास्टिक के उपयोग से भी बचें। बोर्ड ने लोगों को ईको-फ्रैंडली ऑप्शन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। दीयों की रोशनी, लाइट डिसप्लेज़ और अन्य पर्यावरण के अनुकूल सेलिब्रेशन के तरीकों को अपनाने की सलाह दी गई है। यह पहल न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर उदाहरण भी प्रस्तुत करेगी।

    अलीगढ़ में पटाखों की बाजार में रौनक-

    वहीं दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में पटाखों की बाजार पूरी रौनक के साथ सजी हुई है। शहर के विभिन्न इलाकों में पटाखों के स्टॉल लगाए गए हैं और लोग खरीदारी करते हुए नजर आ रहे हैं। नुमाई ग्राउंड की पटाखा मार्केट में इस बार कुछ खास नामों वाले पटाखे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह के नाम पर बने पटाखों की डिमांड सबसे ज्यादा देखी जा रही है। यह ट्रेंड दर्शाता है, कि कैसे व्यापारी करेंट इवेंट और लोकप्रिय हस्तियों के नामों का इस्तेमाल करके अपने प्रोडक्ट को आकर्षक बना रहे हैं। खरीदारों की भीड़ और बाजार की रौनक से साफ है, कि दिवाली की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं।

    सुप्रीम कोर्ट का संतुलित दृष्टिकोण-

    पर्यावरण और परंपरा के बीच संतुलन बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया। कोर्ट ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध में ढील दी है। संशोधित आदेश के अनुसार, लोगों को ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई है, लेकिन कुछ सख्त शर्तों के साथ।

    भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्र की बेंच ने निर्देश दिया, कि ग्रीन फायरक्रेकर केवल 18 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच ही बेचे और फोड़े जा सकते हैं। इसके अलावा, आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है, कि 18 और 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से 7 बजे के बीच और शाम 8 बजे से रात 10 बजे के बीच ग्रीन पटाखे फोड़ना भी प्रतिबंधित रहेगा।

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    त्योहार और पर्यावरण में संतुलन की जरूरत-

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि यह नरमी केवल केस-बाय-केस बेसिस पर दी गई है और एक निश्चित समय सीमा के लिए सीमित है। कोर्ट ने ‘बैलेंसड अप्रोच’ की महत्वता पर जोर देते हुए कहा, कि सैलिब्रेशन को मॉडरेशन में अनुमति दी जानी चाहिए, साथ ही पर्यावरण संबंधी चिंताओं को भी ध्यान में रखना चाहिए।

    बेंच ने कहा, “हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा, विरोधाभासी हितों को ध्यान में रखते हुए और संयम में अनुमति देते हुए, जबकि पर्यावरण संबंधी चिंताओं से समझौता नहीं करना होगा।” यह स्टेटमेंट दर्शाता है, कि न्यायपालिका जनता की भावनाओं और पर्यावरण की सुरक्षा दोनों को समान महत्व दे रही है।

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